UP By-Election 2024: कांग्रेस के सामने दोहरी परीक्षा; सिर्फ BJP नहीं, यह भी है एक बड़ी चुनौती
यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होगा। इस बार उपचुनाव में कांग्रेस की दोहरी परीक्षा होगी। कांग्रेस ने भाजपा को टक्कर देने के लिए कमर कस ली है लेकिन पार्टी के सामने एक चुनौती उम्मीदवारों के चुनाव की भी होगी। भाजपा व सपा के मुकाबले उपचुनाव में कांग्रेस को कड़ी परीक्षा से गुजरना होगा। फिलहाल सीटाें के बंटवारे काे लेकर सभी की निगाहें दिल्ली पर टिकी हैं।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। लोकसभा चुनाव परिणाम से उत्साहित कांग्रेस उप्र में खोया जनाधार जुटाने के लिए अपने संगठन को मजबूत करने में जुटी है। विधानसभा उपचुनाव को लेकर भी कांग्रेस ने कमर कसी है और सभी 10 सीटों पर तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। कांग्रेस भाजपा की सीटों पर पंजा लड़ाने को तैयार है।
हालांकि उसके सामने दोहरी परीक्षा है। पहली सपा से गठबंधन के चलते उसके हिस्से कितनी और कौन-कौन सीटें आती हैं और पार्टी भाजपा से किस तरह से मुकाबला करती है। कांग्रेस के सामने उम्मीदवारों के चयन की चुनाैती भी कम नहीं होगी। भाजपा व सपा के मुकाबले उपचुनाव में कांग्रेस को कड़ी परीक्षा से गुजरना होगा।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने रविवार को विधानसभा उपचुनाव को लेकर बैठक कर पार्टी की तैयारियों को लेकर आधिकारिक घोषणा की थी। जिन 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उन क्षेत्र के पदाधिकारियों को तैयारियां करने का निर्देश दिया था।
खासकर स्थानीय मुद्दों को ध्यान में रखकर चुनाव की तैयारियां करने का निर्देश दिया गया था। कांग्रेस ने अपनी तैयारी तो शुरू कर दी है पर अभी यह साफ नहीं है कि उसके हिस्से कौन सी सीटें होंगी। ऐसे में कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति भी है।
सभी की निगाहें दिल्ली पर
सीटाें के बंटवारे काे लेकर सभी की निगाहें दिल्ली पर टिकी हैं। यह भी देखना होगा कि कांग्रेस कितनी सीटों पर अपनी हिस्सेदारी जमा पाती है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस केवल दो सीटों पर जीत दर्ज कर सकी थी और केवल चार सीटों पर ही उसके प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे थे।
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस व सपा साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरी थीं। तब कांग्रेस ने 114 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और सात सीटों पर जीत दर्ज कर सकी थी। एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता का कहना है कि सीट निर्धारित होने के बाद ही संबंधित विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ता वास्तविक रूप से सक्रिय हो सकेंगे।
पार्टी सभी सीटों पर अपने पुरानी प्रदर्शन को लेकर भी समीक्षा कर रही है। प्रदेश में जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें पांच सीटें करहल, कटेहरी, मिल्कीपुर, कुंदरकी व सीसामऊ सपा के पास थीं। जबकि खैर, गाजियाबाद व फूलपुर भाजपा के पास थीं। मझवां निषाद पार्टी व मीरापुर रालोद के पास थी।
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