UP Dhan Kharid: धान खरीद के भुगतान को लेकर बड़ी खबर आई सामने, सीएम योगी ने कर दी घोषणा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धान खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता और तत्परता के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों का हित सर्वोपरि है और धान खरीद में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने किसानों के भुगतान के लिए 48 घंटे की समय सीमा निर्धारित की है और क्रय केंद्रों पर बुनियादी सुविधाओं का ध्यान रखने का निर्देश दिया है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धान खरीद प्रक्रिया को पूरी तत्परता और पारदर्शिता के साथ संचालित करने के निर्देश दिए है। बुधवार को अपने सरकारी आवास धान खरीद की समीक्षा के दौरान उन्होंने साफ कहा कि सरकार के लिए किसानों का हित सर्वोपरि है, धान खरीद में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। धान क्रय के 48 घंटे के भीतर किसानों का भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्रय केंद्रों पर किसानों के बैठने, पेयजल सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं का ध्यान रखा जाए। क्रय केंद्रों में बोरे की कमी कहीं न हो। टोकन व्यवस्था के माध्यम से ही खरीद की जाए। सभी क्रय केंद्रों पर वर्षा तथा अन्य प्राकृतिक आपदा से धान की सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध किए जाएं। सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से प्रत्येक गतिविधि की निगरानी की जाए और सभी केंद्रों पर कर्मचारियों की उपस्थिति की निगरानी मुख्यालय स्तर से की जाए।
बैठक में मुख्यमंत्री ने पात्र परिवार को राशन उपलब्ध कराने जाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि विभाग ने फेयर प्राइस शाप को माडल फेयर प्राइस शाप बनाने की कार्रवाई को आगे बढ़ाया है।इस अवसर पर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव खाद्य आलोक कुमार, खाद्य आयुक्त सौरभ बाबू सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
87.50 करोड़ की लागत से होगा लखनऊ में फोरेंसिक साइंस लैब का निर्माण
- 18 महीने में निर्माण कार्यों को पूरा करने का रखा गया है लक्ष्य
- 20,572.80 वर्ग मीटर क्षेत्र में होगा सात मंजिला भवन का निर्माण
लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य फोरेंसिक विज्ञान संस्थान (यूपीएसआईएफएस) परिसर में 87.50 करोड़ रुपये की लागत से फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला का निर्माण किया जाएगा। 20,572.80 वर्ग मीटर के क्षेत्र में सात मंजिली प्रयोगशाला के निर्माण की जिम्मेदारी नियोजन विभाग के ईपीसी सेल को सौंपी गई है।
18 माह में इसका निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। नियोजन विभाग ने निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। रानीपुर मार्ग के जरिए लखनऊ-कानपुर मार्ग से इसे कनेक्ट किया जाएगा। आधुनिक फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के निर्माण व विकास के लिए नियोजन विभाग ने विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है। इसके मास्टर प्लान में आर्किटेक्चरल डिजाइन, टोपोग्राफी, साइट सर्वे समेत विभिन्न रिपोर्ट्स का संकलन व निर्धारण होगा, इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 90 दिनों की समयावधि के बीच इस कार्य को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रयोगशाला के निर्माण को लेकर आइआइटी दिल्ली, आइआइटी कानपुर, आइआइटी रुड़की, आइआइटी बीएचयू तथा एनआईटी प्रयागराज जैसी संस्थाओं से भी सलाह ली जा रही है। इसका निर्माण पूरा होने के बाद विभिन्न अपराधों से संबंधित केसों की जांच में पुलिस को काफी मदद मिलेगी। साथ ही अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने में इसकी अहम भूमिका होगी।यह भी पढ़ें: पुलिस ने सुनकर कर दिया था अनसुना, दुकानदार की मौत के बाद सामने आई पड़ोसी की करतूत
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