शौक बड़ी चीज है: गमलों में ही उगा दिया ढाई क्विंटल टमाटर, छत पर बैंगन से लेकर भिंडी तक है मौजूद
Lucknow News बागवानी का शौक है। शहर में खेत तो है नहीं इसलिए उन्होंने गमलों में खेती का प्रबंध किया। वह सब्जियों के साथ ही फलों का भी उत्पादन करते हैं। टमाटर तरोई करेला लौकी बैंगन भिंडी सहित अन्य सब्जियों की इतनी पैदावार होती है कि सपरिवार खाते हैं और पड़ोसियों व नाते-रिश्तेदारों को भी बांटते हैं। इस सीजन में उन्होंने करीब ढाई क्विंटल टमाटर का भी उत्पादन किया है।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Tue, 15 Aug 2023 10:42 AM (IST)
जागरण संवाददाता, लखनऊ : बागवानी का शौक है। शहर में खेत तो है नहीं, इसलिए उन्होंने गमलों में खेती का प्रबंध किया। वह सब्जियों के साथ ही फलों का भी उत्पादन करते हैं। टमाटर, तरोई, करेला, लौकी, बैंगन, भिंडी सहित अन्य सब्जियों की इतनी पैदावार होती है कि सपरिवार खाते हैं और पड़ोसियों व नाते-रिश्तेदारों को भी बांटते हैं।
इस सीजन में उन्होंने करीब ढाई क्विंटल टमाटर का भी उत्पादन किया है। अब टमाटर भले ही भाव का शतक लगा चुका है, लेकिन गोमतीनगर के विनयखंड के विनोद कुमार पांडेय पर इसका कोई असर नहीं है। वह टमाटर का मिश्रण बनाकर रखते हैं और इसे नया सीजन आने तक उपयोग करते हैं।
विनोद मूलत: रायबरेली के लालगंज कस्बे के अंबारा पश्चिम गांव के रहने वाले हैं। लखनऊ में 1994 से रहते हैं। उन्हें बागवानी का शौक युवावस्था से ही है। 60 वर्ष की आयु के हो चुके हैं, लेकिन यह शौक अभी बरकरार है।
विनोद के अनुसार, पहले अपने घर पर गमलों में सब्जियां उगाना शुरू किया। उत्पादन अच्छा हुआ तो पड़ोसी की करीब छह सौ स्क्वायर फीट की छत पर भी सब्जी उगाने लगे। पास के पार्क में भी कुछ गमले रखकर सब्जियां और फल उगाते हैं। पिछले साल नवंबर में टमाटर के करीब ढाई सौ पौधे लगाए थे। जून तक इनमें करीब ढाई क्विंटल टमाटर पैदा किया। उनकी बगिया में अभी बैंगन, तरोई और करेले लदे हैं।
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