NASA के इस बड़े मिशन से जुड़ी यूपी की बेटी, रोवर की लैंडिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं अनन्या
लखनऊ की प्रतिभाओं की चमक चांद तक पहुंच रही है। चंद्रयान मिशन से लेकर गगनयान के बाद अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (नेशनल एरोनाटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) के मून मिशन में भी यहां की प्रतिभाओं का महत्वपूर्ण योगदान है। आलमबाग की रहने वाली अनन्या श्रीवास्तव नासा के सहयोग से मून पर भेजे जा रहे रोवर की लैंडिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। लखनऊ की प्रतिभाओं की चमक चांद तक पहुंच रही है। चंद्रयान मिशन से लेकर गगनयान के बाद अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (नेशनल एरोनाटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) के मून मिशन में भी यहां की प्रतिभाओं का महत्वपूर्ण योगदान है।
आलमबाग की रहने वाली अनन्या श्रीवास्तव नासा के सहयोग से मून पर भेजे जा रहे रोवर की लैंडिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। अभी उन्होंने अमेरिका में 55वें लूनर एंड प्लेनेटरी साइंस कांफ्रेंस में आर्टेमिस-तीन पर अपना शोध भी प्रस्तुत किया है, जिसे ग्रह वैज्ञानिकों ने काफी सराहा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की वरिष्ठ वैज्ञानिक रितु कारीढाल चंद्रयान मिशन को आगे बढ़ा रही हैं। लखनऊ के शुभांशु शुक्ला गगनयान मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्रियों में शामिल हुए हैं। अब नासा के मिशन में अनन्या ने कदम बढ़ाया है।
एक्सोमार्स रोवर मिशन परियोजना पर काम कर रही हैं अनन्या
वह कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा वित्तपोषित यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के एक्सोमार्स रोवर मिशन परियोजना पर काम कर रही हैं। यहां वह डेटा का अध्ययन कर इस मिशन में सहयोग कर रही हैं।
अनन्या ने कनाडा से फोन पर दैनिक जागरण को बताया कि कनाडा का लूनर रोवर मिशन नासा के सहयोग से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने के लिए काम रहा है। जो चंद्रयान- 2 के डेटा का उपयोग करके चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर जाएगा।
इसमें अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर किस जगह भेजा जाएगा। उसमें वह काम कर रहीं हैं। इसरो के डेटा के आधार पर ही इसे देखा जा रहा है। अनन्या अभी यूनिवर्सिटी आफ वेस्टर्न ओंटारियो कनाडा से ग्रह विज्ञान और अन्वेषण में विशेषज्ञता के साथ भूविज्ञान में पीएचडी कर रही हैं।
बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय से उन्होंने बीएससी भू-विज्ञान में आनर्स, एम.एससी. किया है। इसके अलावा उन्होंने आइआइआरएस इसरो देहरादून से एमटेक किया है। वह सभी कोर्स में टापर और गोल्ड मेडलिस्ट रही हैं। अनन्या नासा की नेक्स्टजेन आयोजन समिति की सदस्य भी हैं। उनके पिता राजेश कुमार एलआइसी हजरतगंज में डिप्टी मैनेजर हैं।