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यूपी में दो PCS अधिकारी सस्‍पेंड, अपात्रों को जमीन का पट्टा देने के मामले में योगी सरकार ने की कार्रवाई

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने हरदोई में नियम विरुद्ध अपात्रों को जमीन का पट्टा देने के मामले में दो पीसीएस अधिकारियों को सस्‍पेंड कर द‍िया है। इनमें एडीएम न्यायिक फर्रुखाबाद स्वाति शुक्ला और एसडीएम एटा प्रतीत त्रिपाठी शामिल हैं। नियुक्ति विभाग के प्रमुख सचिव एम देवराज ने हरदोई के डीएम की रिपोर्ट के आधार पर दोनों अधिकारियों को सस्‍पेंड करने के आदेश जारी क‍िए हैं।

By Shobhit Srivastava Edited By: Vinay Saxena Updated: Tue, 03 Sep 2024 08:40 AM (IST)
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उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ।- फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश सरकार ने हरदोई में नियम विरुद्ध अपात्रों को जमीन का पट्टा देने के मामले में दो पीसीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इनमें एडीएम न्यायिक फर्रुखाबाद स्वाति शुक्ला और एसडीएम एटा प्रतीत त्रिपाठी शामिल हैं। इन पर आरोप है कि इन्होंने हरदोई में तैनाती के दौरान नियम विरुद्ध 71 अपात्रों को कृषि भूमि का पट्टा दे दिया था। दोनों को ही राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है।

नियुक्ति विभाग के प्रमुख सचिव एम देवराज ने हरदोई के डीएम की रिपोर्ट के आधार पर दोनों अधिकारियों को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए। इस मामले में अब आगे की जांच लखनऊ की मंडलायुक्त को दी गई है। यह मामला हरदोई सदर तहसील की ग्राम पंचायत फरीदापुर में वर्ष 2022 लेकर मई 2023 के बीच का है। यहां पर 150 बीघे से अधिक कृषि भूमि का पट्टा किया गया था। जांच में पाया गया कि जिन्हें कृषि भूमि का पट्टा दिया गया उनके पास पहले से ही भूमि थी।

जांच में सही पाए गए आरोप 

हरदोई के डीएम ने मामले की जांच कराई तो आरोप सही पाए गए। डीएम ने इन सभी पट्टों को अपने न्यायालय में खारिज कर जांच में दोषी पाए जाने पर राजस्व निरीक्षक व लेखपाल को निलंबित कर दिया था। हरदोई के डीएम ने इस मामले में दोषी पाए जाने पर तत्कालीन एसडीएम स्वाति शुक्ला और प्रतीत त्रिपाठी के खिलाफ निलंबन के लिए नियुक्ति विभाग में पत्र भेजा था। शासन ने डीएम की रिपोर्ट के आधार पर दोनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।

मनोज कुमार श्रीवास्तव को मिला वीआरएस

नियुक्ति विभाग ने वर्ष 2018 बैच के पीसीएस अधिकारी मनोज कुमार श्रीवास्तव को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति प्रदान कर दी है। वह अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति बांदा के पद पर तैनात थे। उन्होंने नियुक्ति विभाग से स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए वीआरएस की मांग की थी। नियुक्ति विभाग ने इसे स्वीकार करते हुए उन्हें वीआरएस प्रदान कर दिया है।

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