UP Congress New Team: छह प्रांतीय अध्यक्ष बनाकर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का सभी वर्ग को साधने का प्रयास
UP Congress New Team जातीय-क्षेत्रीय संतुलन साधने के प्रयास में पहली बार प्रदेश को छह प्रांतों में बांटकर छह प्रांतीय अध्यक्ष बनाने का प्रयोग भी कांग्रेस ने किया है। कांग्रेस ने बाहरी को भी बड़ा पद देने में संकोच नहीं किया है।
By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Sun, 02 Oct 2022 02:11 PM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। UP Congress Committee New Team: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का कायाकल्प करने के लिए अनूठा प्रयोग किया है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (UPCC) का नया अध्यक्ष नियुक्त करने के साथ पार्टी ने छह प्रांतीय अध्यक्ष बनाकर सभी वर्ग को साधने का भी प्रयास किया है। इसके साथ ही साथ जातीय-क्षेत्रीय समीकरण पर भी पूरा जोर है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी का गठन में बहुजन समाज पार्टी (BSP) को छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वालों को बड़ा सम्मान भी दिया गया है। यूपीसीसी के नए अध्यक्ष बृजलाल खाबरी के साथ ही नसीमुद्दीन सिद्दीकी और नकुल दुबे बसपा को छोड़कर आए हैं। कांग्रेस ने अन्य दलों के जातीय समीकरण कर दलित पर दांव चलते हुए 'टीम प्रियंका' में शामिल पार्टी के राष्ट्रीय सचिव व बसपा के पूर्व सांसद बृजलाल खाबरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है।
जातीय-क्षेत्रीय संतुलन साधने के प्रयास
वहीं, जातीय-क्षेत्रीय संतुलन साधने के प्रयास में पहली बार प्रदेश को छह प्रांतों में बांटकर छह प्रांतीय अध्यक्ष बनाने का प्रयोग भी कांग्रेस ने किया है। कांग्रेस ने बाहरी को भी बड़ा पद देने में संकोच नहीं किया है। प्रदेश अध्यक्ष के साथ छह प्रांतीय अध्यक्ष में सिर्फ योगेश दीक्षित ही खांटी कांग्रेसी हैं। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष खाबरी व अन्य प्रांतीय अध्यक्ष बसपा व दूसरी पार्टियों से आए हैं या उनमें रह चुके हैं।
सिर्फ दो पर जीत और इतने ही प्रतिशत वोट
विधानसभा चुनाव 2022 में 403 सीट पर अपने प्रत्याशी उतारने के बाद सिर्फ दो पर जीत और इतने ही प्रतिशत वोट पाने वाली कांग्रेस ने मिशन 2024 की तैयारी के लिए बड़ी तैयारी की है। लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीते पांच माह से कांग्रेस हाईकमान की नजर जातीय समीकरणों पर थी और अंतत: दलित ही उसे ऐसा वर्ग नजर आया, जिसे किसी दल ने प्रतिनिधित्व नहीं दिया है। दलित पर हाथ रखते हुए नेतृत्व ने राष्ट्रीय सचिव बृजलाल खाबरी को उत्तर प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंप दी। बसपा से एक बार लोकसभा और एक बार राज्यसभा सदस्य रहे खाबरी बुंदेलखंड के उरई (जालौन) से आते हैं।
प्रदेश को छह प्रांत में बांटासाथ ही कांग्रेस ने पहली बार प्रदेश को छह प्रांत पश्चिम, ब्रज, बुंदेलखंड, अवध, प्रयाग और पूर्वांचल में बांटा है। कांग्रेस में आने से पहले बसपा के कद्दावर नेता रहे पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी को मुस्लिम चेहरे के रूप में मुस्लिमों के प्रभाव वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है। इनके साथ पिछड़ों के प्रतिनिधि के रूप में निवर्तमान प्रदेश महामंत्री अनिल यादव को बृज प्रांत का अध्यक्ष बनाया है। वह इटावा से आते हैं और उनसे उम्मीद है कि यादव बेल्ट में समाजवादी पार्टी के वोटबैंक में सेंध लगाएंगे।
ब्राह्मण वर्ग से दो नेताओं को प्रतिनिधित्व कांग्रेस ने ब्राह्मण वर्ग से दो नेताओं को प्रतिनिधित्व दिया है। अब तक प्रदेश में उपाध्यक्ष प्रशासन का दायित्व संभाल रहे अलीगढ़ के योगेश दीक्षित बुंदेलखंड प्रांत का जिम्मा देखेंगे। नई टीम में शामिल दीक्षित ही खांटी कांग्रेसी हैं, जो कभी किसी दूसरे दल में नहीं रहे। हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए बसपा के पूर्व विधायक तथा मंत्री नकुल दुबे अवध प्रांत के अध्यक्ष होंगे।
अजय राय प्रयाग प्रांत के मुखिया वाराणसी क्षेत्र में पार्टी के लिए संघर्ष करते रहे पूर्व विधायक अजय राय प्रयाग प्रांत के मुखिया होंगे। वह भूमिहार जाति के हैं। राजनीतिक सफरनामा भाजपा से शुरू किया, समाजवादी पार्टी में भी रहे और उसके बाद कांग्रेस में शामिल हुए। इसी तरह 2012 में बसपा से ही आए कांग्रेस के वर्तमान विधायक वीरेंद्र चौधरी पर पूर्वांचल में कुर्मी बिरादरी को एकजुट करने की जिम्मेदारी होगी।
दरकिनार राहुल गांधी का ही प्रस्तावप्रांतीय अध्यक्ष के रूप में नकुल दुबे की नियुक्ति पर कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता प्रश्न खड़े कर रहे हैं। उनका कहना है कि हाल ही में राजस्थान के उदयपुर में हुए पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने एक प्रस्ताव पास कराया था कि किसी दूसरे दल से आने के बाद जब कोई व्यक्ति कार्यकर्ता के रूप में पांच वर्ष पार्टी में काम कर लेगा, तभी उसे कोई पद दिया जाएगा। नकुल दुबे 26 मई, 2022 को ही बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए और उन्हें प्रांतीय अध्यक्ष जैसा महत्वपूर्ण पद दे दिया गया है।
अजय कुमार लल्लू पर हार का ठीकराराष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ी कांग्रेस मात्र दो सीट और दो प्रतिशत वोट ही पा सकी। हार का ठीकरा तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के सिर फोड़ा गया, जो खुद भी चुनाव हार गए थे। उन्होंने 15 अप्रैल, 2022 को अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था। तभी से नए अध्यक्ष की प्रतीक्षा की जा रही थी।
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