उपचुनाव में सीटों पर कांग्रेस की हिस्सेदारी भले ही कम होगी पर पार्टी आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अपनी सक्रियता बनाए रखने का पूरा प्रयास कर रही है। प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि कांग्रेस प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लगातार अपनी सक्रियता बढ़ा रही है। उपचुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर केंद्रीय नेतृत्व जल्द निर्णय करेगा। जल्द तस्वीर साफ हो जाएगी।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। लोकसभा चुनाव में सपा के साथ मिलकर प्रदेश में अप्रत्याशित परिणाम हासिल करने के बाद कांग्रेस की नजर विधानसभा उपचुनाव पर भी है। उपचुनाव में सीटों पर कांग्रेस की हिस्सेदारी भले ही कम होगी पर पार्टी आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अपनी सक्रियता बनाए रखने का पूरा प्रयास कर रही है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पहले भी यह साफ कर चुके हैं कि उनकी पार्टी का लक्ष्य भाजपा को हराना है। उपचुनाव की घोषणा होने के बाद कांग्रेस सभी नौ सीटों पर अपने प्रभारियों व पर्यवेक्षकों को और सक्रिय करेगी। सपा से गठबंधन के चलते कांग्रेस के हिस्से खैर व गाजियाबाद की दो सीटें आने की संभावना है।
सभी 10 सीटों पर संविधान बचाओ संकल्प सम्मेलन करेगी कांग्रेस
कांग्रेस ने उपचुनाव वाली सभी 10 सीटों पर संविधान बचाओ संकल्प सम्मेलन आयोजित करने की घोषणा की थी। कांग्रेस के उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे व प्रदेश अध्यक्ष का सम्मेलन के माध्यम से संगठन को सक्रिय करने के साथ ही वंचित व पिछड़ा वर्ग के लोगों में पैठ बढ़ाने पर जोर रहा है। पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेताओं को उपचुनाव वाली सीटों पर प्रभारी व पर्यवेक्षक नियुक्त करने के साथ ही वॉररूम भी स्थापित कराए हैं। वॉररूम के माध्यम से इन सीटों के जातीय समीकरणों के साथ ही स्थानीय मुद्दों की जानकारी जुटाई जा रही है।
सभी सीटों पर संगठन को मजबूत करने का प्रयास
कांग्रेस ने भाजपा व रालोद के हिस्से रहीं पांच सीटों पर अपनी दावेदारी की थी। हालांकि, उसके हिस्से अब खैर व गाजियाबाद दो सीटें आती ही दिख रही हैं। मिल्कीपुर सीट पर अभी चुनाव की घोषणा नहीं हुई है। जबकि कुंदरकी व मीरापुर सपा अपने पास रखना चाहती है। ऐसे में कांग्रेस सभी सीटों पर अपने संगठन को मजबूत करने का प्रयास करेगी, जिसका लाभ उसे आगे मिल सके।
सीटों के बंटवारे पर दो-तीन दिन में तस्वीर होगी साफ
प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि कांग्रेस प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लगातार अपनी सक्रियता बढ़ा रही है। उपचुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर केंद्रीय नेतृत्व जल्द निर्णय करेगा। दो-तीन दिन में तस्वीर पूरी तरह से साफ हो जाएगी।
नौ सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी बसपा: मायावती
यूपी में नौ विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में भी बसपा अपने उम्मीदवार उतारेगी और यह चुनाव भी अकेले ही पूरी तैयारी व दमदारी के साथ लड़ेगी। पिछले लोकसभा चुनाव में भी बसपा ने किसी दल से गठबंधन नहीं किया था। एनडीए और आईएनडीआईए से दूर रहते हुए चुनाव मैदान में उतरी बसपा को एक भी सीट पर सफलता नहीं मिली थी। पिछले दिनों हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में मायावती ने जरूर इनेलो से गठबंधन किया था, लेकिन एक भी सीट जीतना तो दूर, पार्टी के वोट भी पहले से घट गए। ऐसे में बसपा प्रमुख ने भविष्य में किसी भी राज्य के क्षेत्रीय दल से भी चुनावी गठबंधन न करने का निर्णय किया है।
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