'कैंसर से भी ज्यादा गंभीर बीमारी है आउटसोर्स पर नौकरी देना', अनुप्रिया पटेल बोलीं- सत्ता तो आती-जाती रहती है, लेकिन...
अनुप्रिया पटेल ने कहा है कि सरकारी विभागों में आउटसोर्स पर की जा रही भर्तियों में आरक्षण जरूरी है। आरक्षण में पारदर्शी व्यवस्था बनाने के लिए जाति आधारित गणना होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालयों में आउटसोर्स पर कर्मचारियों की भर्ती कैंसर की तरह है। इसे या तो समाप्त किया जाना चाहिए या फिर आउटसोर्स वाली नौकरियों में भी आरक्षण की व्यवस्था को लागू किया जाना चाहिए।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अपना दल (सोनेलाल) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने कहा है कि सरकारी विभागों में आउटसोर्स पर की जा रही भर्तियों में आरक्षण जरूरी है। आरक्षण में पारदर्शी व्यवस्था बनाने के लिए जाति आधारित गणना होनी चाहिए। उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं से अपील की कि वह आरक्षण के मुद्दे को लोगों के बीच में लेकर जाएं।
सहकारिता भवन के सभागार में पार्टी की प्रांतीय मासिक बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी ने कार्यकारिणी को भंग कर दिया है। जल्द ही नई कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालयों में आउटसोर्स पर कर्मचारियों की भर्ती कैंसर की तरह है। इसे या तो समाप्त किया जाना चाहिए या फिर आउटसोर्स वाली नौकरियों में भी आरक्षण की व्यवस्था को लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सत्ता तो आती-जाती रहती है, लेकिन संघर्ष जरूरी है। संगठन ही सर्वोपरि है।
'नजूल भूमि का विधेयक की कोई आवश्यकता नहीं'
उन्होंने कहा कि नजूल भूमि का विधेयक की कोई आवश्यकता नहीं है। इस बारे में सरकार को भी अपनी भावनाओं से अवगत करवा चुकी हूं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में उनकी पार्टी एनडीए की रणनीति के हिसाब से ही प्रचार करेगी। उन्होंने लोकसभा चुनाव में अच्छा काम करने वाले कार्यकर्ता जवाहर लाल पटेल व राजेश पटेल को कार भेंट करने की घोषणा की।पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष व मंत्री आशीष पटेल ने कहा कि कार्यकर्ताओं की मेहनत से ही पार्टी आज प्रदेश में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन सकी है। संगठन के सभी पदों पर जल्द ही नए पदाधिकारियों की घोषणा कर दी जाएगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता पार्टी के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार पाल ने की। प्रांतीय मासिक बैठक समाप्त होने के बाद अनुप्रिया ने प्रदेश से प्रमुख नेताओं के साथ पार्टी कार्यालय में अलग से बैठक की। उन्होंने लोकसभा चुनाव में एनडीए के खराब प्रदर्शन के बारे में जानकारी ली और भविष्य की रणनीति तय की।
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