Tokyo Paralympic 2020: ओलिंपिक में पदक जीतने वाले देश के पहले IAS अधिकारी सुहास LY को PM व CM से मिली बधाई, संघर्षपूर्ण रहा सफर
Tokyo Paralympic 2020 ओलिंपिक खेलों में पदक जीतने वाले देश के पहले प्रशासनिक अधिकारी उत्तर प्रदेश कैडर के आइएएस अफसर सुहास एल वाइ (यतिराज) को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बधाई दी है।
By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Sun, 05 Sep 2021 02:07 PM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। ओलिंपिक खेलों में पदक जीतने वाले देश के पहले प्रशासनिक अधिकारी उत्तर प्रदेश कैडर के आइएएस अफसर सुहास एल वाइ (यतिराज) को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बधाई दी है। पीएम मोदी ने तो फोन पर वार्ता कर बधाई दी जबकि सीएम योगी आदित्यनाथ ने सुहाइ एलवाइ को टोक्यो पैरालिंपिक खेलों 2020 में रजत पदक जीतने पर ट्विट से बधाई दी।
भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी और उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एल यथिराज ने टोक्यो पैरालिंपिक में सिल्वर मेडल अपने नाम किया है। उन्होंने बचपन के बैडमिंटन खेल के जुनून को प्रशासनिक सेवा के दौरान भी जारी रखा और आजमगढ़ में 2016 में बतौर जिलाधिकारी तैनात रहने के दौरान खेल को निखारा। वह आजमगढ़ में बैडमिंटन के एक टूर्नामेंट का उद्घाटन करने गए थे और उद्घाटन करने के बाद आयोजकों से बतौर खिलाड़ी प्रतिभाग करने का अनुरोध किया। उन्होंने प्रतियोगिता में दो-तीन नामचीन खिलाडिय़ों को हराया। इसके बाद से वह अपना खेल निखारने में लग गए और ओलिंपिंक में रजत पदक जीता।
पीएम मोदी ने फोन पर दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने टोक्यो फोन करने सुहास एलआइ को बधाई दी तो उन्होंने कहा कि आपकी सीख काफी काम आ गई। उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि आपने ही टोक्यो रवाना होने से पहले कहा था कि सामने कौन है यह मत देखना, बस बेस्ट करना। यही वाक्य आज मेरे लिए पैराओलिंपिक में जीत का मंत्र बना। उन्होंने कहा कि रजत पदक जीतने कर मुझे बेहद गर्व है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इससे पहले ट्विट भी किया था। उन्होंने लिखा कि सेवा और खेल का अद्भुत संगम। सुहास ने अपने असाधारण खेल प्रदर्शन की बदौलत हमारे पूरे देश की कल्पना पर कब्जा कर लिया है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।A fantastic confluence of service and sports! @dmgbnagar Suhas Yathiraj has captured the imagination of our entire nation thanks to his exceptional sporting performance. Congratulations to him on winning the Silver medal in Badminton. Best wishes to him for his future endeavours. pic.twitter.com/bFM9707VhZ
— Narendra Modi (@narendramodi) September 5, 2021बैडमिंटन में रजत पदक जीतने पर उन्हेंं बधाई। उन्हेंं उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं।सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी दी बधाईमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी टोक्यो पैरालिंपिक में रजत पदक जीतने पर गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाइ को बधाई दी। उन्होंने अपने ट्विट में लिखा कि आपने टोक्यो पैरालिंपिक में बैडमिंटन स्पर्धा में सिल्वर जीतकर भारत की खेल प्रतिभा को वैश्विक पटल पर प्रतिष्ठित किया है। देश को हर्षाने वाली यह अविस्मरणीय उपलब्धि खिलाडिय़ों को प्रेरित करेगी। आपको अनन्त शुभकामनाएं।
टोक्यो #Paralympics में @dmgbnagar सुहास एल. वाई. के रजत पदक जीतने पर प्रदेशवासियों की ओर से ढेरों बधाई एवं अनंत शुभकामनाएं। pic.twitter.com/648nLEdaHa
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 5, 2021रजत पदक जीतने के बाद सुहास एलवाई ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि मैंने टोक्यो में पैरालिंपिक खेलों में भारत के लिए सिल्वर मेडल जीता। अभी पीएम मोदी ने फोन कर मुझे बधाई और देशवासियों से मिल रहीं बधाइयों के बारे में जानकारी दी। आईएएस एसोसिएशन ने भी मेडल जीतने पर सुहास को बधाई दी। एसोसिएशन ने ट्वीट किया, आपने हमारा दिल जीत लिया। पूरे देश को आप पर गर्व है।गौरतलब है कि टोक्यो पैरालिंपिक में गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एल यतिराज ने कमाल करते हुए इतिहास रचा है। सुहास एल यतिराज ने टोक्यो में सिल्वर मेडल अपने नाम किया है। इन खेलों में भारत का यह 18वां पदक है। बैडमिंटन खिलाड़ी सुहास एल यतिराज ने टोक्यो पैरालिंपिक में मेंस सिंगल्स एसएल-4 वर्ग में रजत पदक जीता। फाइनल में सुहास एल यतिराज का सामना फ्रांस के लुकास मजूर से हुआ। फाइनल मुकाबले में सुहास ने पहला सेट जीता। अगले दो राउंड में फ्रांस के खिलाड़ी ने बाजी मारी। पहला गेम 21-15 से जीतने वाले सुहास एल यतिराज को दूसरे गेम में 17-21 तथा तीसरे गेम में 15-21 से हार मिली। जन्म से दिव्यांग, पिता की मौत के बाद बने आइएएस अफसर कर्नाटक के शिमोगा में जन्मे सुहास एलवाई जन्म से ही दिव्यांग (पैर में दिक्कत) थे। बचपन से ही उनको खेलों में दिलचस्पी रखते थे। क्रिकेट व बैडमिंटन के प्रति उनके प्रेम अधिक था। उनको पिता और परिवार का भरपूर साथ मिला। पिता की नौकरी ट्रांसफर वाली थी। ऐसे में सुहास कर्नाटक के कई जिलों में जाकर पढ़े। उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी से कम्प्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की। इसके बाद 2005 में पिता की मृत्यु के बाद बाद ठान लिया था कि उन्हेंं सिविल सॢवस में जाना है। जिद से उनको सफलता भी मिली। सिविल सेवा में उत्तर प्रदेश कैडर मिलने के बाद पहली पोस्टिंग आगरा में हुई। इसके बाद जौनपुर, सोनभद्र, आजमगढ़, हाथरस, महाराजगंज, प्रयागराज और गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी बने। जुनून आजमगढ़ में जिलाधिकारी रहते खूब निखराबैडमिंटन के प्रति उनका जुनून आजमगढ़ में जिलाधिकारी रहते खूब निखरा। वहां पर उनको प्रैक्टिस करने का भरपूर मौका भी मिला। यहां पर वह एक बैडमिंटन टूर्नामेंट में उद्घाटन करने गए थे। उन्होंने इसके बाद आयोजकों से खेलने की इजाजत ली। इस टूर्नामेंट में उन्होंने दो-तीन नामी खिलाड़ी को हराया तो अपना खेल और निखारने की ठान ली। इसके बाद उनके बारे में देश की पैरा-बैडमिंटन टीम के कोच गौरव खन्ना को पता चला तो उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए प्रेरित किया। 2016 में चीन में आयोजित एशियन चैंपियनशिप में पुरुषों के एकल स्पर्धा में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था। इसमें वह पहले गोल्ड जीतने वाले नॉन रैंक्ड खिलाड़ी थे। इसके बाद 2017 में तुर्की में आयोजित पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में पदक जीता। 2020 में ब्राजील में गोल्ड जीता।