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UP Holiday Update: उत्तर प्रदेश में पहली बार नवमी पर सार्वजनिक अवकाश घोषित, सीएम योगी ने की घोषणा

उत्तर प्रदेश में नवमी के अवसर पर शुक्रवार को सार्वजनिक अवकाश रहेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह घोषणा की। इसके अलावा राज्य के धार्मिक स्थलों को जाने वाले क्षतिग्रस्त मार्गों को गड्ढा मुक्त करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है जिसमें 86 में से 74 मार्गों को सही किया जा चुका है। अंतिम दिन 111 किलोमीटर सड़क सही करने का लक्ष्य है।

By Shivam Yadav Edited By: Shivam Yadav Updated: Thu, 10 Oct 2024 07:13 PM (IST)
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आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य विभागों में 11 अक्टूबर को छुट्टी रहेगी।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। नवमी के अवसर पर शुक्रवार को सार्वजनिक अवकाश रहेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न संगठनों की मांग पर नवमी के अवसर पर 11 अक्टूबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किए जाने की घोषणा की है। यह पहला अवसर है जब नवमी के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य विभागों में गुरुवार को छुट्टी रहेगी।

वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बलरामपुर जिले के विख्यात 'आदिशक्ति माँ पाटेश्वरी देवी शक्तिपीठ' मंदिर में माँ भगवती के दर्शन-पूजन कर आशीर्वाद लिया। उन्होंने एक्स प्लेटफॉर्म पर लिखा, ‘श्री पाटेश्वरी देव्यै नमः 'शारदीय नवरात्रि' के पावन अवसर पर आज जनपद बलरामपुर के तुलसीपुर स्थित 'आदिशक्ति माँ पाटेश्वरी देवी शक्तिपीठ' में माँ भगवती के दर्शन-पूजन का परम सौभाग्य प्राप्त हुआ। जगद्धात्री माँ जगदम्बा से प्रार्थना है कि अपना आशीर्वाद सम्पूर्ण जगत पर बनाए रखें’।

अंतिम दिन 111 किलोमीटर सड़क सही करने का लक्ष्य

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के धार्मिक स्थलों को जाने वाले क्षतिग्रस्त मार्गों को गड्ढा मुक्त करने के लिए शुरू किए गए अभियान के तहत अभी तक लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) 86 में से 74 मार्गों को ही सही कर सका है। अभियान के अंतिम दिन लक्ष्य प्राप्ति के लिए गुरुवार को 111.35 किलोमीटर की 12 सड़कों को सही करने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है।

लोक निर्माण विभाग के विभागीय मंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर विभाग ने प्रदेश के सभी मंडलों में धार्मिक मार्गों को गड्ढा मुक्त करने के लिए चिह्नित किया था। इनमें आगरा के 32, अलीगढ़ के सात, अयोध्या के 89, आजमगढ़ के 51, बांदा के 20, बरेली के आठ, बस्ती के 45, गोंडा के 68, गोरखपुर के 36, झांसी के 19, कानपुर के 32, लखनऊ के 57, मेरठ के 12, मीरजापुर के 14, मुरादाबाद के 32, प्रयागराज के 39, सहारनपुर के 21 व वाराणसी के 45 मार्ग शामिल हैं। 8,861 किलोमीटर के इन 627 मार्गों में से 8,007 किलोमीटर के 541 मार्गों की स्थिति सही पाई गई थी। 

वहीं, गोंडा के 13, अयोध्या के 12, वाराणसी के सात, सहारनपुर व बांदा के छह-छह, लखनऊ के पांच, मेरठ व मीरजापुर के चार-चार, अलीगढ़, आजमगढ़, बस्ती, गोरखपुर, मुरादाबाद, प्रयागराज व झांसी के तीन-तीन, आगरा व बरेली के दो-दो, कानपुर का एक मार्ग वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त पाया गया था। 

853 किलोमीटर के इन 86 मार्गों को 10 अक्टूबर तक गड्ढामुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। लोक निर्माण बुधवार तक इनमें से 741.35 किलोमीटर के 74 मार्गों को ही गड्ढामुक्त कर पाया है। गुरुवार को अंतिम दिन 111.35 किलोमीटर के 12 मार्गों को गड्ढामुक्त करने का अंतिम दिन है। 

लोनिवि के विभागाध्यक्ष योगेश पवार ने दावा किया है मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार कि निर्धारित समय में सभी सड़कें गड्ढामुक्त कर ली जाएंगी। 31 अक्टूबर तक प्रदेश के 44,573 किलोमीटर मार्गों को गड्ढामुक्त करने का लक्ष्य भी पूरा कर लिया जाएगा।

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