Move to Jagran APP

UP News: यूपी में कम नहीं पड़ेगी यूरिया-डीएपी, कृषि विभाग का दावा- पर्याप्त है उर्वरक की उपलब्धता

उत्तर प्रदेश में रबी फसलों के लिए उर्वरकों की मांग बढ़ रही है लेकिन कृषि विभाग ने पूरे प्रदेश में खाद की पर्याप्त उपलब्धता का दावा किया है। कृषि निदेशालय की रिपोर्ट के अनुसार यूरिया डीएपी एनपीके एमओपी और एसएसपी का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है। विभाग ने खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए सीमाओं पर खासकर नेपाल और पड़ोसी राज्यों से सटे जिलों में सख्ती बढ़ाई है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Thu, 17 Oct 2024 10:29 PM (IST)
Hero Image
तय लक्ष्य के सापेक्ष उर्वरक का पर्याप्त कोटा मौजूद: रिपोर्ट
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में रबी फसलों के लिए उर्वरकों की तेजी से बढ़ती मांग के बीच कृषि विभाग ने पूरे प्रदेश में खाद की पर्याप्त उपलब्धता का दावा किया है। कृषि निदेशालय की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, तय लक्ष्य के सापेक्ष उर्वरक का पर्याप्त कोटा मौजूद है। 

इस वर्ष के  लगाया गया है, जिसके सापेक्ष 16 अक्टूबर तक 28.75 लाख टन की उपलब्धता रही। इस अवधि तक 4.28 लाख टन बिक्री के बाद अभी भी 24.47 लाख टन का बफर स्टॉक मौजूद है। पर्याप्त कोटे के बावजूद कृषि विभाग ने इस वर्ष यूरिया व डीएपी के संतुलित उपयोग पर जोर दे रहा है।

तीन गुणा अधिक स्टॉक अभी मौजूद 

संयुक्त निदेशक (उर्वरक) आशुतोष मिश्र ने बताया कि रबी फसलों के लिए उर्वरक की कहीं कोई कमी नहीं है। उन्होंने बताया कि अक्टूबर माह के लिए पांच लाख टन यूरिया की खपत का अनुमान लगाया गया है, जबकि इसके सापेक्ष तीन गुणा (16.31 लाख टन) से अधिक स्टॉक अभी मौजूद है। 

इस दौरान पांच लाख टन डीएपी की खपत के संभावित अनुमान के सापेक्ष 4.19 लाख टन डीएपी क्रय केंद्रों पर उपलब्ध है। इसके अलावा तीन से चार दिनों में 82 हजार टन डीएपी और पहुंच जाएगी। 

क्याें होती है उर्वरक की कमी?

अक्टूबर माह के लिए एनपीए का लक्ष्य 3.25 लाख टन है, जबकि उपलब्धता इससे कहीं अधिक 4.23 लाख टन की है। 60 हजार टन एमओपी के सापेक्ष 1.10 लाख टन मौजूदा उपलब्धता है। वहीं, एक लाख टन एसएसपी के तुलना में करीब तीन गुणा (2.92 लाख टन) मौजूदा उपलब्धता है। 

उन्होंने कहा कि कई बार किसान पहले से ही उर्वरक का स्टॉक शुरू कर देते हैं, इसलिए कुछ जिलों में उर्वरक की कमी जैसे हालात देखने को मिलते हैं। पूरे राज्य में अभी कहीं भी गेहूं की बुआई शुरू नहीं हुई है, लेकिन कुछ लोगों ने स्टॉक अभी से शुरू कर दिया है। 

बता दें कि रबी सीजन के दौरान सबसे अधिक खपत यूरिया और डीएपी की होती है। इस वर्ष 39 लाख टन यूरिया और 15 लाख टन डीएपी की खपत का अनुमान लगाया गया है।

खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए सीमाओं बढ़ाई गई सख्ती

भारत और नेपाल सीमा के साथ ही पड़ोसी राज्यों से सटे जिलों में इस बार उर्वरक की कालाबाजारी रोकने के लिए संबंधित जिलों को विशेष सतर्कता के निर्देश दिए गए हैं। पड़ोसी देश नेपाल से सटने वाले सात जिलों पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच और श्रावस्ती को खाद की कालाबाजारी रोकने और स्टाॅक की नियमित निगरानी का निर्देश जारी किया गया है। 

वहीं, पड़ोसी राज्यों से सटे 32 जिलों पर भी निगाह रखी जा रही है। बीते वर्षों में ऐसा देखा गया है कि इन जिलों में उर्वरक की खपत अन्य जिलों से बहुत अधिक रही है।

यह भी पढ़ें: मेरी शादी करवा दो… कोई करवा चौथ का व्रत तो रखे! फरियाद सुनकर हैरत में पड़े विधायक, पूछा- कैसी लड़की चाहिए?

यह भी पढ़ें: Aligarh News: एएमयू के 104 साल के इतिहास में पहली बार बग्घी पर सवार हुईं महिला कुलपति

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।