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इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में रकम लेकर पेपर हल करने वाले दो गिरफ्तार; STF ने देहरादून से की ग‍िरफ्तारी

UP News गिरफ्तार आरोपितों की पहचान राहुल कुमार पुत्र अंजनि कुमार निवासी अधोरिया बाजार मुजफ्फरनगर बिहार व जितेश कुमार पुत्र राम बाबू सिन्हा निवासी ग्राम अथरी थाना रूनी सैदपुर जिला सीतामडी बिहार के रूप में हुई हैं। इनके पास से एक लैपटाप तीन मोबाईल फोन चार एडमिट कार्ड व अभ्यर्थियों की आनलाईन परीक्षा की डिसप्ले की फोटोकापी बरामद हुई है।

By Manoj Kumar Tripathi Edited By: Vinay Saxena Updated: Mon, 29 Apr 2024 08:25 AM (IST)
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लखनऊ: एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार जितेश कुमार व राहुल कुमार। एसटीएफ
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। एसटीएफ ने वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (वीआईटी) प्राइवेट यूनिवर्सिटी तमिलनाडु की इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा का प्रश्न पत्र हल करने के आरोप में शनिवार को देहरादून के रायपुर थाना से दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तार आरोपितों की पहचान राहुल कुमार पुत्र अंजनि कुमार निवासी अधोरिया बाजार मुजफ्फरनगर बिहार व जितेश कुमार पुत्र राम बाबू सिन्हा निवासी ग्राम अथरी थाना रूनी सैदपुर जिला सीतामडी, बिहार के रूप में हुई हैं। इनके पास से एक लैपटाप, तीन मोबाईल फोन, चार एडमिट कार्ड व अभ्यर्थियों की आनलाईन परीक्षा की डिसप्ले की फोटोकापी बरामद हुई है।

इस बारे में एसटीएफ फील्ड यूनिट मेरठ के अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर रिमोट एक्सेस साफ्टवेयर के जरिए प्रश्न-पत्र हल करते थे। एसटीएफ को वीआईटी इंजीनियरिंग की ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा में सिस्टम हैक करके सॉल्वरों की मदद से अभ्यर्थियों को परीक्षा पास करवाने वाले गिरोह की सूचना मिली थी। इसके बाद दोनों को देहरादून से गिरफ्तार किया गया है।

पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि देहरादून में सहस्त्रधारा रोड रायपुर पर जितेश कुमार ने एजू च्वाइस कंसल्टेंसी के नाम से 2022 में आफिस खोला था। वही पर जितेश की मुलाकात दूसरे आरोपित राहुल से हुई थी और दोनों पार्टनर बन गए। इसके बाद इंटरनेट मीडिया के जरिए विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में दाखिला कराने के लिए विज्ञापन जारी किया गया।

विज्ञापन देखकर देहरादून के आईटी पार्क में स्थित सेंट जैवियर्स स्कूल कनाल रोड के संचालक कुलबीर ने उनसे संपर्क किया। कुलबीर ऑनलाइन परीक्षा की लैब संचालित करता था। इसके बाद बने तीन लोगों के गिरोह में बिजनैर निवासी गौरव भी जुड़ गया। गौरव की पहचान आन लाइन परीक्षा वाली तमाम लैबो मे भी थी, जिसके जरिए यह लोग अन्य लैबो में भी परीक्षा के दौरान हैकिंग कर नकल कराने का काम करते थे। प्रत्येक अभ्यर्थी से उक्त परीक्षा में नकल कराने की एवज में एक से दो लाख रूपये लेते थे। गिरफ्तार अभियुक्तों के विरुद्ध देहरादूर ने थाना रायपुर में मुुकदमा दर्ज किया गया है।

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