UP Nikay Chunav 2023: वोटिंग प्रोसेस, ओबीसी आरक्षण और परिसीमन... देखें इस बार कितना अलग होगा यूपी निकाय चुनाव
बहुप्रतीक्षित नगरीय निकाय चुनाव की डुगडुगी रविवार को बज गई। अबकी 760 नगरीय निकायों के 14684 पदों के लिए चुनाव दो चरणों में चार और 11 मई को होंगे। सभी पदों के लिए मतगणना एक साथ 13 मई को होगी।
By Narender SanwariyaEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Mon, 10 Apr 2023 06:02 AM (IST)
लखनऊ, एजेंसी। उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान 9 अप्रैल हो गया है। ये चुनाव दो चरणों में होंगे। मतदान 4 और 11 मई को होगा। नतीजे 13 मई को आएंगे। राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी है। उन्होंने मीडिया से कहा कि शहरी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए मतदान 4 और 11 मई को होगा, जबकि मतगणना 13 मई को होगी। चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद राज्य भर में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है।
प्रदेश के 760 नगरीय निकायों में कुल 14684 पदों के लिए दो चरणों में वोट डाले जाएंगे। प्रदेश की इन 760 निकायों के लिए वोटिंग दिसंबर 2022 में होनी थी। लेकिन इन निकायों का कार्यकाल 12 दिसंबर से 19 जनवरी के बीच खत्म हुआ। हालांकि, बात परिसीमन और ओबीसी आरक्षण पर अटक गई थी। लेकिन जैसे ही यह मामला सुलझा आयोग ने चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। इस बार निकाय चुनाव पिछले बार के चुनाव से अलग होगा।
तीन चरणों में चुनाव प्रक्रिया 36 दिन में पूरी
बहुप्रतीक्षित नगरीय निकाय चुनाव की डुगडुगी रविवार को बज गई। अबकी 760 नगरीय निकायों के 14,684 पदों के लिए चुनाव दो चरणों में चार और 11 मई को होंगे। सभी पदों के लिए मतगणना एक साथ 13 मई को होगी। 4.32 करोड़ से अधिक मतदाता शहरों की सरकार चुनेंगे। इस बार चुनाव प्रक्रिया 35 दिनों में पूरी होगी जबकि पिछली बार तीन चरणों में चुनाव प्रक्रिया 36 दिन में पूरी हुई थी। चुनाव की अधिसूचना के साथ ही प्रदेश में आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गई है।
पहले चरण का चुनाव
रविवार देर शाम राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने नगरीय निकाय चुनाव कार्यक्रम की अधिसूचना जारी करते हुए बताया कि अबकी 17 नगर निगम, 199 नगर पालिका परिषद व 544 नगर पंचायतों के कुल 14,684 पदों के लिए चुनाव होंगे। इनमें नगर निगमों में मेयर के 17 व नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों के 743 अध्यक्ष पद शामिल हैं। 13,924 वार्डों के लिए पार्षद व सदस्यों का चुनाव होगा। आयुक्त ने बताया कि पहले चरण में राजधानी लखनऊ सहित 37 जिलों के नगरीय निकायों में चुनाव होंगे।
दूसरे चरण का चुनावदूसरे चरण में 38 जिलों में चुनाव होंगे। 17 नगर निगमों में चुनाव इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से कराए जाएंगे जबकि नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायतों में चुनाव मत पत्रों के जरिए होंगे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 की तुलना में इस बार के चुनाव में 107 नगरीय निकाय बढ़ गईं हैं, इनमें एक नगर निगम, एक नगर पालिका परिषद व 105 नगर पंचायतें हैं। मतदाताओं की संख्या में भी 96,33,832 का अंतर आया है। 2017 में कुल मतदाता 3,35,95,547 थे जबकि इस बार 4,32,29,379 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
चुनाव में दो लाख कर्मियों की ड्यूटीइस बार चुनाव के लिए 13,752 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। वर्ष 2017 की तुलना में 2361 अधिक हैं। मतदेय स्थलों को देखा जाए तो इस बार उनकी संख्या 43,198 हो गई है। पिछले चुनाव में 36,354 मतदेय स्थल ही थे। आयोग ने चुनाव के लिए दो लाख कर्मियों की ड्यूटी लगाई है।संवेदनशील केंद्रों की होगी वेबकास्टिंगराज्य निर्वाचन आयोग संवेदनशील मतदान केंद्रों की वेबकास्टिंग कराएगा। इसके जरिए सीधे आनलाइन नजर रखी जाएगी। इसके अलावा वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि सभी जिलों में गड़बड़ी करने वालों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि शांतिपूर्ण मतदान के लिए बड़ी संख्या में पुलिस व पीएसी के जवान लगाए जाएंगे।
मतदान वाले जिलों में 48 घंटे रहेगी शराबबंदीमतदान वाले जिलों में 48 घंटे शराबबंदी रखने का निर्णय लिया गया है। यानी जिस जिले में मतदान होगा वहां चुनाव प्रचार थमने के साथ ही शराब की दुकानें भी बंद कर दी जाएंगी। राज्य निर्वाचन आयुक्त पहले ही सभी जिलों को शराबबंदी कड़ाई से लागू करवाने के निर्देश दे चुके हैं। इसके साथ ही 13 मई को मतगणना वाले दिन भी पूरे प्रदेश में शराब की दुकानें बंद रहेंगी।
मतदान से 48 घंटे पहले सील हो जाएंगी सीमाएंजिस जिले में मतदान होगा वहां 48 घंटे पहले सीमाएं भी सील कर दी जाएंगी। जिले की सीमाओं पर हर आने-जाने वालों पर नजर रखी जाएगी। दूसरे जिलों से आने वाले लोगों को मतदान से पहले ही जिला छोड़ कर जाना होगा। यह नियम भी कड़ाई से लागू कराया जाएगा। आयोग ने अधिकारियों को इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न करने की हिदायत दी है।
चुनाव ईवीएम से या बैलट पेपर से?प्रदेश के 17 महापौर और 1420 पार्षद के चुनाव ईवीएम द्वारा होंगे, जबकि नगर पालिका और नगर पंचायत का चुनाव बैलट पेपर से होंगे।कब कहां डाले जाएंगे वोट? यूपी के सभी मंडलों में दो चरणों में वोटिंग होगी। 4 मई 2023 (पहला चरण)सहारनपुरमुरादाबादआगराझांसी
प्रयागराजलखनऊदेवीपाटनगोरखपुरवाराणसी11 मई 2023 (दूसरा चरण)मेरठबरेलीअलीगढ़कानपुरचित्रकूटअयोध्याबस्तीआजमगढ़मिर्जापुरयूपी में कितने नगर निगम? उत्तर प्रदेश में कुल 17 नगर निगम हैं। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में कुल 198 नगर पालिका परिषद और 493 नगर पंचायतें हैं। नगर निगम में मेयर और पार्षदों को चुना जाता है, जबकि नगर पालिका और नगर पंचायतों में अध्यक्ष और सभासद को चुना जाता है।
कितनी सीटें आरक्षित हैं? महापौर की 17 में से 9 सीटों को आरक्षित किया गया है। पिछली बार 16 सीटों पर मतदान हुआ था। इससे पहले 2012 में 12 सीटों पर मतदान हुआ था।आरक्षण का मसला कब सुलझा? यूपी सरकार ने 30 मार्च को ओबीसी आरक्षण का ड्राफ्ट जारी किया। जिसके बाद चुनावों का रास्ता साफ हुआ, प्रदेश की 760 नगर निकायों में 205 सीटें ओबीसी के लिए आरक्षित हैं।परिसीमन का क्या खेल है? सीमा विस्तार होने के बाद नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत की संख्या बढ़ गई है। अब कुल मिलाकर 17 नगर निगम, 200 नगर पालिकाएं और 545 नगर पंचायत हैं। इनमें से 760 पर ही चुनाव होने हैं। नई नगर पंचायत बनने से कई ग्रामीण इलाके अब नगर में आ गए हैं, जिसके बाद वोटर्स की संख्या बढ़ गई है।
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