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UP Politics: इस्तीफा देकर खलबली मचाने वाले राज्यमंत्री दिनेश खटीक काम पर लौटे, स्वतंत्रदेव के साथ बैठक में शामिल

UP Politics मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले आश्वासन के बाद राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने बुधवार को कामकाज संभाल लिया। वह कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह और राज्यमंत्री रामकेश निषाद के साथ सिंचाई विभाग की समीक्षा बैठक में शामिल हुए।

By Umesh TiwariEdited By: Updated: Wed, 27 Jul 2022 04:12 PM (IST)
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UP Politics: जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक बुधवार को काम पर लौट आए हैं।

लखनऊ, जेएनएन। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को संबोधित इस्तीफा देकर उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा देने वाले जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक बुधवार को काम पर लौट आए हैं। विभाग में हाल ही में हुए तबादलों में अवैध वसूली, नमामि गंगे योजना में भ्रष्टाचार, अफसरों द्वारा बात न सुनने और दलित मंत्री होने की वजह से भेदभाव जैसे गंभीर आरोप लगाकर उन्होंने प्रदेश की राजनीति में खलबली मचा दी।

राज्यमंत्री दिनेश खटीक के उठाए गए विभाग में भ्रष्टाचार व अफसरों द्वारा मंत्री की अनदेखी के मुद्दे को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेहद गंभीरता से लिया था। सीएम योगी ने दिनेश खटीक की एक-एक बात बंद कमरे में सुनी थी। उन्होंने हर आरोप की जांच का आश्वासन देने के साथ उनका त्याग-पत्र अस्वीकार कर दिया था।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले आश्वासन के बाद राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने बुधवार को कामकाज संभाल लिया। वह कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह और राज्यमंत्री रामकेश निषाद के साथ सिंचाई विभाग की समीक्षा बैठक में शामिल हुए। इस दौरान राज्य में कम बारिश वाले जिलों में फसलों को लेकर तैयारियों की समीक्षा की।

बता दें कि जलशक्ति विभाग की कार्यप्रणाली पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए राज्यमंत्री खटीक के त्याग पत्र की चर्चा 19 जुलाई की शाम से ही शुरू हो गई थी और फिर 20 जुलाई को उनके द्वारा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भेजा गया त्याग-पत्र भी इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद वह दिल्ली पहुंच गए और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भेंट कर पूरा मामला बताया।

दिल्ली से मामले में हस्तक्षेप के बाद 21 जुलाई की दोपहर में दिनेश खटीक मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर पहुंचे। यहां लगभग 20 मिनट तक सीएम योगी आदित्यनाथ से अकेले में उनकी बात हुई। इस दौरान उन्होंने विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की जानकारी दी। कहा कि राज्यमंत्रियों की बात अधिकारी नहीं सुनते, जिससे अपमानजनक स्थिति बन गई है। इस दौरान कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह और प्रमुख सचिव अनिल गर्ग भी मुख्यमंत्री के पास पहुंचे।

दिनेश ने उनके सामने भी कहा कि अधिकारी फोन नहीं उठाते। उठाते हैं तो बीच में काट देते हैं। इस पर सीएम योगी ने प्रमुख सचिव से जवाब-तलब कर लिया। खटीक के अनुसार मुख्यमंत्री ने तबादलों में भ्रष्टाचार सहित सभी आरोपों पर जांच कराने का भरोसा दिया है। इसके साथ ही प्रमुख सचिव को निर्देश दिया कि कोई शिकायत मिले तो उसकी तुरंत जांच कराकर कार्रवाई की जाए। करीब 45 मिनट तक चली बातचीत में कई विषयों पर चर्चा हुई। आखिरकार मुख्यमंत्री ने उनका इस्तीफा अस्वीकार कर दिया था।