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यूपी के छह सबसे प्रस‍िद्ध मंद‍िर, पौराणि‍क मान्‍यताओं के अनुसार यहां दर्शन करने के बाद बदल सकती है आपकी क‍िस्‍मत

Top SIX Temples in UP उत्‍तर प्रदेश के मंद‍िर पूरे व‍िश्‍व में व‍िख्‍यात है। दूर दूर से भक्‍त इन मंद‍िरो के दर्शन प्राप्‍त करने आत है। सावन (Sawan 2022) में काशी विश्वनाथ धाम में भक्‍तों की लम्‍बी कतारें बाबा के दर्शनों के ल‍िए लगी रहती हैं।

By Prabhapunj MishraEdited By: Updated: Sat, 30 Jul 2022 06:13 PM (IST)
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Spiritual Destinations In UP: च‍ित्रकूट रामघाट, काशी विश्वनाथ मंद‍िर, श्रीकृष्ण जन्‍मभूमि‍ मंद‍िर, मां विंध्यवासिनी धाम (फाइल फोटो)
लखनऊ, जेएनएन। उत्‍तर प्रदेश कई मयानों में बहुत खास है। यहां भगवान श्रीराम की तप स्‍थली भी है और महादेव की काशी भी है। माता सती के नौ रूपों में एक मां पाटन देवी का मंद‍िर भी तुलसीपुर में व‍िराजमान है। सहारनपुर में मां शाकम्भरी देवी का शक्तिपीठ है।

यूपी में ही वह स्‍थान है जहां ज्ञान प्राप्ति के पश्चात बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश द‍िया था। इतना ही नहीं मां विंध्यवासिनी का धाम भी यूपी के मिरजापुर में गंगा नदी के क‍िनारे विंध्याचल में स्थित है। हम आप को आज यूपी के छह बेहद खास मंद‍िरों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां दर्शन करने के बाद आपकी क‍िस्‍मत बदल सकती है।

काशी विश्वनाथ मंद‍िर (Kashi Vishwanath Temple)

  • काशी को पुराणों में महादेव की नगरी बताया गया है। सावन माह (Sawan 2022) में यहां दूर दूर से भक्‍त बाबा के दर्शन प्राप्‍त करने आते हैं। 
  • काशी में गंगा नदी के तट पर 12 ज्‍योत‍िर्ल‍िंगों में से एक बाबा विश्वनाथ ज्‍योत‍िर्ल‍िंग व‍िराजमान है।
  • श‍िव और काल भैरव की यह नगरी सप्‍तपुर‍ियों में शाम‍िल है।
  • दो नद‍ियों वरुणा और अस‍ि के बीच में बसे होने के कारण इस स्‍थान का नाम वाराणसी पड़ा। काशी के संकटमोचन और दुर्गा के मंदिर भारत भर में प्रसिद्ध हैं।

श्रीकृष्ण जन्‍मभूमि‍ मंद‍िर (Shri Krishna Janmasthan)

  • यमुना नदी के क‍िनारे भगवान श्रीकृष्ण की जन्‍म भूम‍ि पर कृष्ण जन्मस्थान मंदिर उत्तर प्रदेश के पवित्र शहर मथुरा में स्थित है।
  • यह जेल की कोठरी के चारों ओर बनाया गया है, जिसमें भगवान कृष्ण के माता-पिता, माता देवकी और वासुदेव कंस मां द्वारा कैद किये गए थे।
  • मथुरा में चामुंडा देवी मार्ग पर स्थित चामुंडा देवी मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है।
  • ऐसा माना जाता है कि मां गायत्री तपोध के सामने स्थित जहां ये मंदिर है! वहां मां गायत्री का एक बाल गिर गया था। जिसकी वजह से इस मंदिर का निर्माण करने का फैसला लिया गया।
  • कहा जाता है कि शांडिल्य ऋषि ने यहां तपस्या की थी और श्री गोरखनाथ ने भी यहीं ज्ञान प्राप्त किया था।

राम जन्‍म भूम‍ि मंद‍िर (Ram Mandir)

  • राम जन्मभूमि मंदिर एक प्रस‍िद्ध एवं पौराणि‍क मंदिर है जो उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्‍थि‍त है।
  • राम जन्मभूमि के पवित्र तीर्थ स्थल पर पुनः मंद‍िर नए रूप में बनाया जा रहा है।
  • राम जन्मभूमि राजा राम का जन्मस्थान है, जिन्हे भगवान विष्णु के सातवें अवतार के रूप में पूजा जाता है।
  • प्राचीन भारतीय महाकाव्य रामायण के अनुसार राम का जन्म अयोध्या में हुआ था।
  • इसे राम जन्मभूमि या राम की जन्मभूमि के रूप में जाना जाता है। यहां भगवान राम का रामलला रुप व‍िराजमान है।

च‍ित्रकूट का रामघाट और कामतानाथ मंदिर (Pilgrim Destinations of Chitrakoot)

  • चित्रकूट मंदाकिनी नदी के किनारे पर बसा भारत के सबसे प्राचीन तीर्थस्थलों में से एक है।
  • मंदाकिनी नदी के किनार बने अनेक घाट विशेष कर रामघाट और कामतानाथ मंदिर में पूरे साल श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है।
  • अमावस्या के दिन यहां विशेष महत्व माना जाता है माना जाता है कि भगवान राम ने सीता और लक्ष्मण के साथ अपने वनवास के चौदह वर्षो में ग्यारह वर्ष चित्रकूट में ही बिताए थे।
  • इसी स्थान पर ऋषि अत्रि और सती अनसुइया ने ध्यान लगाया था। ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने चित्रकूट में ही सती अनसुइया के घर जन्म लिया था।

मां विंध्यवासिनी धाम (Maa Vindhyavasini Temple)

  • उत्‍तर प्रदेश के मीरजापुर में गंगा नदी के क‍िनारे माता विंध्यवासिनी का पव‍ित्र धाम है।
  • मां विंध्यवासिनी को महामाया या योगमाया मां दुर्गा का स्‍वरूप माना जाता है।
  • यहां मां विन्ध्यासिनी त्रिकोण यन्त्र पर स्थित तीन रूपों को धारण करती हैं जहां स्वयं मां आदिशक्ति महालक्ष्मी विंध्यवासिनी के रूप में, अष्टभुजी अर्थात महासरस्वती और कालीखोह स्थित महाकाली के रूप में विराजमान हैं।
  • मान्यता अनुसार सृष्टि आरंभ होने से पूर्व और प्रलय के बाद भी इस क्षेत्र का अस्तित्व कभी समाप्त नहीं हो सकता।

शाकम्भरी देवी शक्तिपीठ (Shaktipeeth Shri Shakambhari devi)

  • शक्तिपीठ शाकम्भरी देवी मंदिर उत्तर प्रदेश के जिला सहारनपुर मे अवस्थित एक महाशक्तिपीठ है।
  • ब्रह्मपुराण मे इस पीठ को सिद्धपीठ कहा गया है अनेकों पुराणों और आगम ग्रंथों में यह पीठ परम पीठ, शक्तिपीठ,सतीपीठ और सिद्धपीठ नामों से चर्चित है।
  • यह क्षेत्र भगवती शताक्षी का सिद्ध स्थान है। इस परम दुर्लभ तीर्थ क्षेत्र को पंचकोसी सिद्धपीठ कहा जाता है।
  • भगवती सती का शीश इसी क्षेत्र मे गिरा था इसलिए इसकी गणना देवी के प्रसिद्ध शक्तिपीठों मे होती है।
  • उत्तर भारत की नौ देवियों की प्रसिद्ध यात्रा मां शाकम्भरी देवी के दर्शन बिना पूर्ण नही होती।
उत्तर प्रदेश न सिर्फ संस्कृति, सभ्यता एवं इतिहास को अपने अंदर समेटे हुए हैं बल्कि आध्यात्मिक और पौरााण‍िक स्‍थलों के कारण पूरी दुनि‍या में प्रस‍िद्ध है। सीतापुर जिले में गोमती नदी के क‍िनारे बसा नैमिषारण्य क्षेत्र 88 हजार से अध‍िक ऋषियों की तपःस्थली के रूप में जाना जाता है।

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