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समय की पटरी से डिरेल रेल बढ़ा रही यात्रियों की परेशानी, कई ट्रेनें निरस्त

रेलवे महाप्रबंधक ने अपने तीन डिवीजन के डीआरएम को सक्रिय कर दिया है। इसके बावजूद ट्रेनें घंटों के हिसाब से लेट हैं। पीक सीजन में कई ट्रेनें निरस्त हैं। यात्री बिना विकल्प परेशान है।

By Nawal MishraEdited By: Updated: Mon, 28 May 2018 11:16 AM (IST)
समय की पटरी से डिरेल रेल बढ़ा रही यात्रियों की परेशानी, कई ट्रेनें निरस्त
लखनऊ (जेनएन)। रेलवे महाप्रबंधक ने अपने तीन डिवीजन के डीआरएम को ट्रेनों के लेट होने को लेकर सतर्क कर दिया है। इसके बावजूद ट्रेनें घंटों के हिसाब से लेट हैं। अमूमन गर्मी के सीजन में यात्रियों की आवाजाही की अधिकता को देखते यात्री ट्रेनों में वृद्धि की जाती रही है। समर स्पेशल ट्रेनें चलाई जाती रहीं है लेकिन इस बार दर्जनों ट्रेनें रद होने की सूचना मिल रही है। बहाना मरम्मत, रखरखाव या फिर यात्री सुविधाएं बढ़ाने का है लेकिन हकीकत में यात्री परेशान हैं। किसी ट्रेन का कहीं खड़ा हो जाना, गर्मी में यात्रियों का परेशान होना, बीमार होना, यहां तक की मौत हो जाना सब कुछ रेल यात्रा का हिस्सा माने जाने लगे हैं। आए दिन एसी फेल होना, ट्रेनों में पानी नहीं होना, पंखे नहीं चलना, गंदगी होना आदि को लेकर हंगामा होता है। पीड़ित यात्री बताते है कि हंगामे का कारण कोई समस्या नहीं होती बल्कि उस समस्या का समाधान करने में की जा रही लापरवाही और लेटतलीफी हंगामे का कारण बनती है। इससे सबसे इतर छोटे बड़े हादसे कोढ़ में खाज बने हैं।

ट्रेनों की लेटलतीफी पर एक सर्वे

एक सैम्पल सर्वे के मुताबिक केवल लखनऊ-कानपुर स्टेशनों की मात्र 73 किमी की दूरी में ट्रेनें घंटों के हिसाब से लेट चल रहीं है। इतनी कम दूरी में समय से चलने वाली ट्रेनों की संख्या नगण्य है। अब यहीं क्रम अन्य स्टेशनों के बीच हो तो फिर यात्रियों की परेशानी का अनुमान लगाया जा सकता है।

स्टेशनों पर फंसे सैकड़ों यात्री

ट्रेनें निरस्त होने से राजधानी के सैकड़ों यात्री फंस गए हैं। उन्हें वापसी के लिए माथापच्ची करनी पड़ रही है। कंफर्म टिकट के लिए चक्कर काटने पड़ रहे हैं। यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए दलालों के गिरोह सक्रिय हैं। दरअसल, दिल्ली, देहरादून व हावड़ा रूट की 14 टे्रनें 29 मई से 2 जून तक कैंसिल रहेंगी। यात्रियों का तर्क है कि गर्मियों में चार माह पहले टिकट कराते हैं और रेलवे की अनियोजित योजना चंद मिनट में हजारों परिवारों को परेशान कर देती है। यात्रियों ने आरोप लगाया कि गर्मियों में पीक सीजन होता है यह रेलवे महकमा जनता है फिर भी सेक्शन पर ब्लॉक ले लिया जाता है। अगर फिर भी जरूरी था तो यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए थी। 

एक्सप्रेस ट्रेनें निरस्त

रेलवे ने सारनाथ एक्सप्रेस, गोदान एक्सप्रेस, बुंदेलखंड एक्सप्रेस समेत नौ जोड़ी ट्रेनों को 10 दिन के लिए अस्थाई रूप से निरस्त कर रखा है। उत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल के जनसंपर्क अधिकारी आशोक कुमार ने बताया कि यात्रियों को गाड़ी निरस्त होने पर परेशानी न हो इसके लिए सूचित कर दिया है। 26 मई से लेकर चार जून तक ट्रेनें निरस्त रहेंगी। रेलवे ने ऐसा लखनऊ मंडल द्वारा जंघई-वाराणसी सेक्शन के दोहरीकरण के लिए जंघई-सरायकंसराय-सुरियावां स्टेशन पर नॉन इंटरलॉकिंग कार्य के लिए किया है। 

पैसेंजर ट्रेनें निरस्त

उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल द्वारा जंघई-वाराणसी सेक्शन के दोहरीकरण के लिए जंघई-सरायकंसराय-सुरियावां स्टेशन पर नॉन इंटरलॉकिंग का काम शुरू कराए जाने की वजह से इलाहाबाद से तीन पैसेंजर गाडिय़ां अस्थाई रूप से निरस्त कर दी गई हैं। सोमवार से प्रयाग-जौनपुर और इलाहाबाद-जौनपुर पैसेंजर एवं मंगलवार से गाजीपुर सिटी-प्रयाग पैसेंजर निरस्त रहेगी। कई गाडिय़ां शनिवार और रविवार से निरस्त रहीं। कुछ सोमवार और मंगलवार से निरस्त रहेंगी। प्रयाग जंक्शन से सुबह 6.50 बजे से चलने वाली जौनपुर पैसेंजर 28 मई से लेकर दो जून तक निरस्त रहेगी। शाम छह बजे इलाहाबाद जंक्शन से चलने वाली जौनपुर पैसेंजर 28 मई से लेकर दो जून तक निरस्त की गई है। 

किसको कैसी असुविधा

वाराणसी इंटरसिटी के निरस्त होने से प्रतिदिन रायबरेली की ओर जाने वाले सैकड़ों दैनिक यात्रियों पर इसका असर पड़ेगा। जनता एक्सप्रेस और पंजाब मेल के भी निरस्त होने से प्रतापगढ़ की ओर जाने वाले यात्रियों को बसों का सहारा लेना पड़ेगा। गर्मियों की छुट्टियां देहरादून में बिताने के लिए चार महीने पहले ही जनता एक्सप्रेस में आरक्षण हो गए थे जबकि नई दिल्ली जाने के लिए काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस के निरस्त होने से इस रूट पर यात्रियों की मुश्किलें और बढ़ेंगी। पैसेंजर ट्रेनें निरस्त होने से कम दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों को असुविधा बढ़ रही है।

मालगाड़ी सात डिब्बे पटरी से उतरे

फीरोजाबाद रेलवे स्टेशन पर लूप लाइन पर जाते समय मालगाड़ी रविवार सुबह बेपटरी हो गई। हादसे में कोई हताहत तो नहीं हुआ लेकिन कई जगह प्लेटफार्म टूट गया। डाउन लाइन पर रेल यातायात दो घंटे तक ठप रहा, वहीं क्रासिंग के चलते शहर का यातायात भी प्रभावित हुआ। मीदनापुर स्पेशल मालगाड़ी टूंडला से कानपुर की तरफ जा रही थी। शताब्दी एक्सप्रेस पास करने के लिए नौ बजे इसे लूप लाइन पर लिया गया था। ट्रेन का अगला हिस्सा स्टेशन अधीक्षक कार्यालय के निकट पहुंचा ही था कि 11वीं बोगी पटरी से उतर गई फिर एक-एक कर सात बोगिंयां उतरती चली गईं। इलाहाबाद रेल मंडल जनसंपर्क अधिकारी सुनील गुप्ता ने बताया कि हादसे से दो घंटे यातायात प्रभावित हुआ है। 

ट्रेन में आग की अफवाह से भगदड़

मथुरा से आगरा की तरफ जा रही मंगला एक्सप्रेस वे में रविवार सुबह 11.30 बजे रेलवे स्टेशन बाद को क्रॉस करते ही आग लगने की अफवाह फैल गई। यात्रियों ने चेन पुलिंग कर ट्रेन को रोक दिया और कूद-कूद कर भागने लगे। रेलवे सुरक्षा बल और सिविल पुलिस के अधिकारियों ने ट्रेन की चेकिंग की और यात्रियों को समझा कर ट्रेन में बैठाया। करीब 23 मिनट तक ट्रेन रुकी रही। आरपीएफ के एसआइ लीलाधर शर्मा ने बताया कि ट्रेन में किसी पैसेंजर ने आग लगने की अफवाह फैलाई थी। ट्रेन 11.22 बजे रुकी थी, जबकि निरीक्षण के बाद 11.45 बजे रवाना कर दिया गया।

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