उत्तर प्रदेश में लव जिहाद तथा सामूहिक धर्म परिवर्तन पर सरकार सख्त, होगी दस वर्ष की सजा
UP Government is strict on Love Jihad and Group Religion Conversion गृह विभाग ने कई राज्यों में धर्मांतरण को लेकर लागू कानूनों का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार की है। सूबे में जबरन धर्मांतरण के मामलों में सरकार जल्द उप्र विधि विरुद्ध धर्मांतरण प्रतिषेध अध्यादेश-2020 लाने की तैयारी में है।
By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Sat, 21 Nov 2020 10:16 AM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। बीते तीन-चार महीने से उत्तर प्रदेश में जबरन धर्मांतरण के बढ़ते मामले देख योगी आदित्यनाथ सरकार ने सख्त कानून बनाने के साथ ही आरोपितों को कड़ा दंड देने का मसौदा तैयार कर लिया है। लव जिहाद के मामले में पांच वर्ष तक की तथा सामूहिक धर्मांतरण कराने के मामले में 10 वर्ष तक की सजा का प्रावधान करने की तैयारी है। यह अपराध गैरजमानती होगा।
गृह विभाग ने कई राज्यों में धर्मांतरण को लेकर लागू कानूनों का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार की है। सूबे में जबरन धर्मांतरण के मामलों में सरकार जल्द उप्र विधि विरुद्ध धर्मांतरण प्रतिषेध अध्यादेश-2020 लाने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आपराधिक मानसिकता से जबरन धर्मांतरण के मामलों को लेकर कड़ा कानून बनाने की घोषणा की थी, जिसके बाद गृह विभाग ने लव-जिहाद को लेकर अध्यादेश का मसौदा तैयार किया है, जिसे न्याय विभाग के पास भेजा गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने मसौदे को मंजूरी दे दी है और उसे जल्द कैबिनेट में पेश किया जाएगा।
योगी आदित्यनाथ ने 31 अक्टूबर को जौनपुर के मल्हनी विधानसभा क्षेत्र में हुई चुनावी सभा में भी कहा था कि सरकार लव- जिहाद को सख्ती से रोकेगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्णय दिया है कि शादी के लिए धर्म परिवर्तन आवश्यक नहीं है। इसके लिए सरकार जल्द प्रभावी कानून बनाएगी। इसे लेकर गृह विभाग ने अपने मसौदे में जबरन या कोई प्रलोभन देकर किसी का धर्म परिवर्तन कराए जाने या विवाह के जरिये एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन को अपराध की श्रेणी में रखने की बात कही है। नाबालिग लड़की तथा अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति की महिला के जबरन या विवाह के लिए धर्म परिवर्तन कराए जाने की दशा में और कठोर सजा होगी।
इसके अलावा सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामलों में शामिल संबंधित सामाजिक संगठनों का पंजीकरण निरस्त कर उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी। जबरन धर्म परिवर्तन के मामलों में साक्ष्य देने का भार भी आरोपित पर होगा। यानी कपटपूर्वक, जबरदस्ती या विवाह के लिए किसी का धर्म परिवर्तन करने के मामलों में आरोपित को ही साबित करना होगा कि ऐसा नहीं हुआ। धर्म परिर्वतन के लिए विहित प्राधिकारी के समक्ष यह घोषणा भी करनी होगी।
इससे पहले विधि आयोग ने जबरन धर्मांतरण की रोकथाम का कानून बनाने के लिए उप्र फ्रीडम ऑफ रिलीजन बिल-2019 का प्रस्ताव शासन को सौंपा था। विधि आयोग ने दूसरे राज्यों में लागू कानून की बारीकियों को देखते हुए अपना प्रस्ताव बनाया था। आयोग ने इसकी रोकथाम के लिए प्रदेश में पर्याप्त कानून न होने की बात भी कही थी। बताया गया कि वर्तमान में अरुणांचल प्रदेश, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमांचल प्रदेश, झारखंड व उत्तराखंड में जगरन धर्मांतरण की रोकथाम के लिए कानून लागू है। मध्य प्रदेश में भी इसे लेकर अध्यादेश लाने की तैयारी है।
यह भी होंगे खास प्रावधान- यदि किसी लड़की का धर्म परिवर्तन एक मात्र प्रयोजन विवाह के लिए किया गया तो विवाह शून्य घोषित किया जा सकेगा।- धर्म परिवर्तन पर रोक संबंधी कानून बनाने के लिए राज्य विधि आयोग ने उप्र फ्रीडम आफ रीजनल बिल उपलब्ध कराया है।- उप्र फ्रीडम आफ रीजनल बिल से संबंधित कानून बनाने के लिए अध्यादेश का हिंदी व अंग्रेजी भाषा में ड्राफ्ट तैयार कराया गया है।
- यह अपराध संज्ञेय अपराध की श्रेणी में होगा और गैर जमानती होगा। अभियोग का विचारण प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट की कोर्ट में होगा।- जबरन अथवा विवाह के लिए धर्म परिवर्तन के मामले में पांच वर्ष तक की सजा व कम से कम 15 हजार रुपये तक जुर्माना होगा।- नाबालिग लड़की, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति की महिला का जबरन धर्म परिवर्तन कराए जाने के मामले में कम से कम दो वर्ष तक की तथा अधिकतम सात वर्ष तक की सजा और कम से कम 25 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान होगा।
- सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामलों में कम से कम दो वर्ष तथा अधिकतम 10 साल की सजा और कम से कम 50 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान होगा।- अध्यादेश में धर्म परिवर्तन के इच्छुक होने पर तय प्रारूप पर जिला मजिस्ट्रेट को एक माह पूर्व सूचना देना अनिवार्य होगा। इसका उल्लघंन करने पर छह माह से तीन वर्ष तक की सजा व कम से कम 10 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान होगा।- अध्यादेश के उल्लंघन की दोषी किसी संस्था अथवा संगठन के विरुद्ध भी सजा का प्रावधान होगा। अध्यादेश का उल्लंघन करने वाली संस्था अथवा संगठन को सरकार की ओर से कोई अनुदान अथवा वित्तीय सहायता भी नहीं दी जाएगी।
लव जिहाद के कुछ मामले, जो बने वजहलव जिहाद में मेरठ के परतापुर थाना क्षेत्र में 21 अगस्त को शमशाद ने प्रिया व उसकी बेटी कशिश की बेरहमी से हत्या कर दी थी। मूलरूप से गाजियाबाद जनपद के नेहरू नगर निवासी प्रिया पति से तलाक के बाद मोदीनगर (गाजियाबाद) में अपनी सहेली चंचल के पास रहने लगी थी। वहीं पर शमशाद ने नाम बदलकर प्रिया को जाल में फंसा लिया। लाकडाउन के दौरान शमशाद ने अपनी पत्नी आयशा व साले दिलावर के साथ मिलकर प्रिया व उसकी बेटी कशिश की हत्या कर शव बेडरूम में दफना दिए थे।
कानपुर में बाबू नाम बताकर 13 वर्ष की छात्रा को बरगलायाकानपुर 13 वर्षीय छात्रा से पड़ोस की निर्माणाधीन अपार्टमेंट में मजदूरी करने वाले युवक ने बाबू नाम बताकर दोस्ती की और बाद में उसे प्रेम जाल में फंसा लिया। इसके बाद आरोपित छात्रा को घर में अकेला पाकर बहला फुसलाकर ले गया, जिसके बाद स्वजन की शिकायत पर पुलिस ने छात्रा को बरामद करने के साथ ही आरोपित और उसकी बहन को गिरफ्तार किया। इसी तरह जूही लाल कालोनी निवासी युवती को दूसरे धर्म का युवक प्रेम जाल में फंसाने के बाद नोएडा ले गया था। जहां बंधक बनाकर उसका शारीरिक शोषण कर रहा था। किसी तरह चंगुल से छूटकर युवती अपने घर लौटी। तो यहां भी आरोपित ने उसका पीछा नहीं छोड़ा। मिलने के बहाने बुलाकर केशव नगर में उस पर चाकू से ताबड़तोड़ कई वार किए थे। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
बदायूं में आसिफ बन गया था राजकुमारबदायूं के शेखूपुर में रहने वाले आसिफ ने अपना नाम राजकुमार बताकर लोटनपुर मोहल्ले में रहने वाली नेहा से पहचान बढ़ाई। प्रेम संबंध हो गए तो डेढ साल पहले उत्तराखंड ले गया। वहां शादी कर दी। इसके बाद जब शेखूपुर में घर लाया, तब नेहा को पता चला कि उसका उसका असली नाम राजकुमार नहीं, आसिफ है। इसी पर दोनों के बीच विरोध होने लगा। 25 सितंबर की रात रास्ते में उसने नेहा की गोली मारकर हत्या कर दी। नाटक किया कि नेहा के भाइयों ने गोली मारी है। हालांकि पूछताछ में पोल खुल गई। आसिफ इस समय जेल में है।
कानपुर में चल रही लव जिहाद की जांचसूबे में लव जिहाद के बढ़ते मामलों को देखते हुए कानपुर में ऐसे मामलों को लेकर विशेष जांच भी कराई जा रही है। कानपुर में लव जिहाद के कई मामले सामने आने पर मुख्यमंत्री ने कड़े निर्देश भी दिए थे, जिसके बाद कानपुर में सीओ विकास पांडेय के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआइटी) गठित कर लव जिहाद की जांच शुरू की गई थी। एसआइटी ने लव जिहाद से जुड़े करीब 14 मुकदमों को लिया था, जिनमें 10 मुकदमों में खास छानबीन की जा रही है। इनमें कई ऐसे मामले हैं, जिनमें लड़की नाबालिग है और विवाह के लिए फर्जी आइडी का इस्तेमाल भी किया गया है। इन घटनाओं के पीछे कहीं कुछ खास लोगों या किसी संगठन की भूमिका की भी छानबीन की जा रही है। एसआइटी जल्द अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंपने की तैयारी में है। वहीं बीते दिनों कई ऐसी घटनाएं भी सामने आईं, जिनमें पहले महिला को प्रेम के जाल में फंसाकर जबरन धर्मांतरण कराया गया और फिर उनके साथ क्रूरता की गई।
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