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UP CMO Transfer: यूपी के स्वास्थ्य विभाग में बड़ा फेरबदल, आठ अधिकारियों का तबादला; चार जिलों में नए सीएमओ तैनात

उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में बड़ा फेरबदल हुआ है। आठ संयुक्त निदेशकों के तबादले किए गए हैं। रायबरेली गाजीपुर महाराजगंज और कन्नौज में नए मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) तैनात किए गए हैं।मौजूदा सीएमओ का विभिन्न अस्पतालों में वरिष्ठ परामर्शदाता के पद पर स्थानांतरण किया गया है। डा. श्रीकांत शुक्ला को महाराजगंज का सीएमओ बनाया गया है। खबर में पूरी डिटेल पढ़िए।

By Ashish Kumar Trivedi Edited By: Aysha Sheikh Updated: Thu, 10 Oct 2024 08:37 PM (IST)
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यूपी के स्वास्थय विभाग में फेरबदल - जागरण ग्राफिक्स।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रादेशिक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य एवं सेवा संवर्ग के संयुक्त निदेशक ग्रेड के आठ अधिकारियों का गुरुवार को तबादला कर दिया गया। इसमें रायबरेली, गाजीपुर, महाराजगंज व कन्नौज में मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) तैनात किए गए हैं। वहीं यहां अब तक सीएमओ पद पर तैनात चिकित्साधिकारियों को वरिष्ठ परामर्शदाता के पद पर विभिन्न अस्पतालों में स्थानांतरित किया गया है।

डा. नवीन चंद्रा को रायबरेली का सीएमओ बनाया गया है। यहां अब तक इस पद पर तैनात डा. वीरेन्द्र सिंह को राजधानी स्थित डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल का वरिष्ठ परामर्शदाता बनाया गया है। गाजीपुर का सीएमओ डा. सुनील पांडेय को बनाया गया है। यहां तैनात डा. देश दीपक पाल को बाराबंकी के जिला चिकित्सालय का वरिष्ठ परामर्शदाता बनाया गया है।

डा. श्रीकांत शुक्ला को महाराजगंज का सीएमओ बनाया गया है। यहां तैनात डा. दिलीप सिंह को राजधानी के बलरामपुर अस्पताल का वरिष्ठ परामर्शदाता बनाया गया है। वहीं डा. स्वदेश गुप्ता को कन्नौज का सीएमओ बनाया गया है। यहां अब तक सीएमओ के पद पर तैनात डा. विनोद कुमार को जिला चिकित्सालय आगरा के वरिष्ठ परामर्शदाता के पद पर स्थानांतरित किया गया है।

उन्नाव में बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता सहित तीन निलंबित

उन्नाव में गलत बिजली का बिल भेजे जाने पर अवसाद में 25 वर्षीय शुभम के आत्महत्या करने के मामले में ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने अधिशासी अभियंता,अवर अभियंता और उपखंड अधिकारी को निलंबित कर दिया है। साथ ही अवर अभियंता और उपखंड अधिकारी के विरुद्ध एफआइआर कराने के आदेश दिए हैं। मुख्य अभियंता वितरण ने मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपी है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि शुभम (25) ने 10 मार्च 2022 को एक किलोवाट का विद्युत कनेक्शन लिया था। सितंबर 2024 में त्रुटिवश प्रोविजनल बिल 1,09,221 रुपये निर्गत किया गया। इसको सही करने पर बिल की देय धनराशि 16,377 रुपये हो गयी और शुभम ने इसका भुगतान भी कर दिया। सात अक्टूबर को कुल 33 यूनिट रीडिंग 8,306 रुपये का गलत बिल फिर से दे दिया गया।

बार-बार बढ़ाकर भेजे जा रहे बिल के कारण शुभम अवसाद में आ गया और उसने आत्महत्या कर ली। इस घटना को गंभीरता से लेते हुए ऊर्जा मंत्री ने 33/11 केवी उपकेंद्र अचलगंज के अवर अभियंता आशीष सिंह व विद्युत वितरण उपखंड बंथरा के उपखंड अधिकारी रवि यादव को तत्काल निलंबित करते हुए उनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिये हैं।

वहीं, विद्युत वितरण खंड द्वितीय उन्नाव के अधिशासी अभियंता सूर्याेदय कुमार वर्मा को तत्काल निलंबित करने के निर्देश मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि. के एमडी को दिये हैं। मंत्री ने कहा कि जिला प्रशासन उपभोक्ता की मृत्यु के कारणों की विस्तृत जांच कर रहा है। उन्होंने कहा है कि सभी विद्युत कार्मिक उपभोक्ताओं की समस्याओं का न्यायोचित समाधान कराएं । किसी भी स्तर पर लापरवाही और त्रुटि पाए जाने पर संबंधित कार्मिक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।

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