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बांके बिहारी कॉरिडोर पर फंसा पेंच, सरकार करना चाहती है खर्च-सेवायतों ने रकम देने से किया मना, अब हाई कोर्ट में सुनवाई

बांके बिहारी कॉरिडोर के निर्माण को लेकर राज्य सरकार और मंदिर के सेवायतों के बीच खर्च की राशि को लेकर पेंच फंस गया है। यह मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में विचाराधीन है। राज्य सरकार के अनुसार कॉरिडोर निर्माण में मंदिर के पैसे का भी उपयोग किया जाना चाहिए। वहीं सेवायतों का कहना है कि राज्य सरकार खुद सारी राशि व्यय करे। मामले में अगली सुनवाई 28 अगस्त को होनी है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Wed, 14 Aug 2024 05:03 PM (IST)
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मामले में अब इलाहाबाद हाई कोर्ट 28 अगस्त को सुनवाई करेगा।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। बिहारीपुरा, वृंदावन जिला मथुरा स्थित बांकेबिहारी मंदिर कारिडोर मामले में अब इलाहाबाद हाई कोर्ट 28 अगस्त को सुनवाई करेगा। बुधवार को न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा व न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा की खंडपीठ ने सुनवाई की।

हालांकि, इस संबंध में कोई आदेश हाई कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड नहीं था। सेवायत की तरफ से सुनवाई में मौजूद अधिवक्ता मयंक शर्मा ने बताया कि कोर्ट ने मथुरा जिला प्रशासन को जन्माष्टमी के मद्देनजर तीन दिन तक क्राउड मैनेजमेंट के लिए व्यवस्थाओं के संबंध में अनुमति दी है।  

राज्य सरकार की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई हो रही है। अनंत शर्मा व अन्य की जनहित याचिका पर नवंबर 2023 में तत्कालीन मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर तथा न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने राज्य सरकार को कारिडोर की दिशा में आगे बढ़ने की अनुमति दी थी।

कहा था कि मंदिर का पैसा इसमें नहीं लगाया जाएगा। राज्य सरकार ने लगभग 147 करोड़ रुपये का प्रविधान बजट में किया है, लेकिन वह मंदिर के पैसे का भी उपयोग करना चाहती है। इसी बात पर पेच फंसा है। सेवायतों का कहना है कि मंदिर की रकम न खर्च की जाए। यदि सरकार बनवाना चाह रही है तो सारी राशि का व्यय खुद करे।

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