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UP Election Results 2022: प्रोटेम स्पीकर के लिए राजभवन भेजे गए 17 नवनिर्वाचित विधायकों के नाम, आजम खां सबसे वरिष्ठ

UP Assembly Election Results 2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के परिणाम आने के बाद अब 403 विधायकों को शपथ दिलाने की बारी है। इन सभी को नवनिर्वाचित विधायकों में से सबसे वरिष्ठ विधायक शपथ दिलाता है। राजभवन से हरी झंडी मिलने के बाद वह अपने काम में लगेगा।

By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Mon, 21 Mar 2022 10:20 AM (IST)
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UP Assembly Election Results 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के गठन के लिए नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने का नाम प्रोटेम स्पीकर करेंगे। इसके लिए विधानसभा सचिवालय की तरफ से 17 नवनिर्वाचित वरिष्ठ सदस्यों की सूची राजभवन भेजी गई है। अब राज्यपाल आनंदीबेन पटेल सूची में से किसी वरिष्ठ विधायक को प्रोटेम स्पीकर नामित करेंगी।

उत्तर प्रदेश विधानमंडल में विधानसभा का सत्र शुरू होने पर प्रोटेम स्पीकर की देखरेख में ही नए विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव और नवनिर्वाचित सदस्यों का शपथ ग्रहण कराया जाएगा। विधानसभा सचिवालय से राजभवन जिन 17 वरिष्ठ विधायकों की सूची भेजी गई है। उसमें सबसे पहला नाम समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खां का है। आजम खां जेल में बंद होने के कारण प्रोटेम स्पीकर नहीं बन सकेंगे। आजम खां रामपुर से दसवीं बार विधायक चुने गए हैं। आजम खां के बाद वरिष्ठता में भारतीय जनता पार्टी के सुरेश कुमार खन्ना के साथ समाजवादी पार्टी के दुर्गा प्रसाद यादव व अवधेश प्रसाद हैं। यह तीनों नेता नौवीं बार विधानसभा के सदस्य चुने गए हैं। इनके बाद वरिष्ठता में आने वाले आठवीं बार विधायक चुने गए भाजपा के जय प्रताप सिंह, सतीश महाना, रमापति शास्त्री व राम पाल वर्मा का नाम है। अपना दल बनाने के बाद विधायक चुने गए जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया, समाजवादी पार्टी के माता प्रसाद पाण्डेय व इकबाल महमूद तथा भाजपा के फतेह बहादुर सिंह सातवीं बार विधायक चुने गए हैं। बसपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में आने वाले राम अचल राजभर व लालजी वर्मा, शिवपाल सिंह यादव, फरीद महफूद किदवई के साथ भारतीय जनता पार्टी के चेतराम छठवीं बार विधानसभा के सदस्य चुने गए हैं।

क्या होता है प्रोटेम स्पीकर 

आमतौर पर प्रोटेम स्पीकर का काम नए सदस्यो को शपथ दिलाना और स्पीकर (विधानसभा अध्यक्ष ) का चुनाव कराना होता हैं। जब प्रोटेम स्पीकर के जरिए फ्लोर टेस्ट कराने की बात कही गई है तो उसका रोल काफी महत्वपूर्ण हो जाता हैं। आमतौर पर सबसे सीनियर मोस्ट विधायक यानि जो सबसे ज्यादा बार चुनाव जीतकर आया हो उसे प्रोटेम स्पीकर बनाया जाता है। इसके बाद भी राज्यपाल इसे माने यह जरूरी भी नहीं है। विधानसभा सचिवालय की तरफ से राज्यपाल को सीनियर मोस्ट विधायकों के नाम भेजे जाते है और राज्यपाल उनसे से एक सीनियर मोस्ट विधायक को चुनता है, यह राज्यपाल के विशेषाधिकार है कि वो किसे चुने।

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