उत्तर प्रदेश में शिक्षा विभाग का यू-टर्न, कम बच्चों वाले स्कूलों के विलय का जारी किया था निर्देश… विरोध के बाद लिया वापस
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग ने 50 या उससे कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को बंद करने और उन्हें अन्य स्कूलों में विलय करने के प्रस्ताव को फिलहाल स्थगित कर दिया है। विपक्षी दलों ने इस निर्णय का विरोध किया था जिसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने सफाई दी कि किसी भी स्कूल को बंद करने की प्रक्रिया गतिमान नहीं है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में 50 या उससे कम छात्र संख्या वाले स्कूलों का पास के दूसरे परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में विलय अब नहीं किया जाएगा। स्कूलों का विलय किए जाने से संबंधित खबर प्रकाशित होने के बाद शुरू हुए राजनीतिक विरोध को देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने इस प्रस्ताव को फिलहाल स्थगित कर दिया है।
इस मुद्दे पर विपक्षी दलों के घेरने के बाद विभाग बैकफुट पर आ गया है। बसपा सुप्रीमो मायावती के बाद अब कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा व आम आदमी पार्टी (आप) के उप्र प्रभारी संजय सिंह ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा तो अब विभाग इस पर सफाई दे रहा है।
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट कर और महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से सोमवार को लिखित सफाई दी गई कि किसी भी स्कूल को बंद कर उसे पास के दूसरे विद्यालय में विलय करने की कोई प्रक्रिया गतिमान नहीं है। ऐसे में 27,764 स्कूलों को बंद कर उनका पास के विद्यालयों में विलय नहीं किया जाएगा।
समीक्षा बैठक में दिए गए थे निर्देश
बता दें बीती 23 अक्टूबर को मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशकों व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों के साथ हुई समीक्षा बैठक का 13 पृष्ठों का जो कार्यवृत्त महानिदेशक स्कूल शिक्षा की ओर से जारी किया गया है, उसमें दूसरे पृष्ठ पर 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को दूसरे विद्यालयों में विलय करने के लिए किन-किन चीजों का ध्यान रखा जाना चाहिए और आगे 13 व 14 नवंबर से सभी जिलों में बैठक कर प्रस्ताव तैयार करने के भी निर्देश दिए गए हैं।महानिदेशक स्कूल शिक्षा के हस्ताक्षर से ही 30 अक्टूबर की तारीख में कार्यवृत्त जारी किया गया है। फिलहाल विरोध बढ़ने के बाद अब इस पर लीपापोती की जा रही है।
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