Election 2024 3rd Phase: तीसरे चरण में यूपी की इन सीटों पर होगा महामुकाबला, यादव परिवार के दमखम की परीक्षा
Lok Sabha Election 2024 Phase 3 18वीं लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में ब्रज और रुहेलखंड की 10 सीटों पर सात मई को मतदान होगा। पिछले लोकसभा चुनाव में संभल और मैनपुरी सीटों पर साइकिल दौड़ी थी जबकि आठ सीटों पर कमल खिला था। मिशन -80 का लक्ष्य साधने में जुटी भाजपा की लिए तीसरा चरण महत्वपूर्ण है ।
राजीव दीक्षित, लखनऊ। 18वीं लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में ब्रज और रुहेलखंड की 10 सीटों पर सात मई को मतदान होगा। पिछले लोकसभा चुनाव में संभल और मैनपुरी सीटों पर साइकिल दौड़ी थी जबकि आठ सीटों पर कमल खिला था। मिशन-80 का लक्ष्य साधने में जुटी भाजपा की लिए तीसरा चरण महत्वपूर्ण है। देश के बड़े राजनीतिक घरानों में शुमार सैफई के यादव परिवार के जो पांच रणबांकुरे चुनावी संग्राम में पराक्रम दिखाने के लिए उतरे हैं, उनमें से तीन की परीक्षा तीसरे चरण में ही होगी। विशेष संवाददाता राजीव दीक्षित की रिपोर्ट...
बरेली लोकसभी सीट
इस सीट पर भाजपा का पर्याय बने आठ बार के सांसद संतोष गंगवार का टिकट काटकर भाजपा ने पूर्व राज्य मंत्री छत्रपाल गंगवार को उम्मीदवार बनाया तो शुरुआत में इसे लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी जरूर थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रुहेलखंड में हुईं अपनी जनसभाओं के मंच पर संतोष गंगवार को स्थान देकर इस नाराजगी को दूर कर दिया है। 2009 में भाजपा के इस मजबूत किले को मामूली जीत के अंतर से ढहाने में कामयाब हुए पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन को सपा ने फिर इसी उम्मीद से मैदान में उतारा है। यहां भाजपा-सपा की सीधी लड़ाई है।
संभल लोकसभा सीट
अपने दादा और 17वीं लोकसभा में इस सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के निधन के बाद इस सीट पर उनकी राजनीतिक विरासत संभालने के लिए कुंदरकी के सपा विधायक जियाउर्रहमान यहां साइकिल पर सवार हैं। सपा ने शफीकुर्रहमान को टिकट थमाया था, लेकिन उनका निधन होने पर उनके पोते को मैदान में उतारा है।मुस्लिम बहुल इस सीट पर जियाउर्रहमान के कंधों पर अपने परिवार का वर्चस्व बरकरार रखने का दारोमदार होगा। बतौर भाजपा प्रत्याशी पूर्व एमएलसी परमेश्वर लाल सैनी के सामने इस सीट पर भाजपा को 2014 में मिली एकमात्र सफलता को दोहराने के साथ पिछले चुनाव में खुद को मिली हार का हिसाब चुकता करने की चुनौती है। बसपा के लिए पिछले दो चुनावों में यह सीट बंजर साबित हुई है। ऐसे में बसपा प्रत्याशी सौलत अली के लिए हाथी की चिंघाड़ कितना प्रभावी होगी, यह देखना होगा।
फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट
बुलंद दरवाजा और सूफी संत शेख सलीम चिश्ती की दरगाह के लिए मशहूर फतेहपुर सीकरी में इस लोकसभा चुनाव में कौन बुलंदी को छुएगा और किसे सर्वाधिक वोटर मतों के रूप में अपनी दुआएं देंगे, यह तो चुनाव परिणाम बताएगा। फिलहाल इस सीट पर दिलचस्प मुकाबले के आसार हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में 4.95 लाख वोटों से जीतकर बुलंदी छूने वाले जाट बिरादरी के भाजपा सांसद राजकुमार चाहर इस बार फिर यहां कमल खिलाने के इरादे से मैदान में हैं। बसपा ने चुनावी गणित को ध्यान में रखते हुए ब्राह्मण प्रत्याशी राम निवास शर्मा पर भरोसा जताया है तो कांग्रेस ने ठाकुर बिरादरी के रामनाथ सिकरवार को उतारा है। फतेहपुर सीकरी के भाजपा विधायक चौधरी बाबूलाल के पुत्र रामेश्वर चौधरी ने निर्दल उम्मीदवार के तौर पर पर्चा भरकर यहां होने वाली लड़ाई को रोमांचक बना दिया है। रामेश्वर चौधरी भी जाट बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं।मैनपुरी लोकसभा सीट
सपा के इस गढ़ में साइकिल की रफ्तार से प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़ने के लिए पार्टी की मौजूदा सांसद डिंपल यादव मैदान में डटी हैं। अपने ससुर और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन से रिक्त हुई मैनपुरी सीट पर दिसंबर 2022 में हुए उपचुनाव में साइकिल की रफ्तार से प्रतिद्वंद्वियों को हतप्रभ कर उन्होंने यादव परिवार की राजनीतिक विरासत को संभाला था। अब उन पर इस विरासत को सहेजने और संजोये रखने की जिम्मेदारी है। सपा इस सीट पर 1996 से काबिज है। वहीं अब तक अजेय साबित हुई मैनपुरी सीट पर भगवा परचम लहराने के लिए भाजपा ने स्थानीय विधायक और योगी सरकार में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह को मैदान में उतारा है। यादव और शाक्य बिरादरियों की बड़ी आबादी वाली इस सीट पर बसपा ने पूर्व विधायक शिव प्रसाद यादव को मैदान में उतारा है।
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