उत्तर प्रदेश में दलित की हत्या व पेशाब मामले को लेकर गरमाई राजनीति, मायावती ने की निंदा
उत्तर प्रदेश में दलितों पर अत्याचार के मामलों को लेकर राजनीतिक माहौल गरमा गया है। प्रयागराज में एक दलित युवक की हत्या और लखनऊ में एक बुजुर्ग के साथ मारपीट की घटनाओं पर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा है। बसपा प्रमुख मायावती ने इन घटनाओं की निंदा करते हुए सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में दलितों पर अत्याचार के मामले को लेकर सपा-बसपा सहित कई विपक्ष दलों ने सरकार को घेरा है। प्रयागराज में दलित युवक की हत्या और लखनऊ के धार्मिक स्थल में बुजुर्ग के साथ मारपीट करने और पेशाब चटवाने को लेकर राजनीति गरमा गई है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा है कि लखनऊ की घटना की जांच की जा रही है। आरोपित के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बसपा प्रमुख मायावती ने राज्य में दलितों पर हो रहे अत्याचार की निंदा करते हुए सवाल उठाया है कि दलितों पर अत्याचार कब रुकेगा। उन्होंने पिछले दिनों प्रयागराज के धूमनगंज स्थित मुंडेरा चुंगी के पास दो पक्षों में हुए मामूली विवाद के बाद रावेंद्र कुमार उर्फ मुन्नू की हत्या के मामले में सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
बसपा प्रमुख ने लखनऊ के काकोरी स्थित एक धार्मिक स्थल में दलित बुजुर्ग के साथ मारपीट और पेशाब चटवाने की घटना को लेकर आरोपित के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि 65 वर्षीय रामपाल के साथ की गई मारपीट व अमानवीय घटना के संदर्भ में सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा है कि किसी की भूल का अर्थ यह नहीं है कि उसे अपमानजनक व अमानवीय सजा दी जाए। परिवर्तन ही परिवर्तन लाएगा।
आप के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने कहा है कि भाजपा राज में दलित होना गुनाह है। वहीं आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्र शेखर ने कहा है कि यह जाति आधारित मानसिकता का शर्मनाक प्रदर्शन है। यह अपराध नहीं, बल्कि जातिवाद की मानसिकता का नंगा प्रदर्शन है। बुधवार को बसपा व आप नेताओं ने पीड़ित परिवार के साथ मुलाकात भी की है।

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