UP Investors Summit 2023: आज पीएम मोदी करेंगे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का शुभारंभ, जुटेंगे देश-दुनिया के दिग्गज
समिट के माध्यम से 30 लाख करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्तावित निवेश न सिर्फ उत्तर प्रदेश की आर्थिक विकास दर को गति देगा बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन का जरिया बन युवाओं के सपनों को भी साकार करेगा।
By Jagran NewsEdited By: Shivam YadavUpdated: Fri, 10 Feb 2023 06:38 AM (IST)
लखनऊ, राज्य ब्यूरो: लखनऊ में शुक्रवार को यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-23 (यूपीजीआइएस) का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। 10 से 12 फरवरी तक आयोजित होने वाले यूपीजीआइएस में देश-दुनिया की दिग्गज कारपोरेट हस्तियां उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाने में साझीदार बनती दिखाई देंगी।
समिट के माध्यम से 30 लाख करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्तावित निवेश न सिर्फ उत्तर प्रदेश की आर्थिक विकास दर को गति देगा बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन का जरिया बन युवाओं के सपनों को भी साकार करेगा। 12 फरवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू समापन समारोह की मुख्य अतिथि होंगी।
केंद्रीय मंत्री साझा करेंगे विजन
निवेशकों के इस तीन दिवसीय महासम्मेलन में केंद्रीय मंत्री उत्तर प्रदेश की प्रगति के संदर्भ में डबल इंजन की सरकार के विजन को साझा करेंगे। इस दौरान अलग-अलग सत्रों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित मोदी सरकार के तमाम मंत्री सरकार की नीतियों से निवेशकों को अवगत कराएंगे। वहीं, रिलायंस समूह के मुकेश अंबानी, टाटा संस के के चंद्रशेखरन, बिड़ला समूह के कुमार मंगलम बिड़ला, महिंद्रा ग्रुप के आनंद महिंद्रा जैसी हस्तियां निवेशकों का प्रतिनिधित्व करती नजर आएंगी।समिट में 40 देशों से 400 से अधिक डेलीगेट्स अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। विदेश से भी 7.12 लाख करोड़ रुपये का निवेश आएगा। देश के विभिन्न हिस्सों से 10 हजार छोटे-बड़े निवेशक महाकुंभ का हिस्सा बनेंगे।
नहीं आएंगे गौतम अदाणी
अदाणी समूह के गौतम अदाणी यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का हिस्सा नहीं बनेंगे। अदाणी ने 2018 में आयोजित यूपी इन्वेस्टर्स समिट में उपस्थिति दर्ज कराई थी। इस बार भी उनका समिट में शामिल होना तय माना जा रहा था, लेकिन शीर्ष उद्यमियों की संशोधित सूची में उनका नाम नहीं है। बता दें कि अदाणी समूह यूपी में डिफेंस कारिडोर, लाजिस्टिक्स समेत अन्य सेक्टर में बड़ा निवेश कर रहा है।निवेशकों को लुभा रहा पश्चिमांचल
उत्तर प्रदेश का पश्चिमी हिस्सा जिसे पश्चिमांचल भी कहा जाता है निवेश खींचने में सबसे अधिक सफल रहा है। कुल निवेश प्रस्तावों और एमओयू का 45 प्रतिशत हिस्सा इसी क्षेत्र के खाते में जाता दिख रहा है। इसकी वजह इस क्षेत्र का दिल्ली से जुड़ाव और यहां का बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर भी बताया जा रहा है। प्रदेश का पूर्वी हिस्सा यानी पूर्वांचल भी निवेशकों को लुभा रहा है। इस क्षेत्र को भी औद्योगिक नीति के तहत कई तरह की रियायतें मिली हैं। अब तक हासिल निवेश प्रस्तावों का 29 प्रतिशत हिस्सा पूर्वांचल को मिलता दिख रहा है। वहीं, मध्यांचल और बुंदेलखंड को 13-13 प्रतिशत निवेश के प्रस्ताव मिले हैं।
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