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UP Byelection : यूपी में विधानसभा उपचुनाव से पहले सपा ने लगाया बड़ा आरोप, कहा- हमें उपलब्ध नहीं कराई जा रही मतदाता सूची

सपा के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल की ओर से सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए 18 अक्टूबर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद सात जून से प्रदेश में सभी विधान सभा क्षेत्रों के समस्त पोलिंग स्टेशनों पर मतदाता सूची से बड़ी संख्या में नाम काटे गए।

By Anand Mishra Edited By: Mohammed Ammar Updated: Fri, 18 Oct 2024 10:25 PM (IST)
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पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को सौंपा ज्ञापन

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश की जिन नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहा है उससे संबंधित मतदाता सूची बार-बार मांगने के बाद भी संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। सपा ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर उपचुनाव वाले निर्वाचन क्षेत्रों की संशोधित मतदाता सूची राजनीतिक दलों को तत्काल उपलब्ध कराने की मांग की है।

जानकारी नहीं देने का लगाया आरोप

सपा के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल की ओर से सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए 18 अक्टूबर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद सात जून से प्रदेश में सभी विधान सभा क्षेत्रों के समस्त पोलिंग स्टेशनों पर मतदाता सूची से बड़ी संख्या में नाम काटे गए, जोड़े गए या संशोधित किए गए हैं, जिनकी जानकारी राजनीतिक दलों (समाजवादी पार्टी) को नही दी गई है।

वोट लिस्ट नहीं उपलब्ध कराने का आरोप

कहा गया है कि सपा के जिलाध्यक्षों द्वारा मतदाता सूची की मांग संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी से की जा रही है, किंतु बार-बार मांगने पर भी वोटर लिस्ट उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। कितने मतदाताओं के नाम मतदाता काटे गए या जोड़े गए इसकी कोई जानकारी प्राप्त नही हो रही है।

ऐसे में मतदाताओं से संपर्क व चुनाव प्रचार में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। सपा ने मांग की कि करहल, कटेहरी, सीसामऊ, कुंदरकी, फूलपुर, मझवां, मीरापुर, खैर, गाजियाबाद विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची पार्टी को तत्काल उपलब्ध कराई जाए। सपा के केके श्रीवास्तव व राधेश्याम सिंह ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।

ईडी के सामने पूर्व खनन निदेशक रामबोध मौर्य भी साधे रहे चुप्पी

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बसपा सरकार में हुए 1400 करोड़ रुपये के स्मारक घोटाले में तत्कालीन खनन निदेशक रामबोध मौर्य से भी लंबी पूछताछ की है। हालांकि अधिक सवालों पर वह भी अन्य पूर्व अधिकारियों की तरह चुप्पी साधे रहे और गोलमोल जवाब दिए।

ईडी उन्हें दोबारा भी पूछताछ के लिए बुला सकता है। ईडी ने स्मारक घोटाले में कई मार्बल कारोबारियों की छानबीन भी तेज की है। सूत्रों का कहना है कि ईडी ने इसी मामले में गुरुवार को गोमतीनगर के विनीतखंड निवासी मार्बल कारोबारी आशुतोष अग्रवाल से लंबी पूछताछ की थी। वह लखनऊ मार्बल के संचालक आदित्य अग्रवाल के भाई हैं।

ईडी ने आदित्य अग्रवाल काे भी पूछताछ के लिए बुलाया था पर वह स्वास्थ्य कारणों से नहीं आ सके थे। ईडी ने मार्बल कारोबारी से बैंकों में हुए लेनदेन से संबंधित कुछ दस्तावेज मांगे हैं। ईडी पत्थरों की ओवर रेटिंग व सप्लाई से जुड़े कई बिंदुओं की जांच कर रहा है। 

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