ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन की तस्करी कर रहे थे दो युवक, कीमत 1.37 करोड़; पकड़े जाने पर बताया- कैसे होता है इस्तेमाल?
उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ टीम ने लखनऊ में दो ऐसे युवकों को गिरफ्तार किया है जो ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन की तस्करी कर रहे थे। आरोपियों के पास मिले इंजेक्शन की कीमत 1.37 करोड़ रुपये बताई गई है। पुलिस के अनुसार आरोपी बिहार से इंजेक्शन लाकर आस-पास के इलाकों में सप्लाई करने वाले थे। आरोपियों के पास से गिरोह के पास से स्कॉर्पियो व नकदी भी बरामद की है।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। एसटीएफ ने गुरुवार को ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन की तस्करी करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया। आरोपियों के पास से 36 पेटी (2,80,899 एंपुल) बरामद किए हैं। बरामद माल कीमत करीब 1.37 करोड़ रुपये हैं।
एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक अमित कुमार नागर ने बताया कि पकड़े गए आरोपी बुद्धेश्वर निवासी अनमोल पाल और संडिला गोगांव निवासी दिनेश कुमार हैं। उन्होंने बताया कि बिहार राज्य से अवैध रूप में ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन की तस्करी करने वाले शातिर तस्करों के सक्रिय होने की सूचना मिली थी।
इसके बाद से टीम को तलाश के लिए लगाया गया था। गुरुवार को जानकारी मिली कि कुछ लोग गिरोह बनाकर बिहार से भारी मात्रा में ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन मंगाकर लखनऊ समेत आसपास के जिलों में सप्लाई करेंगे।
ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन इस्तेमाल कैसे होता है?
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन में फिनाइल का भी इस्तेमाल किया जाता है, जो कि जानवरों सहित जन मानस के लिए भी बहुत ही घातक है। इसकी मदद से पशुओं के दूध निकालने, सब्जियों व फलों को कम समय से अधिक विकसित होने के लिए किया जाता है।
गिरोह के पास से स्कॉर्पियो व नकदी भी बरामद की है। दोनों के खिलाफ आशियाना थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
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