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सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रस्तुत किया 5 वर्ष का रिपोर्ट कार्ड, बोले- सपा ने बनवाई कब्रिस्तान की बाउंड्री, हमने विश्वनाथ धाम

UP Vidhan Sabha Election 2022 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमने प्रदेश में अपने पांच वर्ष के कार्यकाल में सभी संकल्पों को पूरा करने के साथ प्रदेश की छवि को भी सुधारने का काम किया। चुनाव से पहले जिन संकल्पों को अपनी वरीयता में रखा था उनको पूरा किया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Fri, 04 Feb 2022 07:05 AM (IST)
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UP Vidhan Sabha Election 2022: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार का बीते पांच वर्ष का लेखाजोखा प्रस्तुत किया।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। नई पारी के नामांकन से ठीक एक दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार का बीते पांच वर्ष का लेखाजोखा प्रस्तुत किया। इसे जनता की अदालत में 'रिपोर्ट कार्ड' बताते हुए उन्होंने औद्योगिक से सांस्कृतिक विकास और सुरक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक हर क्षेत्र में हुए काम का ब्योरा रखा। पिछली सरकारों के कार्यकाल के भी आंकड़े साथ रखते चल रहे योगी खास तौर पर सपा और भाजपा सरकार के बीच का फर्क दिखाने का प्रयास करते दिखे। अपने चिर-परिचित अंदाज में बोले भी कि सपा का विकास कार्य कब्रिस्तान की बाउंड्री में दिखता है, जबकि हमने श्री काशी विश्वनाथ धाम बनवाया, अयोध्या का विकास कराया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इन पांच वर्षों में तीन वर्ष की वह यात्रा है, जिसमें हमने निर्विघ्न काम किया। उसके बाद से दो वर्ष दुनिया के साथ उत्तर प्रदेश भी कोरोना की वैश्विक महामारी से जूझता रहा। फिर भी डबल इंजन की सरकार ने हर क्षेत्र में सुधारात्मक कदम उठाए। प्रदेश की छवि बदली। इस सफलता पर संतुष्ट नहीं होना है। जो यूपी आबादी के मामले में नंबर एक पर है, उसे हर क्षेत्र में नंबर एक पर पहुंचाना है।

सीएम योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को गोरखपुर शहर सीट से नामांकन कराएंगे। इससे पहले गुरुवार को वह भाजपा प्रदेश मुख्यालय पहुंचे। यहां पत्रकारों से बातचीत में याद दिलाया कि वह सरकार के छह माह के रिपोर्ट कार्ड के साथ ही हर वर्ष कामकाज का ब्योरा जनता के सामने प्रस्तुत करते रहे हैं। सरकार के साढ़े चार वर्ष होने पर भी किया था और अब पांच वर्ष पूरे होने पर जब वह चुनाव में जा रहे हैं तो फिर लेखाजोखा पेश करना चाहते हैं कि उनकी सरकार ने पिछली सरकारों की तुलना में क्या बेहतर किया।

उन्होंने बताया कि 2017 से पहले केंद्र सरकार की किसी भी योजना में उत्तर प्रदेश नंबर एक पर नहीं था, जबकि आज करीब 50 योजनाओं में पहले स्थान पर है। यूपी को छठवें से दूसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनाया। ईज आफ डूइंग बिजनेस में प्रदेश 14वें से दूसरे स्थान पर पहुंचा। वह यह बताना भी नहीं भूले कि इन पांच वर्ष में सरकार को ढंग से काम करने का मौका तीन वर्ष ही मिला। बाद के दो वर्ष कोरोना महामारी का प्रकोप रहा। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री व प्रदेश चुनाव सह प्रभारी अनुराग ठाकुर और केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर भी उपस्थित थे।

योगी की नजर में यूपी : 2017 से पहले और अब

पहले भूख से मौतें, अब मुफ्त राशन : सीएम योगी ने अपनी उपलब्धियां गिनाने के साथ ही पिछली सरकारों के दौर की खामियों का भी बार-बार उल्लेख किया। कहा कि 2017 से पहले प्रदेश में भूख से भी मौतें होती थीं। बतौर सांसद वह कई जगह दौरा करने भी गए, जबकि आज प्रदेश के 18 करोड़ गरीबों को महीने में दो बार मुफ्त राशन मिल रहा है। ऐसी व्यवस्था कर दी है कि राशन कार्ड धारक देश में कहीं भी एक ही कार्ड से राशन ले सकता है।

तब डेढ़ एक्सप्रेसवे, अब पांच : मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार बनने से पहले प्रदेश में सिर्फ डेढ़ एक्सप्रेसवे हुआ करते थे। बसपा सरकार ने यमुना एक्सप्रेसवे बनवाया और सपा सरकार ने आधा लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे बनवाया। भाजपा सरकार पूर्वांचल एक्सप्रेसवे शुरू कर चुकी है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे चालू होने वाला है। गंगा एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे और बलिया लिंक एक्सप्रेसवे पर काम चल रहा है।

भर्तियों में था भ्रष्टाचार, पांच वर्ष में पांच लाख नौकरियां : योगी ने आरोप लगाया कि सपा सरकार में सरकारी भर्तियों में भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार था। भाजपा सरकार ने पांच वर्ष में पारदर्शी तरीके से पांच लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी है। पुलिस में महिला कार्मिकों की संख्या तीन गुणा बढ़ाई।

तब बंद हुईं 29 चीनी मिलें, हमने नई चालू कीं : सीएम ने कहा कि सपा और बसपा शासनकाल में प्रदेश की 29 चीनी मिलें बंद कर कौड़ियों के भाव बेच दीं, जबकि भाजपा सरकार के पांच वर्ष में तीन नई चीनी मिलें शुरू की गईं। 20 मिलों का आधुनिकीकरण कराया जा रहा है। गन्ना किसानों का एक लाख 57 हजार करोड़ रुपये का भुगतान कराया। चीनी उत्पादन को 64 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 116 लाख मीट्रिक टन पहुंचाया।

केशव को दी नामांकन की बधाई : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने प्रयागराज की सिराथू सीट से चुनाव के लिए नामांकन कराया है। सुबह ही इसके लिए उन्हें बधाई दे दी।

पांच वर्षों में बदला यूपी, पचास योजनाओं में नंबर एक : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि डबल इंजन की सरकार ने बीते पांच वर्ष में उत्तर प्रदेश में सुशासन का माडल दिया है। पांच में से दो वर्ष कोरोना की चुनौतियां भी रहीं, लेकिन इसे भी सेवा का अवसर मानते हुए जीवन और जीविका बचाने का काम हुआ। यूपी ने देश के छठवें नंबर की अर्थव्यवस्था से दूसरे नंबर तक की यात्रा तय की है। अब अगले पांच वर्ष में प्रदेश को सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला राच्य बनाने के साथ-साथ देश में विकास के हर मानक पर नंबर एक बनाने के लक्ष्य के साथ काम होगा। उन्होंने कहा कि सरकार की जवाबदेही जनता के प्रति है और इसी उद्देश्य से पहले 100 दिन, छह महीने, एक वर्ष, दो वर्ष, तीन वर्ष, चार वर्ष और साढ़े चार वर्ष के कामकाज का ब्योरा दिया था। अब जबकि पांच वर्ष बाद चुनाव होने जा रहे हैं तो एक बार फिर पूरा हिसाब-किताब रखना जरूरी है।

तथ्य-तर्क और आंकड़ों के साथ पुरानी सरकारों कठघरे में किया खड़ा : योगी ने एक-एक कर अपनी सरकार की योजनाओं से बदले यूपी के परिदृश्य की तस्वीर दिखाने का प्रयास किया। तथ्य-तर्क और आंकड़ों के साथ सपा और बसपा के कार्यकाल की खामियां गिनाकर उन्हें कठघरे में भी खड़ा किया। कहा कि पांच वर्ष पहले 36,000 करोड़ रुपये से 86 लाख किसानों की कर्जमाफी से यह यात्रा शुरू हुई, जो माफिया-अपराधियों के खात्मे से होते हुए हर गरीब के सिर पर अपने घर की छत का सुकून देने तक पहुंची। पहले यहां नौकरियों में भाई-भतीजावाद और जातिवाद हावी था, वहीं भाजपा सरकार में पांच लाख युवाओं को बिना भेदभाव, भ्रष्टाचार मुक्त सिस्टम से सरकारी नौकरी मिली है। कभी किसानों से फसल खरीदी में आढ़तियों और बिचौलियों का कब्जा था, जबकि 2017 के बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कहीं अधिक खरीद हुई। 38 जिलों में सैकड़ों बच्चे हर साल इंसेफ्लाइटिस से मरते थे, वहां हर जिले में मेडिकल कालेज बन रहे हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम हुआ। उन्होंने कहा कि 2017 के चुनाव में जनता के बीच जो संकल्प लिए थे, आज 2022 में उसे लक्ष्य से कहीं अधिक पूर्ति कर एक बार फिर जनता के सामने हैं। भाजपा जो कहती है, वो करती है।

सपा ने कराए 700 बड़े दंगे, भाजपा राज में यूपी दंगामुक्त : योगी ने दावा किया कि बसपा सरकार में 364 दंगे प्रदेश में हुए, जबकि सपा सरकार में 700 से ज्यादा बड़े दंगे हुए। बीते पांच वर्ष में कोई दंगा या आतंकी घटना नहीं हुई। उत्तर प्रदेश पहला राज्य है, जहां पिछले पांच वर्ष में कोई दंगा नहीं हुआ। कहा कि एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में डकैती में 58 प्रतिशत, हत्या के मामलों में 23 प्रतिशत, फिरौती में 53 प्रतिशत और दुष्कर्म की घटनाओं में 45 प्रतिशत की कमी आई है। 694 पेशेवर अपराधियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई हुई। माफिया जो बेटी-बहनों की सुरक्षा के लिए खतरा थे, उनकी 2046 करोड़ की संपत्ति को ध्वस्त किया गया। धर्मांतरण विरोधी कानून और सार्वजनिक संपत्ति के तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाया गया।

बिचौलियों के दिन लदे, हुई रिकार्ड फसल खरीद : किसानों की खुशहाली को प्राथमिकता बताते हुए सीएम योगी ने कहा कि बसपा की सरकार के दौरान 240 लाख मीट्रिक टन और सपा सरकार के दौरान 217 लाख मीट्रिक टन अनाज खरीदा गया था। खास बात यह कि यह खरीद भी आढ़तियों के माध्यम से होती थी, जबकि भाजपा सरकार 794 लाख मीट्रिक टन अनाज खरीद चुकी है। न्यूनतम समर्थन मूल्य का वादा पूरा किया गया है। अब खरीद सीधे किसान या बंटाईदारों से होती है और पैसा उनके बैंक खातों में जाता है।

पांच वर्ष में बंद नहीं हुई कोई चीनी मिल, एथेनाल उत्पादन बढ़ा : गन्ना किसानों की बात करते हुए योगी ने कहा कि सपा-बसपा राज में औने-पौने दाम पर 29 चीनी मिलें बेची गई थीं। पिछले पांच वर्ष में एक भी चीनी मिल बंद नहीं हुई। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की कर्मस्थली छपरौली में रमाला चीनी मिल, बस्ती के मुंडेरवा में जहां किसानों पर गोली चली, वहां नई मिल और गोरखपुर के पिपराइच में नई मिल शुरू की गई। इसके साथ ही यूपी सरकार ने 1.57 लाख करोड़ रुपये गन्ना किसानों को भुगतान किया। चीनी की खपत नहीं थी तो एथेनाल बनाया। 348 करोड़ लीटर एथेनाल का उत्पादन हुआ, जबकि सपा और बसपा काल में एथेनाल उत्पादन क्रमश: 142 करोड़ लीटर और 58 करोड़ लीटर ही रहा। इसी तरह 2017 से पहले 10 वर्ष में कुल 64 लाख मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन हुआ, जबकि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 116 लाख 71 हजार मीट्रिक टन वार्षिक उत्पादन हो रहा है।

दोगुनी से ज्यादा बढ़ी प्रति व्यक्ति आय : मुख्यमंत्री ने बताया कि यूपी में 2017 से पहले प्रति व्यक्ति आय 45 हजार रुपये वार्षिक थी, जो बढ़कर 94 हजार रुपये हो गई है। 2015-18 में वार्षिक बजट दो लाख करोड़ था, ये अब 6 लाख करोड़ हो गया है। कोरोनाकाल की चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश के 40 लाख श्रमिक जो रोजी-रोटी के लिए बाहर गए थे, उन्हें वापस लाने का प्रबंधन और उनके भरण-पोषण का पूरा ध्यान हमारी सरकार ने पहली कोरोना लहर में किया था। पीएम स्वनिधि योजना से रेहड़ी-पटरी व्यवसायियों को सहूलियत मिली तो स्वामित्व योजना ने पुश्तैनी जमीन का अधिकार दिलाया। उन्होंने कहा कि एक करोड़ लोगों को पेंशन दी जा रही है। सरकार तीन करोड़ श्रमिकों को भरण-पोषण भत्ता दे रही है। श्रमिक को तीन हजार रुपये मासिक पेंशन की व्यवस्था की जा चुकी है।

एक फोरेंसिक विवि और 18 एफएसएल बन रहीं : पुलिस व्यवस्था में सुधार और आधुनिकीकरण का ब्योरा रखते हुए योगी ने कहा कि 1947 से 2017 तक उत्तर प्रदेश पुलिस बल में महिला पुलिसकार्मिक जितनी थीं, आज उसकी तीन गुना हैं। पांच वर्षों में तीन गुना महिला पुलिसकार्मिकों को भर्ती किया गया है। आजादी के बाद पहली बार महिला पुलिस को गांवों में बीट पुलिस बनाया गया। प्रदेश में पुलिस रिफार्म एक सपना था, क्योंकि कोई सोचता ही नहीं था। सत्ता में आने के बाद पुलिस राजनीतिक एजेंडा का हिस्सा हो जाती थी। भाजपा सरकार ने डेढ़ लाख पुलिस की निष्पक्ष तरीके से भर्ती की और 86 हजार पुलिसकर्मियों को पदोन्नति दी गई। पहले प्रदेश में एक भी फोरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) नहीं थी। अब एक फोरेंसिक साइंस विश्वविद्यालय लखनऊ में बन रहा है। 18 मंडलों में एफएसएल बन रही हैं, जिसमें से छह शुरू हो चुकी हैं।

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