यूपी के सभी कॉलेजों को मिले सख्त निर्देश- हफ्ते भर के अंदर करें व्यवस्था वरना रोका जाएगा शिक्षकों-कर्मियों का वेतन
राजकीय डिग्री कॉलेजों व अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) डिग्री कॉलेजों के प्राचार्यों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वह हफ्ते भर के भीतर छात्रों शिक्षकों व कर्मचारियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था करें। बीते अगस्त में इस व्यवस्था को लागू करने के निर्देश दिए गए थे लेकिन तीन महीने बीतने के बावजूद भी अभी तक कई डिग्री कॉलेजों ने इसका इंतजाम नहीं किया है।
By Jagran NewsEdited By: Shivam YadavUpdated: Sat, 18 Nov 2023 08:01 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राजकीय डिग्री कॉलेजों व अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) डिग्री कॉलेजों के प्राचार्यों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वह हफ्ते भर के भीतर छात्रों, शिक्षकों व कर्मचारियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था करें।
बीते अगस्त में इस व्यवस्था को लागू करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन तीन महीने बीतने के बावजूद भी अभी तक कई डिग्री कॉलेजों ने इसका इंतजाम नहीं किया है। ऐसे में उच्च शिक्षा विभाग की ओर से लापरवाह कॉलेजों को अंतिम चेतावनी दी गई है और संबंधित कॉलेजों के प्राचार्यों की जवाबदेही तय कर दी गई है।
नियमित कक्षा में न आने की शिकायत
डिग्री कॉलेजों में विद्यार्थियों के नियमित कक्षा में न आने की शिकायतें सामने आ रही हैं। वहीं शिक्षक भी समय पर कक्षाएं नहीं ले रहे। ऐसे में बायोमेट्रिक उपस्थिति के माध्यम से इस पर सख्ती करने के निर्देश दिए गए थे।नियमानुसार 70 प्रतिशत उपस्थिति होने पर ही विद्यार्थियों को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जाती है, मगर डिग्री कॉलेजों की ढिलाई के चलते यह सख्ती से लागू नहीं हो पा रहा।
रोका जा सकता है वेतन
संयुक्त निदेशक (उच्च शिक्षा) डॉ. केसी वर्मा की ओर से इस व्यवस्था को एक हफ्ते में लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। आगे लापरवाही बरतने पर डिग्री कॉलेज के शिक्षकों व कर्मियों का वेतन भी रोका जा सकता है।यह भी पढ़ें: यूपी के 22 जिलों में होगी प्लॉट की नीलामी, बोली लगाकर करें अपना व्यवसाय; यूपीसीडा ने कर दी है पहल
यह भी पढ़ें: लखनऊ के हजरतगंज थाने में हलाल प्रमाण पत्र जारी करने वाली कंपनियों पर FIR दर्ज, सीएम योगी ने लिया संज्ञान
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।