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UP मदरसा बोर्ड के छात्रों के लिए केंद्र में सरकारी नौकरियों की खुली राह, अब सेना में भी हो सकेंगे भर्ती

यूपी मदरसा बोर्ड अब भारतीय विद्यालय शिक्षा बोर्ड मंडल (कोब्से) में पंजीकरण कराने जा रहा है। इसमें पंजीकरण के बाद मदरसा बोर्ड को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैधानिकता मिल जाएगी। मदरसा बोर्ड के छात्रों का दायरा भी बढ़ जाएगा और वे किसी भी क्षेत्र में अपना भविष्य संवार सकेंगे।

By Umesh TiwariEdited By: Updated: Wed, 28 Jul 2021 11:24 AM (IST)
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अब मदरसा बोर्ड के छात्र सेना सहित विभिन्न सेवाओं में भर्ती हो सकेंगे।
लखनऊ [शोभित श्रीवास्तव]। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद (यूपी मदरसा बोर्ड) से पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए अच्छी खबर है। उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के करीब 17 हजार मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को बड़ा तोहफा देने जा रही है। अब मदरसा बोर्ड के छात्र सेना सहित विभिन्न सेवाओं में भर्ती हो सकेंगे। साथ ही वे अब विदेश में भी उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिला पा सकेंगे।

यह इसलिए संभव होगा, क्योंकि यूपी मदरसा बोर्ड अब भारतीय विद्यालय शिक्षा बोर्ड मंडल (कोब्से) में पंजीकरण कराने जा रहा है। इसमें पंजीकरण न होने के कारण अभी तक मदरसा बोर्ड के छात्र सेना के साथ ही केंद्र व अन्य राज्य सरकारों की नौकरियों के लिए आवेदन नहीं कर पाते थे। पंजीकरण के बाद मदरसा बोर्ड को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैधानिकता मिल जाएगी। मदरसा बोर्ड के छात्रों का दायरा भी बढ़ जाएगा और वे किसी भी क्षेत्र में अपना भविष्य संवार सकेंगे।

भारतीय विद्यालय शिक्षा बोर्ड मंडल भारत सरकार से मान्यता प्राप्त स्वतंत्र संगठन है। राज्यों के स्कूल शिक्षा बोर्ड इससे संबद्ध हैं। कोब्से को भारत सरकार द्वारा वर्ष 1979 से रजिस्टर्ड संगठन के रूप में मान्यता दी गई है। यह हर प्रदेश के अधिकृत शिक्षा बोर्ड को अपने यहां पंजीकृत करता है। कोब्से में पंजीकरण होने से मदरसा बोर्ड के छात्र-छात्राओं को न सिर्फ केंद्र व अन्य राज्य सरकारों की नौकरियों के आवेदन में आसानी होगी, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में भी उनके नए रास्ते खुल जाएंगे।

विधान मंडल से पारित उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद विधेयक 2004 के अधीन मदरसा बोर्ड का गठन वर्ष 2007 में हुआ था। इसी अधिनियम के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने अशासकीय अरबी और फारसी मान्यता प्रशासन एवं सेवा विनियमावली 2016 बनाई। इससे प्रदेश में मदरसों का संचालन एवं प्रबंधन होता है। मदरसा बोर्ड की सेकेंडरी व सीनियर सेकेंडरी की मार्कशीट व सर्टिफिकेट की मान्यता प्रदेश में उच्च शिक्षा व सेवायोजन के लिए तो है लेकिन कोब्से में पंजीकरण न होने के कारण यहां के छात्र प्रदेश से बाहर नौकरियों के लिए आवेदन नहीं कर पाते हैं।

इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद ने अपनी बोर्ड बैठक में कोब्से से मान्यता लेने का निर्णय लिया है। बोर्ड के रजिस्ट्रार आरपी सिंह ने कोब्से से मान्यता के लिए औपचारिकताएं पूरी कर आवेदन कर दिया है। उन्होंने आवेदन के साथ उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद अधिनियम-2004, सेवा नियमावली 2016 तथा पाठ्यक्रम का विवरण भी भेजा है। कोब्से से मान्यता मिलने पर मदरसा बोर्ड के सर्टिफिकेट का महत्व और बढ़ जाएगा।

ये मिलेगा लाभ

  • केंद्र सरकार व अन्य राज्यों की भर्तियों में कर सकेंगे आवेदन।
  • सेना व पैरा मिलिट्री फोर्स की भर्ती में भी खुलेगी राह।
  • मदरसा बोर्ड की मार्कशीट व सर्टिफिकेट का सत्यापन होगा आसान।
  • बोर्ड को आल इंडिया स्तर की मिल जाएगी वैद्यता।
  • खाड़ी देशों में भी पढ़ाई के लिए खुल जाएंगे रास्ते।
प्रदेश में मदरसा शिक्षा

  • मान्यता प्राप्त मदरसों की संख्या : 16500
  • आलिया या उच्च स्तर के मदरसे : 3152
  • प्रति वर्ष सेकेंडरी व सीनियर सेकेंडरी में पास होने वाले छात्रों की संख्या : 1.5 लाख
  • मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों की कुल संख्या : 18 लाख
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