18th Lok Sabha सत्रहवीं लोकसभा में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने वाले 55 चेहरे इस बार सदन में नहीं दिखेंगे। कारण इन 55 चेहरों में वे पूर्व सांसद शामिल हैं जिन्हें या तो पार्टी की तरफ से टिकट ही नहीं मिला या फिर वे चुनाव हार गए हैं। आठ बार की सांसद मेनका गांधी भी अब सदन में नहीं दिखेंगी।
आशीष त्रिवेदी,
लखनऊ। सत्रहवीं लोकसभा में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने वाले 55 चेहरे इस बार सदन में नहीं दिखेंगे। कारण, इन 55 चेहरों में वे पूर्व सांसद शामिल हैं, जिन्हें या तो पार्टी की तरफ से टिकट ही नहीं मिला या फिर वे चुनाव हार गए हैं। आठ बार की सांसद मेनका गांधी भी अब सदन में नहीं दिखेंगी। वैसे तो वह वर्ष 1989 में सांसद बनीं थी, लेकिन वर्ष 1991 में 10वीं लोकसभा का चुनाव हार गई थीं।
फिर वर्ष 1996 में 11वें से 17वें लोकसभा चुनाव तक वह लगातार जीतती रहीं। इस बार वह सुलतानपुर से चुनाव हार गई हैं।
मेनका के साथ ही उनके पुत्र वरुण गांधी भी इस लोकसभा में नहीं दिखेंगे। भाजपा ने पीलीभीत से उनका टिकट काट दिया था। दूसरे दिग्गज आठ बार के सांसद संतोष गंगवार का इस बार भाजपा ने टिकट काट दिया था। हालांकि बरेली सीट पर भाजपा के ही छत्रपाल सिंह गंगवार ने कमल खिला दिया।
रायबरेली से सोनिया गांधी नहीं लड़ीं। उनके बेटे राहुल गांधी यहां से चुनाव लड़े और बड़ी जीत हासिल की। संभल से सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का बीते दिनों निधन हो गया। इस सीट से उनके पौत्र जियाउर्रहमान सपा के टिकट पर लड़े और जीते। मुरादाबाद से सपा के सांसद एचटी हसन को टिकट नहीं मिला। सपा से रुचि वीरा लड़ीं और जीत गईं।
इलाहाबाद से प्रो. रीता बहुगुणा जोशी का टिकट काटकर नीरज त्रिपाठी को दिया गया और वह चुनाव हार गए। महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण के आरोप में घिरे बृजभूषण शरण सिंह भी इस बार सदन में नहीं दिखेंगे। भाजपा ने कैसरगंज सीट से उनके स्थान पर बेटे करण भूषण सिंह को टिकट दिया और वह जीते।
एनडीए सरकार के सात मंत्री चुनाव हार गए।
इनमें खीरी से केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी, अमेठी से केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी, मोहनलालगंज से केंद्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर, फतेहपुर से केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, चंदौली से केंद्रीय मंत्री महेन्द्र नाथ पांडेय चुनाव हार गए। जालौन से केंद्रीय राज्यमंत्री भानु प्रताप वर्मा और मुजफ्फरनगर से केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बलियान हारे। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह राजू भइया एटा से चुनाव हार गए। गाजियाबाद से भाजपा ने वीके सिंह का टिकट काट दिया था।
सिर्फ ये 25 सांसद इस बार भी लोकसभा में दिखेंगे
17वीं लोकसभा के 25 सांसद ही 18वीं लोकसभा में दिखेंगे। इनमें वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मैनपुरी से सपा की डिंपल यादव, बुलंदशहर से भाजपा के भोला सिंह, अलीगढ़ से भाजपा के सतीश गौतम, मथुरा से भाजपा की हेमा मालिनी, आगरा से भाजपा के एसपी सिंह बघेल, शाहजहांपुर से भाजपा के अरुण कुमार सागर, हरदोई से भाजपा के जय प्रकाश, मिश्रिख से भाजपा के अशोक कुमार रावत, उन्नाव से सच्चिदानंद हरि साक्षी महाराज, लखनऊ से निवर्तमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, फर्रुखाबाद से मुकेश राजपूत, अकबरपुर से देवेन्द्र सिंह भोले, झांसी से भाजपा के अनुराग शर्मा, श्रावस्ती से सपा के राम शिरामणि वर्मा, जो पहले बसपा से जीते थे।
डुमरियागंज से भाजपा के जगदंबिका पाल, गोंडा से भाजपा के कीर्तिवर्धन सिंह, महाराजगंज से भाजपा के पंकज चौधरी, गोरखपुर से भाजपा के रवि किशन, कुशीनगर से भाजपा के विजय कुमार दुबे, बांसगांव से भाजपा के कमलेश पासवान, फतेहपुर सीकरी से भाजपा के राजकुमार चाहर, गौतमबुद्ध नगर से डा. महेश शर्मा गाजीपुर से सपा के अफजाल अंसारी जो पहले बसपा से सांसद थे और मीरजापुर से अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल शामिल हैं।
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