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UP By-Election 2024: यूपी में विधानसभा उपचुनाव में राजनीतिक दलों की बड़ी परीक्षा, इन 10 सीटों पर टिकी हैं सबकी निगाहें

मायावती ने गांव चलो अभियान भी शुरू करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत बसपा के नेता गांव-गांव में जाकर चौपाल लगाएंगे और यह बताएंगे कि बसपा ही दलितों की एकमात्र हितैषी पार्टी है। नेशनल कोआर्डिनेटर आकाश आनंद को उपचुनाव की कमान देने की तैयारी है। इसी रणनीति के तहत प्रत्याशियों का चयन करने के लिए भी कहा गया है। बसपा ने कोआर्डिनेटरों से प्रत्याशियों के नाम मांगे हैं।

By Jagran News Edited By: Mohammed Ammar Updated: Sun, 07 Jul 2024 09:37 PM (IST)
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पहली बार इतनी अधिक सीटों पर एक साथ उपचुनाव होने जा रहे हैं। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। लोकसभा चुनाव के बाद अब उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों के होने वाले उपचुनाव में सभी राजनीतिक दलों की बड़ी परीक्षा होगी। पहली बार इतनी अधिक सीटों पर एक साथ उपचुनाव होने जा रहे हैं। सभी राजनीतिक दल अपना दमखम दिखाने के लिए तैयारियों में जुट गए हैं।

एनडीए व आइएनडीआइए के प्रत्याशी एक बार फिर इस चुनाव में आमने-सामने नजर आएंगे। वहीं, आमतौर पर उपचुनाव न लड़ने वाली बसपा भी इस उपचुनाव में अपना खोया जनाधार पाने की कोशिश में मजबूती से उतरेगी।

9 विधानसभा सीटों पर होना है उपचुनाव 

यह उपचुनाव उन नौ विधानसभा सीटों में होगा, जहां के विधायक अब सांसद बन चुके हैं। इसके अलावा कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट के सपा विधायक इरफान सोलंकी को बीते दिनों एमपी-एमएलए कोर्ट ने आगजनी के मामले में सात वर्ष की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी विधानसभा की सदस्यता चली गई है।

इसलिए अब 10 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होना है। हालांकि, इस परीक्षा में पास-फेल होने से राज्य सरकार की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, किंतु दोनों ही गठबंधन एक-दूसरे को हराकर बड़ा राजनीतिक संदेश जरूर देना चाहते हैं। उपचुनाव के लिए जो सीटें रिक्त हुई हैं, उनमें पांच सपा, तीन भाजपा, एक रालोद व एक निषाद पार्टी की है।

एनडीए के पास प्रदर्शन सुधारने का मौका

एनडीए लोकसभा चुनाव के खराब प्रदर्शन को भुलाकर पूरी ताकत से उपचुनाव लड़ने की तैयारी में जुट गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने डेढ़ दर्जन मंत्रियों को इन सीटों का प्रभारी बना दिया है। भाजपा उपचुनाव में अच्छा प्रदर्शन कर लोकसभा चुनाव में मिली हार का बदला आइएनडीआइए से लेना चाहती है।

भाजपा के अच्छे प्रदर्शन से एक बार फिर उसके कार्यकर्ताओं में जोश आ जाएगा। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष ने भी लखनऊ में दो दिवसीय समीक्षा बैठक कर उपचुनाव में विजय का संकल्प लेकर काम करने के लिए कहा है। उन्होंने दलितों पर फोकस बढ़ाने के निर्देश भी दिए हैं।

गठबंधन के पास ताकत बढ़ाने का मौका 

आइएनडीआइए में सपा व कांग्रेस भी उपचुनाव में अधिक से अधिक सीटें जीतकर अपने विजय क्रम को बरकरार रखना चाहती हैं। सपा ने प्रत्याशियों पर मंथन भी शुरू कर दिया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश ने अपनी पार्टी के शीर्ष नेताओं को पूरी तैयारी के साथ उपचुनाव में उतरने के निर्देश दिए हैं। पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) को इस उपचुनाव में भी सपा और मजबूत करेगी। 

इन सीटों पर होना है उपचुनाव

प्रयागराज जिले की फूलपुर, अलीगढ़ की खैर, गाजियाबाद की गाजियाबाद, मीरजापुर की मझवां, मुजफ्फरनगर की मीरापुर, अयोध्या की मिल्कीपुर, मैनपुरी की करहल, अंबेडकरनगर की कटेहरी, मुरादाबाद की कुंदरकी व कानपुर की सीसामऊ। 

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