Religion Conversion Case UP: अवैध मतांतरण गिरोह के तीन और सदस्य नागपुर से गिरफ्तार
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि शुक्रवार देर रात नागपुर से रामेश्वर कांवरे उर्फ एडम कौसर आलम व भूप्रिय बंदो उर्फ डा.अर्सलान को गिरफ्तार किया गया है। तीनों को सड़क मार्ग से लखनऊ लाया जा रहा है।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। गहरी साजिश के तहत एक हजार से अधिक हिंदुओं का मतांतरण कराने वाले उमर गौतम व उसके साथियों का नेटवर्क कई राज्यों में फैला है। आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) की जांच में यह बात साबित हुई है। एटीएस ने मुख्य आरोपी उमर गौतम के तीन सक्रिय साथियों को नागपुर (महाराष्ट्र) से गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि शुक्रवार देर रात नागपुर से रामेश्वर कांवरे उर्फ एडम, कौसर आलम व भूप्रिय बंदो उर्फ डा.अर्सलान को गिरफ्तार किया गया है। तीनों को सड़क मार्ग से लखनऊ लाया जा रहा है। माना जा रहा है कि एटीएस रविवार को तीनों को कोर्ट में पेश करेगी। एडम की पत्नी इजिप्ट की नागरिक माई हसन अली है। एडम का नेटवर्क इजिप्ट से लेकर मध्य एशिया व कई मुस्लिम बाहुल्य देशों में फैला था और वह लंबे समय से उमर गौतम के सीधे संपर्क मेें था। एटीएस इस मामले में इससे पूर्व उमर गौतम समेत पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
एडीजी के अनुसार एडम नागपुर के गणेशपेठ का निवासी है। मूलरूप से लोहिया बाग, धनबाद (झारखंड) निवासी कौसर आलम नागपुर व अन्य राज्यों में बीज का कारोबार करता है। डा.अर्सलान मूलरूप से चमोसी, गढ़ चिरौली (महाराष्ट्र) का निवासी है कई वर्षों से वह हिजामा थेरेपी (चिकित्सा की एक विधि) से जुड़ा है। अर्सलान, उमर व उसके महाराष्ट्र नेटवर्क के लिए फंडिंग का काम संभालता है। आइजी एटीएस जीके गोस्वामी के मुताबिक जांच में सामने आया है कि उमर गौतम के महाराष्ट्र नेटवर्क से कौसर, डा.अर्सलान, पूर्व में गाजियाबाद में पकड़ा गया विजय वर्गीय, डा.फराज व अन्य लोग जुड़े थे और इन सभी का सीधा संपर्क एडम से था।
स्नातक तक शिक्षित एडम मतांतरण के लिए लोगों को उकसाने का काम इंटरनेट मीडिया के जरिये भी करता था। वह इंटरनेट मीडिया के कई ग्रुप में सक्रिय था और उनके माध्यम से इस्लाम का प्रचार-प्रसार कर रहा था। महाराष्ट्र में मतांतरण का नेटवर्क संचालित करने में सबसे खास भूमिका एडम की रही है। कौसर व उमर के भी काफी पुराने रिश्ते हैं और कौसर अपने व्यापार के नाम पर महाराष्ट्र, कर्नाटक व अन्य राज्यों में अपना नेटवर्क बढ़ा रहा था। कौसर वर्ष 2018 से एडम व अर्सलान के साथ दिल्ली व एनसीआर में होने वाले उमर गौतम के वार्षिक कार्यक्रम में शामिल होता रहा है।
एक माह पहले पकड़ा गया था सरगना : एटीएस ने 20 जून को उत्तर प्रदेश से लेकर अन्य राज्यों तक फैले मतांतरण के इस नेटवर्क का राजफाश किया था, जिसके बाद गिरोह से जुड़े अन्य लोग बेनकाब हो रहे हैं। सबसे पहले मुख्य आरोपी दिल्ली निवासी मु.उमर गौतम व मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी की गिरफ्तारी हुई थी। एटीएस ने करीब दो वर्षों में एक हजार लोगों का मतांतरण कराए जाने का ब्योरा जुटाने का दावा किया था। उत्तर प्रदेश के कई जिलों के अलावा दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, केरल व आंध्र प्रदेश तक में मतांतरण कराए जाने के साक्ष्य मिले थे। एटीएस के लखनऊ स्थित थाने में एफआइआर दर्ज की गई है। इसी मुकदमे के तहत एटीएस ने उमर के सक्रिय साथी हरियाणा निवासी मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, महाराष्ट्र के निवासी इरफान शेख व दिल्ली निवासी राहुल भोला को गिरफ्तार किया था। अब तीन और आरोपी दबोचे गए हैं।