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UP Local Body Election: ओबीसी आरक्षण पर यूपी सरकार की याचिका मंजूर, सुप्रीम कोर्ट चार जनवरी को करेगा सुनवाई

UP Local Body Election शहरी स्थानीय निकाय चुनावों की अधिसूचना रद्द करने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ यूपी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 4 जनवरी को सुनवाई करेगा। राज्य सरकार ने हाल ही में एक टीम का गठन किया है।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Mon, 02 Jan 2023 12:27 PM (IST)
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UP Local Body Election: यूपी सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट चार जनवरी को करेगा सुनवाई।

नई दिल्ली-लखनऊ एजेंसी। यूपी नगर निकाय चुनाव में प्रदेश सरकार की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने चार जनवरी की तारीख दी है। शहरी स्थानीय निकाय चुनावों पर यूपी सरकार ने मसौदा अधिसूचना को रद्द करने और अन्य के लिए आरक्षण के बिना चुनाव कराने के निर्देश को रद्द करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। उत्तर प्रदेश सरकार की अपील पर चार जनवरी को सुनवाई करने पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सहमत हो गया।

राज्य सरकार की दलील तत्काल सुनवाई की जरूरत

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने राज्य सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर ध्यान दिया और कहा कि इस मामले में तत्काल सुनवाई की जरूरत है। पीठ ने कहा कि हम इसे परसों लेंगे।

राज्य सरकार ने 27 दिसंबर के आदेश के खिलाफ अपनी अपील में कहा है कि उच्च न्यायालय पांच दिसंबर के मसौदा अधिसूचना को रद्द नहीं कर सकता है, जो अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों के अलावा अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए शहरी निकाय चुनावों में सीटों के आरक्षण का प्रावधान करता है।

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यूपी सरकार ने पांच सदस्यीय आयोग किया नियुक्त

एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड रुचिरा गोयल के माध्यम से दायर अपील में कहा गया है कि ओबीसी संवैधानिक रूप से संरक्षित वर्ग हैं और उच्च न्यायालय ने मसौदा अधिसूचना को रद्द करने में गलती की है। उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी को आरक्षण प्रदान करने के लिए सभी मुद्दों पर विचार करने के लिए पांच सदस्यीय आयोग नियुक्त किया है।

नोट- खबर पीटीआई के हवाले से है।