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यूपी में स्मार्ट मीटर लगाने वाली दो कंपनी गोवा में ब्लैक लिस्ट, राज्‍य के ल‍िए 7200 करोड़ रुपये का म‍िला है काम

यूपी के तीन करोड़ से अधिक बिजली उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने हैं। जीनस कंपनी को लगभग 7200 करोड़ रुपये से पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाने का काम मिला है। वहीं एचपीएल मध्यांचल के उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा रही है। दोनों कंपन‍ियों को गोवा सरकार ने ब्लैक लिस्ट कर दिया है।

By Nishant Yadav Edited By: Vinay Saxena Updated: Fri, 06 Sep 2024 01:23 PM (IST)
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यूपी के तीन करोड़ से अधिक बिजली उपभोक्ताओं के यहां लगाए जाने हैं स्मार्ट प्रीपेड मीटर।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाली दो कंपनियों मेसर्स जीनस पावर इंफ्रास्ट्रक्चर लि. और मेसर्स एचपीएल इलेक्ट्रिक एंड पावर लिमिटेड को गोवा सरकार ने ब्लैक लिस्ट कर दिया है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने ब्‍लैक ल‍िस्‍ट में डाली गईं दोनों कंपनियों के बारे में पावर कारपोरेशन प्रबंधन को अवगत कराते हुए इस संबंध में गोवा सरकार से पता लगाने के लिए कहा है। इस बीच प्रदेश में इन कंपनियों को मीटर लगाने से रोकने की भी मांग की है।

दरअसल, लगभग 25 हजार करोड़ रुपये से राज्य के तीन करोड़ से अधिक बिजली उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने हैं। पूर्व में की गई टेंडर प्रक्रिया के तहत जीनस कंपनी को लगभग 7200 करोड़ रुपये से पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाने का काम मिला है। इसी तरह एचपीएल मध्यांचल के उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा रही है।

कारपोरेशन प्रबंधन पर उठाए सवाल

वर्मा ने पावर कारपोरेशन के साथ ही पूर्वांचल व मध्यांचल के अधिकारियों को कंपनियों को काली सूची में डालने की जानकारी देते हुए सवाल उठाया कि क्या दूसरे राज्य में काली सूची वाली कंपनी उत्तर प्रदेश में मीटर लगा सकती है। अगर नहीं लगा सकती तो काली सूची में डालने के एक माह पुराने आदेश पर कारपोरेशन प्रबंधन ने अब तक क्या कार्रवाई की?

काम रोक कर मीटर की गुणवत्ता की जांच की मांग

वर्मा ने कहा कि कारपोरेशन प्रबंधन पूरे मामले की गहनता से जांच कर निर्णय करे। पता करे कि क्या घटिया मीटर के कारण कंपनियां काली सूची में नहीं डाली गई हैं? गोवा सरकार ने संबंधित कंपनियों को भविष्य में गोवा सरकार या केंद्र सरकार के स्मार्ट मीटर संबंधी टेंडर में भाग लेने से भी रोक दिया है। परिषद अध्यक्ष ने कहा कि काम रोक कर मीटर की गुणवत्ता की जांच हो।

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