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UP Cabinet: यूपी पावर कारपोरेशन पर मेहरबान हुई योगी सरकार, कैबिनेट की बैठक में दे दी बड़ी गारंटी

UPPCL - सरकार ने कारपोरेशन को एक हजार करोड़ रुपये लोन लेने की गारंटी देने का निर्णय किया है। कारपोरेशन द्वारा हुडको से 9.5 प्रतिशत की दर पर ऋण लिया जाएगा। सरकार ने ओबरा व घाटमपुर तापीय परियोजना के साथ ही बलिया में उपकेंद्र व ट्रांसमिशन लाइनों के निर्माण कार्य की लागत बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Wed, 12 Jun 2024 02:04 AM (IST)
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UP Cabinet: यूपी पावर कारपोरेशन पर मेहरबान हुई योगी सरकार।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहे पावर कारपोरेशन को राज्य सरकार ने बड़ी राहत दी है। सरकार ने कारपोरेशन को एक हजार करोड़ रुपये लोन लेने की गारंटी देने का निर्णय किया है। 

कारपोरेशन (UPPCL) द्वारा हुडको से 9.5 प्रतिशत की दर पर ऋण लिया जाएगा। सरकार ने ओबरा व घाटमपुर तापीय परियोजना के साथ ही बलिया में उपकेंद्र व ट्रांसमिशन लाइनों के निर्माण कार्य की लागत बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।

अब तक ब्याज दर 10 प्रतिशत से भी अधिक

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक (UP Cabinet) में ऊर्जा विभाग से संबंधित किए गए निर्णयों के बारे में ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि प्रदेशवासियों को निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए पावर कारपोरेशन द्वारा पीएफसी और आरईसी से लोन लिया जाता रहा है। 

चूंकि इनके लोन की ब्याज दर 10 प्रतिशत से भी अधिक है, इसलिए सरकार ने पहली बार पावर कारपोरेशन द्वारा हुडको से एक हजार करोड़ रुपये लोन लेने की गारंटी देने का निर्णय किया है। शर्मा ने बताया कि हुडको की ब्याज दर 9.50 प्रतिशत है। 

73 हजार करोड़ रुपये की देनदारियां बकाया

उन्होंने बताया कि एटीएंडसी (तकनीकी व वाणिज्यिक हानियां) के कारण खर्च व वसूली में प्रति वर्ष 10 से 15 हजार करोड़ रुपये का गैप रहने से लोन लेने की आवश्यकता पड़ती है। वर्तमान में कारपोरेशन की लगभग 73 हजार करोड़ रुपये की देनदारियां हैं।

कैबिनेट ने 1200 मेगावाट की ओबरा सी तापीय विस्तार परियोजना की अनुमोदित द्वितीय संशोधित लागत 11705.85 करोड़ में 1299.58 करोड़ की बढ़ोतरी के कारण तृतीय संशोधित लागत 13005.43 करोड़ रुपये को भी मंजूरी दी है। 

घाटमपुर परियोजना को कैबिनेट ने दी मंजूरी

परियोजना की बढ़ी हुई अतिरिक्त लागत 1299.58 करोड़ का 70 प्रतिशत 909.71 करोड़ रुपये की व्यवस्था लोन से जबकि 30 प्रतिशत यानि 389.87 करोड़ की राशि सरकार खर्च करेगी। परियोजना की 660 मेगावाट की दूसरी यूनिट से जून में ही बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा। 

इसी तरह राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड व नेयवेली पावर लिमिटेड के संयुक्त उपक्रम में 1980 मेगावाट की घाटमपुर में स्थापित की जा रही तापीय परियोजना की 19,406.12 करोड़ रुपये की पुनरीक्षित लागत को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। 

परियोजना की बढ़ी हुई लागत का 70 प्रतिशत लोन से, जबकि 30 प्रतिशत अंश पूंजी के माध्यम से जुटाया जाएगा। परियोजना की 660-660 मेगावाट पहली, दूसरी व तीसरी यूनिट से इसी वर्ष बिजली का उत्पादन शुरू हो सकता है। परियोजना से उत्पादित बिजली का 75 प्रतिशत राज्य को ही मिलेगा।

कैबिनेट ने बलिया के रसड़ा में ट्रांसमिशन सबस्टेशन और संबंधित लाइनों के निर्माण कार्य के लिए 537.38 करोड़ रुपये की पुनरीक्षित लागत को भी मंजूरी दी है। जीआईएस उपकेंद्र रसड़ा का निर्माण (125 एमवीएआर बस रिएक्टर सहित) एवं लाइनों के निर्माण के लिए कुल पुनरीक्षित लागत का 30 प्रतिशत सरकार देगी जबकि 70 प्रतिशत धनराशि की व्यवस्था लोन के माध्यम से की जाएगी।

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