अयोध्या में अमित शाह बोले- अखिलेश बाबू की दूसरी पीढ़ी आ जाए तो भी ट्रिपल तलाक नहीं आएगा वापस
UP Chunav 2022 केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह अयोध्या के जीआइसी में चुनावी सभा को संबोधित करने के बाद गोरखपुर प्रस्थान करेंगे। अमित शाह अयोध्या में रामलला तथा हनुमानगढ़ी मंदिर में दर्शन-पूजन के बाद मणिराम दास छावनी पहुंचे।
By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Fri, 31 Dec 2021 06:07 PM (IST)
अयोध्या, जेएनएन। केन्द्र सरकार में गृह तथा सहकारिता मंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश में अपने लगातार प्रवास के दौरान शुक्रवार को लखनऊ में भाजपा कार्यकर्ताओं से भेंट करने के बाद रामनगरी अयोध्या का रुख किया। अयोध्या में हनुमानगढ़ तथा रामलला का दर्शन-पूजन करने के बाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास से भी भेंट की।
महंत नृत्य गोपाल दास से भेंट करने के बाद अमित शाह ने जीआइसी मैदान में भाजपा जनविश्वास यात्रा जनसभा को संबोधित किया। भाजपा के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह ने कहा कि समाजवादी पार्टी के इत्र की दुर्गंध पूरे उत्तर प्रदेश में फैल गई है। आज जब छापेमारी चल रही है तो उनके पेट में उबाल हो रहा है। उन्होंने कहा कि जो राम मंदिर बनने से रोकना चाहते हैं मैं उन्हें कहना चाहता हूं, रोक सकें तो रोक लें, लेकिन किसी में इतना दम नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी में श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर का पुनर्निर्माण कराया। इससे पहले औरंगजेब के जमाने में जो बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए जाता वो मन मसोस कर वापस आता था।
अयोध्या में गृह मंत्री अमित शाह ने भाजपा की जनविश्वास रैली में करीब 24 मिनट के संबोधन कहा कि कश्मीर से जब धारा 370 हटी, तब सपा के साथ बसपा, कांग्रेस, कम्युनिष्ट और ममता बनर्जी ने इस निर्णय का मिलकर विरोध किया और जब ट्रिपल तलाक हटाया गया, तो भी इन्हीं लोगों ने विरोध किया। इसके बावजूद अब यह वापस आने वाला नहीं है,भले ही अखिलेश यादव की दूसरी पीढ़ी आ जाय।
गृह मंत्री ने इस दौरान बड़े करीने से अयोध्या की विरासत को नमन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में देश एवं प्रदेश के विकास का जिक्र किया तथा सपा, बसपा एवं कांग्रेस पर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने याद दिलाया कि इक्ष्वाकुवंशीय राजाओं ने यहां सुशासन के मंत्र गढ़े हैं, यह प्रभु राम की जन्मभूमि है, हनुमान जी यहां स्वयं विराजमान हैं। यह भूमि समाजवाद के प्रणेता आचार्य नरेंद्रदेव, डॉ. राममनोहर लोहिया की है। यह भूमि अंग्रेजों के विरुद्ध किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले बाबा रामचंद्र की है। यह भूमि महान देश भक्त अशफाक उल्ला के बलिदान की है। यह भूमि भगवान ऋषभदेव, सुमतिनाथ, अजितनाथ, अभिनंदननाथ एवं अनंतनाथ जैसे जैन तीर्थंकरों की भी हैै।
गृह मंत्री ने यह भी याद दिलाया कि अयोध्या में विनाश पर हर बार निर्माण ने विजय प्राप्त की और इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच अगस्त 2020 को राम मंदिर के लिए भूमि पूजन किया। उन्होंने कहा कि यह श्रीराम का वह मंदिर था, जिसका निर्माण रोकने के लिए सपा, बसपा, कांग्रेस सभी ने ढेर सारे कृत्य किए। कारसेवकों पर गोली चलवाई गई, रामसेवकों पर डंडे बरसाए गए। जो मंदिर निर्माण रोकना चाहते थे, वे रोक नहीं सके और अब जल्दी ही अयोध्या में आकाश को छूने वाला श्रीराम का मंदिर बनने को है। अपने उद्बोधन में अमित शाह ने प्रधानमंत्री के प्रयास से बाबा विश्वनाथ कारिडोर के लाोकार्पण और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयास से विंध्यवासिनी मंदिर के कायाकल्प की ओर ध्यान आकृष्ट कराया तथा इशारों में हमला बोलते हुए कहा, बुआ-बबुआ की सरकार ने आस्था के जिन प्रतीकों की उपेक्षा की मोदी-योगी के नेतृत्त्व में उन प्रतीकों को गौरव प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने विपक्ष पर परिवारवाद, पक्षपात और पलायन का आरोप लगाते हुए ट्रिपल पी से ग्रस्त बताया। जबकि भाजपा को ट्रिपल वी से युक्त बताते हुए कहा, भाजपा विकास, व्यापार और विरासत का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने भाजपा सरकार के प्रयास से अयोध्या में कराए जा रहे विकास कार्यों का भी जिक्र किया।
गृह मंत्री ने कहा कि अयोध्या की इस भूमि ने वर्षों तक प्रभु श्रीरामलला के जन्मस्थान के लिए संघर्ष किया है। अनेक बार विनाश भी हुआ, निर्माण भी हुआ लेकिन हर बार विनाश पर निर्माण ने विजय प्राप्त की। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद हमारे पहले गृह मंत्री सरदार पटेल ने सोमनाथ के ज्योतिर्लिंग का पुनर्निर्माण किया था। 75 वर्ष के बाद देश के करोड़ों लोग सौभाग्यशाली हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के शिला पूजन का काम किया। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि श्रीराम के भव्य मंदिर को बनने से रोकने के लिए कांग्रेस, सपा और बसपा ने अपने शासन में ढेर सारे प्रयत्न किए। यह तो आप सभी को याद होगा, इन लोगों ने कारसेवकों पर गोली चलाई थी। राम भक्तों पर डंडे बरसाए थे। इनकी हत्या कर सरयू नदी में बहा दिया गया था। उन्होंने कहा देश के जनता ने पूर्ण बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनाई, नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने और आज मैं देख कर आया हूं कि रामलला का मंदिर उसी स्थान पर बन रहा है। प्रदेश में बुआ-बबुआ के शासन में हमारे आस्था के प्रतीकों का सम्मान नहीं होता था। प्रधानमंत्री और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर एक आस्था के स्थान को गौरव प्रदान करने का काम कर रहे हैं। भाजपा की सरकार में अयोध्या को अपना प्राचीन गौरव वापस दिलाने का काम किया है।
गृहमंत्री ने कहा कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम के नाम से जोड़कर श्रीराम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन रहा है। यह दुनिया के सभी स्थानों से राम भक्तों को अयोध्या लाने का काम करेगा। शाह ने समाजवादी पार्टी और पर तंज कसते हुए सपा के शासन में तीन पी पर काम होता था। परिवारवाद, 2- पक्षपात, 3- पलायन। भारतीय जनता पार्टी तीन वी 1- विकास, 2- व्यापार, 3- सांस्कृतिक विरासत पर चलती है।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बुआ, बबुआ और कांग्रेस पार्टी कभी यूपी का विकास नहीं कर सकती। सपा के शासन में यहां पूरे प्रदेश में गुंडों और माफिया का बोलबाला था। हमारे लोगों को पलायन पर मजबूर कर दिया जाता था। योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद पलायन करवाने वाले, खुद भाग रहे हैं। उत्तर प्रदेश में तो पहले माफिया से पुलिस डरती थी, जबकि आज माफिया पुलिस के सामने सरेंडर कर रहा है। फर्क तो सभी को दिख रहा है। इससे पहले अमित शाह अयोध्या में रामलला तथा हनुमानगढ़ी मंदिर में दर्शन-पूजन के बाद मणिराम दास छावनी पहुंचे। जहां पर उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास जी से मुलाकात की।
गृह मंत्री अमित शाह ने किया रामलला का दर्शन पूजनअयोध्या में शुक्रवार को पहुंचे अमित शाह ने पहले रामलला का दर्शन पूजन किया। हेलीकाप्टर से रामकथा पार्क के हेलीपैड पर उतरे, शाह सीधे रामजन्मभूमि गए, जहां रामलला का दर्शन किया। आरती उतारी, प्रसाद ग्रहण किया। वैकल्पिक गर्भगृह के समीप ही चल रहे मंदिर निर्माण कार्य को देखने गए। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने गृहमंत्री को राम मंदिर निर्माण की जानकारी दी। निर्माण कार्य काे देखा। वह वहां 15 मिनट तक रहे।
इस दौरान ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र, राजा अयोध्या बिमलेंद्र मोहन मिश्र, महंत दिनेंद्र दास मौजूद रहे। वे हनुमानगढ़ी गए। हनुमान जी को पुष्पों की माला अर्पित की और आरती की, यहां मुख्य पुजारी रमेश दास ने उन्हें प्रसाद रूपी माला व रामनामी पहनायी तथा साफा भेंट किया तो संत राजूदास ने उन्हें गदा भेंट की। अमित शाह ने हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन प्रेमशंकरदास का आशीर्वाद लिया। यहां से निकल कर गृह मंत्री ट्रस्ट के अध्यक्ष व मणिरामदास जी की छावनी के महंत नृत्यगोपालदास का आशीर्वाद लेने पहुंचे। महंत नृत्यगोपालदास के उत्तराधिकारी महंत कमलनयनदास, संत मिथिला बिहारी दास सहित अन्य साधु संतों ने उनका पुष्प देकर स्वागत किया। शाह ने तकरीबन 10 मिनट तक ट्रस्ट अध्यक्ष से वार्ता की।
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