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UP Mission Shakti: विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में अब 'चुप्पी तोड़ो, खुलकर बोलो' अभियान, उच्च शिक्षा विभाग करेगा आयोजन

उत्तर प्रदेश सरकार का मिशन शक्ति पर विशेष जोर है। अब इस अभियान का तीसरा चरण शुरू हुआ है। इसी माह विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों व शिक्षकों को बदलाव अभिकर्ता के रूप में चिन्हित करके दो अक्टूबर को उन्हें सम्मानित किया जाएगा।

By Umesh TiwariEdited By: Updated: Mon, 23 Aug 2021 08:20 PM (IST)
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उत्तर प्रदेश में महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन का अभियान शुरू हो गया है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन का अभियान शुरू हो गया है। उच्च शिक्षा विभाग छात्राओं को 'चुप्पी तोड़ो, खुलकर बोलो' अभियान के तहत परामर्श भी देगा। मिशन शक्ति अभियान दिसंबर माह तक चलना है, जिसकी विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है। इसके लिए शासन व निदेशालय से लेकर जिले स्तर तक नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार का मिशन शक्ति पर विशेष जोर है। 2020 के शारदीय नवरात्र व 2021 के वासंतिक नवरात्र में दो चरण संचालित हो चुके हैं, अब तीसरा चरण शुरू हुआ है। इसी माह विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों व शिक्षकों को बदलाव अभिकर्ता के रूप में चिन्हित करके दो अक्टूबर को उन्हें सम्मानित किया जाएगा। 10 दिसंबर को मानव अधिकार दिवस के अवसर पर संस्थानों में एजेंट्स आफ चेंज के कार्यों का प्रदर्शन होगा। छात्राओं को चुप्पी तोड़ो, खुलकर बोलो के तहत परामर्श देने के लिए महिला अध्यापिकाएं नामित की जाएंगी। इस कार्य के लिए एनजीओ व मनोचिकित्सक का भी सहयोग लिया जाएगा।

बनेंगे बालिका हेल्थ क्लब : प्रदेश के महिला महाविद्यालयों में हेल्थ क्लब बनेंगे व सहशिक्षा वाले महाविद्यालयों में बालिका हेल्थ क्लब गठित होंगे, जिनमें स्वास्थ्य विभाग की ओर से छात्राओं को प्राथमिक उपचार के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। हर विश्वविद्यालय व महाविद्यालय में छात्राओं का अगस्त से दिसंबर के बीच स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाया जाएगा। पुलिस विभाग के सहयोग से जिले में महिला सुरक्षा व क्राइम पर जागरूकता अभियान चलेगा। उच्च शिक्षण संस्थानों में माह में एक बार महिला रोल माडल के साथ संवाद स्थापित किया जाएगा।

उद्यमिता विकास : उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्राओं को उद्यमिता व आत्मनिर्भरता की ओर प्रोत्साहित करने के लिए तकनीकी व वित्तीय जानकारी दी जाएगी। इसके लिए परामर्श सत्र आयोजित होंगे, जिसमें नामित महिला शिक्षिका समस्या सुनकर निदान बताएंगी। हर संस्थान में छात्राओं को योग व व्यायाम का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

लैंगिक समानता व स्वास्थ्यवर्धन : संस्थानों में सितंबर व दिसंबर के पहले शनिवार को लैंगिक समानता, बालिकाओं के स्वास्थ्यवर्धन व पोषण के प्रति जागरूकता के लिए वेबिनार, व्याख्यानमाला तथा निबंध व पोस्टर प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। दूसरे शनिवार को महिला सुरक्षा के लिए महिला हेल्पलाइन, साइबर क्राइम, पाक्सो एक्ट, लैंगिक हिंसा, दहेज कुप्रथा, बाल विवाह, कन्या भ्रूण हत्या, घरेलू हिंसा, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न आदि प्रचलित कानूनों की जानकारी दी जाएगी। आत्मसुरक्षा के लिए मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इसी तरह तीसरे शनिवार को विश्वविद्यालय के महिला सशक्तीकरण प्रकोष्ठ की ओर से विषय विशेषज्ञों के सहयोग से शिक्षकों को जानकारियां दी जाएंगी। संस्थानों में छात्र व अभिभावक बालिका सुरक्षा की शपथ लेंगे।

विशिष्ट दिवस पर होंगे कार्यक्रम : उच्च शिक्षा की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग ने निदेशक उच्च शिक्षा व विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को भेजे आदेश में लिखा है कि 26 अगस्त तथा 10 व 16 दिसंबर को संस्थानों में विविध आयोजन किए जाएंगे। इसकी पूरी रिपोर्ट निदेशक उच्च शिक्षा सूचना विभाग के पोर्टल पर भेजेंगे।

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