लोकसभा चुनाव में लक्ष्य से चूकी भाजपा ने शुरू की हार की समीक्षा, अवध क्षेत्र के सांसदों व हारे उम्मीदवारों के साथ की बैठक
भाजपा प्रदेश मुख्यालय में बुधवार को प्रदेश अध्यक्ष व महामंत्री संगठन सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने बैठक करके चुनाव की गहन समीक्षा के लिए टास्क फोर्स के गठन का निर्णय लिया था। इसके बाद गुरुवार को अवध क्षेत्र के सांसदों व लोकसभा चुनाव में हारे उम्मीदवारों को पार्टी मुख्यालय बुलाया गया था। कल भी कानपुर सहित कुछ सीटों के उम्मीदवारों की बैठक बुलाई गई है।
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ। लोकसभा चुनाव में लक्ष्य से चूकी भाजपा ने हार के कारणों की समीक्षा शुरू कर दी है। अवध क्षेत्र के सांसदों व उम्मीदवारों के साथ गुरुवार को प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी व महामंत्री संगठन धर्मपाल ने बैठक कर लोस चुनाव में खराब प्रर्दशन के कारणों की जानकारी ली। इनकी रिपोर्ट के आधार पर भाजपा की टास्क फोर्स संबंधित लोस व विस क्षेत्रों में जाकर जांच करेगी। टास्क फोर्स की रिपोर्ट के बाद पार्टी केंद्रीय नेतृत्व को अपनी रिपोर्ट भेजेगी। इस बैठक में लखनऊ व गोंडा के सांसद राजनाथ सिंह तथा कीर्तिवर्धन सिंह शामिल नहीं हुए।
भाजपा प्रदेश मुख्यालय में बुधवार को प्रदेश अध्यक्ष व महामंत्री संगठन सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने बैठक करके चुनाव की गहन समीक्षा के लिए टास्क फोर्स के गठन का निर्णय लिया था। इसके बाद गुरुवार को अवध क्षेत्र के सांसदों व लोकसभा चुनाव में हारे उम्मीदवारों को पार्टी मुख्यालय बुलाया गया था। कल भी कानपुर सहित कुछ सीटों के उम्मीदवारों की बैठक बुलाई गई है। अन्य क्षेत्रों के सांसदों व हारे उम्मीदवारों से पार्टी उनके क्षेत्रों में जाकर बैठकें की जाएंगी।
2019 के मुकाबले इस बार भाजपा को 29 सीटों का नुकसान
लोकसभा चुनाव में इस बार भाजपा को 2019 के मुकाबले 29 सीटों का नुकसान हुआ है। पार्टी पता लगाने के प्रयास में है कि लंबे समय से जुड़े ओबीसी व वंचित समाज के मतदाताओं में किस दल ने सेंधमारी की है। इसके साथ ही गैर यादव ओबीसी और गैर जाटव दलितों में से कितने प्रतिशत मतदाताओं ने दूसरे दलों को वोट डाला है। भितरघात करने वाले नेताओं का भी पता लगाया जा रहा है।भितरघात के लग रहे आरोप
उन्नाव से चुनाव जीतने वाले साक्षी महाराज और फतेहपुर से चुनाव हारने वाली साध्वी निरंजन ज्योति ने भितरघात के आरोप लगाए थे। अब टास्क फोर्स के दो-दो वरिष्ठ नेता अलग-अलग लोस व विस क्षेत्रों का दौरा करके हार के कारणों की पड़ताल करेंगे। टास्क फोर्स जातीय समीकरणों के भी रिपोर्ट तैयार करेगी। इसमें किस-किस जाति के मतदाताओं ने किसे वोट दिया और कौन सी जातियों ने इस चुनाव में भाजपा से दूरी बनाई की भी रिपोर्ट शामिल की जाएगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर पार्टी अपनी अगली रणनीति तय करेगी। सरकार और संगठन में बात होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सहमति से भाजपा नेताओं ने टास्क फोर्स के लिए 60 नेताओं के नामों का चयन किया है।
उप चुनाव में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेगी भाजपा
लोकसभा के बाद प्रदेश में नौ सीटों पर होने वाले विधानसभा के उप चुनाव में भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेगी। पार्टी इसके लिए सारी तैयारियों में जुट गई है। उप चुनाव उन नौ विस सीटों पर होंगे जिनके विधायक इस लोस चुनाव में जीते हैं। इसके साथ ही सपा अपने कई बागी विधायकों की सदस्यता भी समाप्त करवाने के प्रयास में है। अगर सदस्यता समाप्त हो जाती है तो इनकी सीटों पर भी उप चुनाव होंगे। वहीं, कानपुर से सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा होने के बाद उनकी सीट पर भी उप चुनाव होना तय माना जा रहा है।यह भी पढ़ें: UP Lok Sabha Result 2024: …तो इसलिए कमजोर पड़ा एनडीए, चुनाव आयोग की रिपोर्ट में उजागर हुई बड़ी खामियां
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