UP Election Result 2022: लखनऊ में पहली बार ग्रामीण की चारों सीट हारी सपा, भीतरघात और कमजोर संगठन बनी वजह
Lucknow Election Result 2022 समाजवादी पार्टी लखनऊ में पहली बार ग्रामीण की चारों सीटें हारी। माना जा रहा है कि अंतिम समय तक दावेदारों के टिकट कटना अपनों की नाराजगी और भीतरघात सपा की हार की वजह बनी।
By Vikas MishraEdited By: Updated: Fri, 11 Mar 2022 08:45 PM (IST)
लखनऊ, जागरण संवाददाता। टिकट बंटवारे के बाद दावेदारों के असंतोष के बीच कमजोर संगठन और भीतरघात ने विधानसभा चुनाव में लखनऊ में समाजवादी पार्टी की साइकिल को पंक्चर कर दिया। अंतिम समय तक दावेदारों के टिकट काटे गए। जिनका पत्ता कटा वह चुनाव से दूर रहे। वही जमीनी स्तर पर संगठन की कमजोर तैयारी ने उसके वर्ष 2012 के चुनाव के प्रदर्शन को दोहराने की मंशा पर पानी फेर दिया। पहली बार सपा ने लखनऊ ग्रामीण की चारों सीट गवाँ दी। शहर की पांच में से दो उसने जीत ली।
इस बार सपा के नगर और जिला संगठन का चुनाव में प्रत्याशियों के बीच समन्वय भी नही दिखा। वर्ष 2017 के चुनाव में सपा को लखनऊ जिले में एकमात्र मोहनलालगंज सीट पर जीत हासिल हुई थी। यहां से मौजूदा विधायक अंबरीष पुष्कर का टिकट नामांकन के बाद काटकर पूर्व सांसद सुशीला सरोज को दे दिया गया। अम्बरीष पुष्कर के टिकट कटने की नाराजगी सुशीला सरोज पर भारी पड़ी।इसी तरह पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्र को लखनऊ उत्तर की जगह सरोजनीनगर से उतारकर सपा का ब्राह्मण कार्ड भी काम न आया। उत्तर से पूजा शुक्ला को टिकट मिला लेकिन यहां से दावेदार मुकेश शुक्ल, दीपक रंजन जैसे पार्टी नेताओं की सक्रियता कम नजर आयी। वहीं सरोजनीनगर से पूर्व मंत्री शारदा प्रताप शुक्ल और दावेदार शिव शंकर सिंह शंकरी ने टिकट न मिलने से भाजपा का दामन थाम लिया। जिससे इस सीट पर सपा के लिए परेशानी और बढ़ी।
मलिहाबाद सीट पर पार्टी ने सुशीला सरोज की जगह सोनू कनौजिया को टिकट दिया। इससे नाराज पूर्व विधायक इंदल रावत ने बगावती तेवर अपनाते हुए कांग्रेस से चुनाव लड़ा। पूर्व प्रत्याशी राजबाला रावत और सीएल वर्मा ने चुनाव से दूरी बना ली। पार्टी को यहां इससे नुकसान हुआ। बक्शी का तालाब सीट से पूर्व विधायक राजेन्द्र यादव और गोमती यादव दावेदार थे। पार्टी ने गोमती यादव पर दांव लगाया। इससे राजेन्द्र यादव के समर्थक कार्यकर्ता नाराज रहे।
शहर की लखनऊ पश्चिम विधानसभा सीट से सपा ने पूर्व विधायक रेहान अहमद का टिकट काटकर बसपा से आए अरमान खान को उतारा। रेहान 2012 में सपा से जीते थे और 2017 का चुनाव हार गए थे। इसी तरह लखनऊ मध्य से रविदास मेहरोत्रा ने अपनी मेहनत से सफलता पाई। वहीं लखनऊ कैंट से सपा ने पूर्व पार्षद सुरेंद्र सिंह राजू गांधी को उम्मीदवार बनाया। इससे नगर संगठन में नाराजगी बढ़ी। लखनऊ पूर्व से अनुराग भदौरिया को प्रत्याशी बनाया गया तो यहां के दावेदारों ने प्रदेश कार्यालय जाकर अपनी नाराजगी जताई।
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