UP MLC Election 2022 Result: बाराबंकी में भाजपा के अंगद सिंंह जीते, ढहा समाजवादी दुर्ग
UP MLC Election 2022 Result बाराबंंकी में भाजपा प्रत्याशी अंगद सिंह को 2272 और सपा को 527 मत निर्दल को सात मतों पर करना पड़ा संतोष। भाजपा की एकजुटता और सपा की गुटबाजी बनी बड़े बदलाव की वजह।
By Anurag GuptaEdited By: Updated: Tue, 12 Apr 2022 01:08 PM (IST)
बाराबंकी, [जगदीप शुक्ल]। विधान परिषद सदस्य (स्थानीय प्राधिकारी) पद के चुनाव में भाजपा के अंगद कुमार सिंह ऐतिहासिक जीत हासिल की है। उनकी सफलता ने जहां भाजपाइयों की जिले में पहली बार एमएलसी पद पर कमल खिलाने की हसरत को पूरी हो गई है वहीं समाजवादी दुर्ग ढह गया है। इस सीट पर लंबे समय तक समाजवादी पार्टी या समाजवादी विचारधारा से जुड़े लोगों का कब्जा रहा है। राजनीतिक जानकार इसके लिए भाजपा की मजबूत रणनीति और समाजवादी पार्टी की गुटबाजी को जिम्मेदार ठहराते हैं।
भाजपा की एकजुटता जीती, सपा की गुटबाजी हारी : विधान परिषद सदस्य पद के चुनाव को लेकर पूरी भाजपा एकजुट रही। प्रदेश मंत्री एवं जिला प्रभारी अर्चना मिश्रा के नेतृत्व में न सिर्फ ठोस रणनीति बनाई गई बल्कि बैठकें कर जनप्रतिनिधि और पदाधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की गई। इतना ही नहीं नियमित रूप से समीक्षा कर उसी के मुताबिक आगे की रणनीति पर काम किया गया।चुनाव वाले दिन भी जिला प्रभारी सहित जनप्रतिनिधि, पूर्व जनप्रतिनिधि व पदाधिकारीगण मतदेय स्थलों की ओर भ्रमणशील रहे। हालांकि, भाजपा में भी गुटबाजी की चर्चाएं रहीं, लेकिन ऐतिहासिक परिणाम ने इन अफवाहों पर विराम लगा दिया। जिलाध्यक्ष के रूप में शशांक कुशमेश की यह बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। इससे पहले अवधेश श्रीवास्तव के जिलाध्यक्ष रहते जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर पहली बार कमल खिला था।
समाजवादी पार्टी में गुटबाजी की जताई जा रही आशंका को परिणाम ने सच साबित कर दिया है। सपा की ओर से ग्राम प्रधान, बीडीसी, डीडीसी, सभासद, विधायक सहित करीब 1800 पार्टी के एमएलसी के मतदाता होने का दावा किया जा रहा था, लेकिन पार्टी प्रत्याशी राजेश यादव राजू को महज 527 मत ही मिल सके। इससे स्पष्ट है कि भितरघात व गुटबाजी हावी रही है। विधानसभा चुनाव में भी दो पूर्व मंत्रियों को मिली शिकस्त के वजह पार्टी में गुटबाजी बताई गई थी।
सत्ता होने पर भी हार गई थी भाजपा : अमूमन इस चुनाव में सत्ता का पलड़ा भारी रहने की बात कही जाती है। लेकिन, करीब दो दशक पहले भाजपा की सरकार होने के बावजूद पार्टी प्रत्याशी शिवकरन सिंह को सपा प्रत्याशी से हार का सामना करना पड़ा था। अंगद सिंह पहली बार इस सीट पर कमल खिलाने में कामयाब रहे हैं। इससे पहले सपा से प्रदीप यादव, उनके पुत्र अरविंद यादव, गयासुद्दीन किदवई, राजेश यादव राजू सहित समाजवादी विचारधारा के ही ज्यादातर लोग इस पद पर चुने गए हैं। बसपा प्रत्याशी के रूप में हरगोविंद सिंह को जीत मिली थी।
- Col Rajyavardhan Rathore (@ra_thore) 12 Apr 2022
- Yogi Adityanath (@myogiadityanath) 12 Apr 2022