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UP: अब बिना जांच रोगी को दूसरे अस्पताल रेफर करने वाले डॉक्टरों पर होगी कार्रवाई, ड‍िप्‍टी CM ने द‍िए निर्देश

लाल बहादुर शास्त्री भवन (एनेक्सी) में हुई इस बैठक में उन्होंने निर्देश दिए कि शाम पांच बजे के बाद भी स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टर अनिवार्य रूप से रहें। सीएचसी पर शाम पांच बजे के बाद एक डॉक्टर अनिवार्य रूप से होना चाहिए। डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की उपस्थिति पर सख्ती की जाए। बिना सूचना दिए अनुपस्थित पाए जाने पर इनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।

By Jagran NewsEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Tue, 08 Aug 2023 08:42 PM (IST)
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लाल बहादुर शास्त्री भवन (एनेक्सी) में हुई बैठक के दौरान उप मुख्‍यमंत्री ब्रजेश पाठक।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) से मरीजों को जिला अस्पतालों में रेफर करने के खेल पर अब शिकंजा कसा जाएगा। अब बिना परीक्षण किए रोगी को दूसरे अस्पताल रेफर करने वाले डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मंगलवार को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने विभागीय समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस पर पर्याप्त सख्ती की जाए। ताकि जिला अस्पतालों व मेडिकल कालेजों में रोगियों की भीड़ कम हो सके।

शाम पांच बजे के बाद भी स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों पर अन‍िवार्य रूप से रहें डॉक्‍टर    

लाल बहादुर शास्त्री भवन (एनेक्सी) में हुई इस बैठक में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने निर्देश दिए कि शाम पांच बजे के बाद भी स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टर अनिवार्य रूप से रहें। सीएचसी पर शाम पांच बजे के बाद एक डॉक्टर अनिवार्य रूप से होना चाहिए। डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की उपस्थिति पर सख्ती की जाए। बिना सूचना दिए अनुपस्थित पाए जाने पर इनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से लेकर जिला अस्पतालों तक जीवन रक्षक दवाओं की उपलब्धता अनिवार्य रूप से होनी चाहिए। नव निर्मित सीएचसी को क्रियाशील करने के लिए वहां पद सृजन का प्रस्ताव जल्द चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशालय को भेजा जाए।

किशोरी योजना के तहत सेनेट्री नैपकीन के वितरण का द‍िया न‍िर्देश

किशोरी योजना के तहत सेनेट्री नैपकीन का वितरण किया जाए। स्कूलों में मेडिकल टीमें भेजकर विद्यार्थियों की जांच कराई जाए। संचारी रोगों के नियंत्रण के लिए प्रभावी कार्य योजना तैयार की जाए। डिजिटल एक्स-रे मशीनों को 90 दिनों के भीतर लगाया जाए। बैठक में प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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