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यूपी के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने प्रियंका वाड्रा से पूछा- मुख्तार अंसारी तक कैसे पहुंची एंबुलेंस, सपा पर भी लगाए गंभीर आरोप

यूपी सरकार के प्रवक्ता व मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार 2017 में सत्ता में आई। उसके पहले की गलती के लिए पूर्व की सरकार ही जवाबदेह है। अखिलेश सरकार ने मुख्तार अंसारी को लग्जरी और बुलेटप्रूफ एंबुलेंस दी थी जिसे वह प्रयोग कर रहा है।

By Umesh TiwariEdited By: Updated: Thu, 01 Apr 2021 11:06 PM (IST)
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यूपी के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मुख्तार अंसारी को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश के बाहुबली विधायक व माफिया मुख्तार अंसारी को लेकर कांग्रेस पर हमलावर रही योगी सरकार ने अब एंबुलेंस प्रकरण को लेकर पंजाब की कांग्रेस सरकार के साथ ही समाजवादी पार्टी पर भी निशाना साधा है। सरकार के प्रवक्ता एवं एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा है कि माफिया मुख्तार अंसारी को लग्जरी और बुलेटप्रूफ एंबुलेंस पूर्व की सपा सरकार ने दी थी। अब वह पंजाब की जेल में बंद मुख्तार अंसारी तक कैसे पहुंची, इसका जवाब कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा दें।

यूपी सरकार के प्रवक्ता व मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भाजपा सरकार 2017 में सत्ता में आई। उसके पहले हुई किसी भी गलती के लिए पूर्व की सरकार ही जवाबदेह है। वर्ष 2013 में अखिलेश सरकार ने मुख्तार अंसारी को लग्जरी और बुलेटप्रूफ एंबुलेंस दी थी, जिसे वह तभी से प्रयोग कर रहा है।

सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि माफिया मुख्तार अंसारी इस समय पंजाब की जेल में बंद है। वहां की कांग्रेस सरकार और पुलिस के संरक्षण में वह निजी वाहन प्रयोग कर रहा है। जेल के नियम और कानून के तहत किसी भी अपराधी को एंबुलेंस पाने का अधिकार नहीं है। वह माफिया तक कैसे पहुंची, वह कैसे इसका इस्तेमाल कर रहा है? इसका जवाब कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा को देना चाहिए, क्योंकि पंजाब में उन्हीं की पार्टी की सरकार है।

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बता दें कि मुख्तार अंसारी को पंजाब के मोहाली कोर्ट में पेशी के लिए ले जाने वाली एंबुलेंस सवालों के घेरे में है। इस मामले में सामने आने वाला हर तथ्य बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहा है। बाराबंकी के श्याम संजीवनी हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के नाम यह एंबुलेंस (यूपी 41 एटी 7171) पंजीकृत है, लेकिन वह अस्पताल कहीं भी मौजूद नहीं है। यही नहीं बाराबंकी सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय (एआटीओ) में पंजीकृत इस एंबुलेंस की फाइल भी गुम है।

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