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यूपी सरकार ले आई किसानों के लिए धामाकेदार ऑफर, सिर्फ इन 45 जिलों में लागू होगी योजना

लहसुन की बढ़ती मांग और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने विशेष योजना शुरू की है। योजना के तहत प्रदेश में 10000 हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र में लहसुन की खेती की जाएगी जिस पर प्रति हेक्टेयर किसानों को 12000 रुपये का अनुदान मिलेगा। लहसुन का बीज राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। योजना का लाभ 45 जिलों में मिलेगा।

By Anand Mishra Edited By: Aysha Sheikh Updated: Thu, 07 Nov 2024 09:04 PM (IST)
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यूपी सरकार ले आई किसानों के लिए धामाकेदार ऑफर - प्रतीकात्मक तस्वीर।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। लहसुन की बढ़ती मांग और चढ़ती कीमतों को थामने के लिए प्रदेश सरकार ने बड़ी पहल की है। प्रदेश में लहसुन की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष योजना शुरू की गई है। भारत सरकार के सहयोग से संचालित होने वाली इस योजना के तहत पूरे प्रदेश में 10 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र में लहसुन की खेती की जाएगी, जिस पर प्रति हेक्टेयर किसानों को 12 हजार रुपये का अनुदान मिलेगा। लहसुन का बीज राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एनएचआरडीई), नई दिल्ली द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।

लहसुन की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए योजना

उद्यान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि प्रदेश में लहसुन की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने मसला क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम के तहत विशेष योजना बनाई है। योजना के तहत प्रदेश में प्रति हेक्टेयर 30 हजार रुपये की इकाई लागत तय की गई है।

कितना मिलेगा अनुदान? 

इसमें किसानों को प्रति हेक्टेयर 40 प्रतिशत, (अधिकतम 12 हजार रुपये) का अनुदान दिया जाएगा। यह अनुदान प्रति किसान न्यूनतम 0.2 हेक्टेयर से अधिकतम 4.0 हेक्टेयर तक की भूमि पर उपलब्ध होगा। बीज की कीमत 370 से 390 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच रखी गई है।

इस मिशन के तहत केंद्रांश 60 प्रतिशत और राज्यांश 40 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को अपने जिले के जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय से संपर्क करना होगा। इसके साथ ही, विभाग की आधिकारिक वेबसाइट (dbt.uphorticulture.in) पर भी आनलाइन पंजीकरण करना होगा।

इन 45 जिलों में लागू होगी योजना

सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बुलंदशहर, गाजियाबाद, बरेली, मुरादाबाद, आगरा, मथुरा, मैनपुरी, हाथरस, कानपुर, इटावा, कन्नौज, लखनऊ, उन्नाव, सीतापुर, रायबरेली, बाराबंकी, सुल्तानपुर, प्रयागराज, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, बस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बलिया, कुशीनगर, महराजगंज, बांदा, हमीरपुर, जालौन, चित्रकूट, महोबा, ललितपुर, मीरजापुर, सोनभद्र, भदोही, गोरखपुर, झांसी, अयोध्या व फर्रुखाबाद शामिल हैं।

धान को खराब बताकर किसानों को वापस न करें : एसडीएम

बाराबंकी : मंडी परिसर में संचालित धान क्रय केंद्रों का निरीक्षण गुरुवार को एसडीएम एमएसटी खान ने किया। उन्होंने क्रय केंद्र प्रभारी अनुपम सिंह से धान खरीद की स्थिति जानी। धान खरीद में तेजी लाने का निर्देश दिया। एसडीएम ने यह भी कहा कि किसी भी किसान का धान खराब बताकर वापस न किया जाए।

उसकी पूरी तरह से जांच की जाए। उन्होंने लघु एवं सीमांत किसानों का धान प्राथमिकता से तौलाने का निर्देश भी दिया। धान बेचने आए किसान गौरा गांव के निवासी अजय दीप से भी एसडीएम ने वार्ता की। कहा कि किसानों की धान खरीद के विषय में यदि कोई समस्या केंद्र प्रभारी की तरफ से होती है तो हमें सूचित करें।

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