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UP MLC Chunav 2022: भाजपा ने छांट लिए 36 एमएलसी प्रत्याशी, अब सिर्फ नामों की घोषणा बाकी

UP MLC Election 2022 भाजपा कोर कमेटी की सोमवार शाम को हुई बैठक में विधान परिषद के स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र के 36 प्रत्याशियों के नाम फाइनल हो गए हैं। इन सीटों के लिए सभी जिलों से चार-पांच दावेदारों के नाम पैनल में थे।

By Umesh TiwariEdited By: Updated: Tue, 15 Mar 2022 05:39 PM (IST)
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UP MLC Chunav 2022: हर जिले से आए चार-पांच दावेदारों के पैनल पर मंथन हुआ।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में अकेले 255 और गठबंधन सहयोगियों के साथ मिलकर 273 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत प्राप्त करने वाली भारतीय जनता पार्टी की नजर अब विधान परिषद पर है। सपा के बहुमत वाले परिषद में अपना दमखम बढ़ाने के लिए सत्ताधारी दल ने विधान परिषद (स्थानीय निकाय) की 36 सीटों के लिए प्रत्याशी चयन पर अंतिम मंथन कर लिया है। मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर हुई कोर कमेटी की बैठक में प्रत्याशियों के नाम पर सहमति बन चुकी है और अब सिर्फ घोषणा बाकी है।

भाजपा कोर कमेटी की सोमवार शाम को हुई बैठक में विधान परिषद के स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र के 36 प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा हुई। इन सीटों के लिए सभी जिलों से चार-पांच दावेदारों के नाम पैनल में थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डा. दिनेश शर्मा ने इन पैनल में शामिल नामों पर विचार-विमर्श किया।

दरअसल, प्रत्याशियों के नाम पर सहमति पहले ही बन चुकी थी, तभी फरवरी में नामांकन प्रक्रिया शुरू भी कर दी गई थी, जो कि दो दिन बाद ही विधानसभा चुनाव संपन्न होने तक के लिए स्थगित कर दी गई। अब विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आ चुके हैं। ऐसे में प्रदेश नेतृत्व ने हार-जीत के क्षेत्रों के आधार पर नए समीकरण ध्यान में रखकर समीक्षा की है।

बैठक में शामिल सूत्रों ने बताया कि सभी सीटों के लिए एक-एक नाम पर सहमति बन चुकी है। अब इस पर केंद्रीय नेतृत्व की स्वीकृति लेने के बाद सिर्फ घोषणा करना बाकी है। मंगलवार से पहले चरण की तीस सीटों के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो रही है, जिसकी अंतिम तिथि 19 मार्च है। दो दिन यानी 17 और 18 मार्च को होली का अवकाश रहेगा। इसे देखते हुए प्रबल संभावना है कि मंगलवार या बुधवार को प्रत्याशी घोषित कर दिए जाएं।

दूसरे दल से आए एमएलसी पाएंगे टिकट : संगठन के सूत्रों ने बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान जब दलबदल का सिलिसला तेज था, तब सपा के 31 में से आठ एमएलसी, जबकि बसपा के दो में से एक विधान परिषद सदस्य ने भाजपा की सदस्यता ले ली। भाजपा के पक्ष में विधानसभा चुनाव के परिणाम आए हैं। ऐसे में पार्टी का मत है कि दूसरे दलों से आए सभी विधान परिषद सदस्यों को एमएलसी चुनाव लड़ा दिया जाए।

दिल्ली से भी राय-मशविरा कर लौटे योगी : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार सुबह दिल्ली के लिए रवाना हुए थे और सोमवार शाम तक रहे। वहां उन्होंने राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष, केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और सह-प्रभारी अनुराग ठाकुर आदि से मुलाकात कर विधानसभा चुनाव जीत में सहयोग के लिए आभार जताया। माना जा रहा है कि वहां मोदी, शाह और नड्डा से हुई भेंट में योगी ने एमएलसी चुनाव और मंत्रिमंडल गठन को लेकर भी सलाह-मशविरा किया है। वहां से लौटते ही यहां लखनऊ में कोर कमेटी के साथ बैठक की।

सपा ने भी कसी कमर, अखिलेश ने की बैठक : विधान परिषद में अभी समाजवादी पार्टी का बहुमत है। सपा के 31 एमएलसी हैं। विधानसभा चुनाव में हार के बाद सपा चाहती है कि परिषद में ताकत लगाई जाए। इसके लिए पार्टी मुखिया अखिलेश यादव ने सोमवार को प्रदेश मुख्यालय में इस संबंध में बैठक की। पार्टी के सभी विधान परिषद सदस्यों और वरिष्ठ पदाधिकारियों को इसमें बुलाकर प्रत्याशी चयन और रणनीति पर चर्चा की गई।

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