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एडेड स्कूलों से निकाले गए एडहॉक टीचर्स को योगी सरकार का बड़ा ग‍िफ्ट, कैब‍िनेट में इस फैसले पर लगी मुहर

मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ की अध्‍यक्षता में मंगलवार कैब‍िनेट बैठक में अहम फैसला ल‍िया गया। अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक स्कूलों से निकाले गए 2214 तदर्थ शिक्षकों (एडहॉक टीचर) को मानदेय पर रखा जाएगा। कैबिनेट ने इसे हरी झंडी दे दी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर माध्यमिक शिक्षा विभाग ने नौ नवंबर वर्ष 2023 को इन शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दीं थी।

By Ashish Kumar Trivedi Edited By: Vinay Saxena Published: Tue, 02 Jul 2024 03:25 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jul 2024 03:25 PM (IST)
मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ की अध्‍यक्षता में हुई कैब‍िनेट बैठक में फैसला।- फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक स्कूलों से निकाले गए 2,214 तदर्थ शिक्षकों (एडहॉक टीचर) को मानदेय पर रखा जाएगा। मंगलवार को कैबिनेट ने इसे हरी झंडी दे दी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर माध्यमिक शिक्षा विभाग ने नौ नवंबर वर्ष 2023 को इन शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दीं थी। ऐसे शिक्षक भी इसमें थे जिन्हें 17 महीने से वेतन नहीं मिला था और उन्हें पूरा लंबित भुगतान कर सेवा समाप्त कर दी गई थी। वहीं इसके अलावा 40 ऐसे तदर्थ शिक्षक भी थे जो या तो कहीं समायोजित हो गए या कहीं दूसरी जगह नौकरी पा गए। फिलहाल, योगी सरकार ने इन शिक्षकों को बड़ा उपहार दे दिया है।

सहायक अध्यापकों को 25 हजार रुपए प्रति महीना

अपर मुख्य सचिव, माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार ने बताया कि सहायक अध्यापकों को 25 हजार रुपए प्रति महीने और प्रवक्ताओं को 30 हजार रुपए प्रति‍ महीने मानदेय दिया जाएगा। राज्य सरकार इसके लिए प्रबंधतंत्र को ग्रांट देगी। अगर वह चाहें तो अपने स्तर से प्रति महीने नियत किए गए इस मानदेय को बढ़ा भी सकते हैं। बाकी खर्चा उन्हें अपनी आय से करना होगा।

एडेड माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों के अल्पकालिक व मौलिक पद बड़ी संख्या में रिक्त हैं। ऐसे में विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए मानदेय पर अस्थायी नियुक्ति की जाएगी। प्रबंधतंत्र अपनी न्यूनतम आवश्यकता को पूरा करने के लिए मानदेय पर इन शिक्षकों को रखेगा।

शि‍क्षा सेवा चयन आयोग द्वारा भरे जाएंगे पद   

एडेड माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों को शिक्षा सेवा चयन आयोग के द्वारा आगे भरा जाएगा। पद खाली होने की स्थिति में यह मानदेय शिक्षक 62 वर्ष की आयु तक यह अपनी सेवाएं दे सकेंगे। मालूम हो कि वर्ष 1993 के बाद एडेड माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए प्रबंधतंत्र ने अपने स्तर से तदर्थ शिक्षकों की भर्ती की।

वर्ष 2000 से लेकर वर्ष 2004 तक नियमों के विपरीत भी तमाम तदर्थ शिक्षक रख लिए गए। ऐसे में मामाला कोर्ट तक पहुंचा। फिर नौ नवंबर वर्ष 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने तदर्थवाद को खत्म करने के निर्देश दिए। सुप्रीम कोर्ट ने राजकोष से इनको वेतन न दिए जाने के भी निर्देश दिए। ऐसे में बीते 20 से 30 वर्ष तक अपनी सेवाएं एडेड माध्यमिक स्कूलों में दे चुके शिक्षक बेरोजगार हो गए। उनके लिए जीवन-यापन करना कठिन हो गया। कई बार शिक्षकों ने धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। आखिरकार मांग पूरी कर ली है।

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