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मानव तस्करों का मददगार दिल्ली एयरपोर्ट पर काम करने वाला गिरफ्तार, यूपी एटीएस ने को मिली कामयाबी

यूपी एटीएस ने बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों की पहचान बदलकर उन्हें विदेश भेजने वाले मानव तस्कर गिरोह के मददगार दिल्ली एयरपोर्ट पर काम करने वाले युवक को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। एटीएस ने देहरादून निवासी अजय घिल्डियाल को सहारनपुर से गिरफ्तार किया है।

By Umesh TiwariEdited By: Updated: Fri, 19 Nov 2021 07:07 AM (IST)
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यूपी एटीएस ने मानव तस्करों के मददगार दिल्ली एयरपोर्ट पर काम करने वाले देहरादून निवासी युवक को गिरफ्तार किया है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (यूपी एटीएस) ने बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों की पहचान बदलकर उन्हें विदेश भेजने वाले मानव तस्कर गिरोह के मददगार दिल्ली एयरपोर्ट पर काम करने वाले युवक को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। एटीएस ने देहरादून निवासी अजय घिल्डियाल को सहारनपुर से गिरफ्तार किया है। एटीएस की अर्जी पर कोर्ट ने आरोपित अजय की 19 नवंबर से 10 दिनों की पुलिस रिमांड मंजूर की है। एटीएस उसे रिमांड पर लेकर उसके बैंक खातों व अन्य साथियों के बारे में पूछताछ करेगी।

आइजी एटीएस जीके गोस्वामी के अनुसार अजय ने पूछताछ में बताया है कि वह वर्ष 2016 से एयर इंडिया में कस्टमर सर्विस का काम करता था और इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट, दिल्ली में तैनात था। मानव तस्करी के मामले में गाजियाबाद से गिरफ्तार किए गए एजेंट विक्रम सिंह से पूछताछ में कई अहम तथ्य सामने आये थे। उसने दिल्ली एयरपोर्ट पर काम करने वाले अपने सहयोगी अजय घिल्डियाल का नाम बताया था। देहरादून में पटेलनगर थानाक्षेत्र स्थित रतनपुर नया गांव निवासी अजय के माध्यम से ही पहचान बदलकर विदेश भेजे जाने वाले घुसपैठियों का एयरपोर्ट पर आसानी से बोर्डिंग पास बनवाया जाता था। विक्रम से अजय का परिचय लंदन पासपोर्ट आफिस में काम करने वाले गुरप्रीत सिंह ने कराया था।

उल्लेखनीय है कि एटीएस ने 11 नवंबर को मानव तस्कर गिरोह के सक्रिय सदस्य समीर मंडल और विक्रम सिंह को गिरफ्तार किया था। एटीएस दोनों आरोपितों को पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। दोनों से घसपैठियों की पहचान बदलने के लिए फर्जी दस्तावेजों के जरिये उनके हिंदू नाम के आधार कार्ड, अन्य परिचर पत्र व पोसपार्ट बनवाने में मदद करने वालों के बारे में पूछताछ की जा रही है। एटीएस कई संदिग्धों की छानबीन कर रही है। जल्द अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी की जा सकती है।

अन्य एयरपोर्ट कर्मी भी एटीएस के निशाने पर : आइजी का कहना है कि अजय फर्जी दस्तावेजों के जरिये विदेश भेजे जा रहे लोगों की बोर्डिंग में मदद करता था। इसके बदले वह मानव तस्करों से प्रति व्यक्ति के हिसाब से 15000 रुपये तक लेता था। अजय ने इस रकम को संबंधित एयरलाइंस के कर्मचारियों के साथ बांटने की बात भी स्वीकार की है। अब उनकी भूमिका की भी जांच की जाएगी। एटीएस अधिकारियों का कहना है कि वर्ष 2020 में अजय की मुलाकात विक्रम और गुरप्रीत से हुई थी। गुरप्रीत लगातार फोन के माध्यम से अजय के संपर्क में था। अजय अब तक कमीशन लेकर 35 से 40 व्यक्तियों को स्पेन, ब्रिटेन व अन्य यूरोपीय देशों में भिजवाने में मदद कर चुका है। पूछताछ में उसके कुछ अन्य सहयोगियों के नाम भी प्रकाश में आए हैं।

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