Move to Jagran APP

UP News: ट्रांसफर के बाद 7 दिन के अंदर कर्मियों को नयी तैनाती पर ग्रहण करना होगा कार्यभार, नहीं तो होगा एक्शन

बता दें क‍ि क‍ि यूपी की योगी सरकार ने हाल ही में नई स्थानांतरण नीति (2023-24) को कैबिनेट की मंजूरी के बाद लागू किया है। इसके अनुसार विभागीय मंत्री की अनुमति से विभागाध्यक्ष 30 जून तक तबादले कर सकेंगे।

By Jagran NewsEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Tue, 13 Jun 2023 07:34 PM (IST)
Hero Image
योगी सरकार ने हाल ही में नई स्थानांतरण नीति (2023-24) को कैबिनेट की मंजूरी के बाद लागू किया है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार के अधीन सेवारत कर्मचारियों और अधिकारियों को ट्रांसफर के 7 दिन या तय की गई तारीख तक अपनी नवीन तैनाती पर कार्यभार ग्रहण करना अनिवार्य होगा। यदि ट्रांसफर होने के बाद भी कोई अधिकारी अपने अधीन सेवारत कर्मचारी को कार्यमुक्त नहीं करता है या कोई कर्मचारी/अधिकारी 7 दिन या नियत तारीख तक नवीन तैनाती पर कार्यभार ग्रहण नहीं करता है तो इसे अनुशासनहीनता मानते हुए कार्रवाई की जाएगी।

हालांकि, प्रदेश के 8 आकांक्षी जनपदों, बुंदेलखंड एवं 34 जनपदों के 100 आकांक्षी विकासखंडों के लिए थोड़ी राहत दी गई है। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार ने हाल ही में नई स्थानांतरण नीति (2023-24) को कैबिनेट की मंजूरी के बाद लागू किया है। इसके अनुसार विभागीय मंत्री की अनुमति से विभागाध्यक्ष 30 जून तक तबादले कर सकेंगे।

कार्यमुक्त न करने वाले अधिकारियों पर होगी कार्रवाई

नई स्थानांतरण नीति के अनुसार, स्थानान्तरण आदेश जारी किए जाने के एक सप्ताह के अंदर रिप्लेसमेंट की प्रतीक्षा किए बिना नवीन पद पर कार्यभार ग्रहण करना होगा और संबंधित प्राधिकारी को स्थानांतरित कार्मिकों को तत्काल रिलीव करना होगा। स्थानांतरित कार्मिकों को निर्धारित समय में कार्यमुक्त न किया जाना अनुशासनहीनता के तौर पर देखा जाएगा और जो अधिकारी स्थानांतरण आदेशों का पालन न करते हुए, संबंधित कार्मिक को कार्यमुक्त नहीं करेंगे, उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की जाएंगी।

तय समय में ग्रहण करना होगा कार्यभार

वहीं, नई स्थानांतरण नीति में स्थानांतरित कार्मिकों के लिए भी दिशा निर्देश दिए गए हैं। इसके अनुसार, स्थानांतरित कार्मिकों द्वारा नवीन तैनाती पद पर तय समय के अंदर कार्यभार ग्रहण न करने पर उन्हें स्वतः कार्यमुक्त किया जा सकेगा। यानी वो पुरानी तैनाती पर अपना कार्य जारी नहीं रख सकेंगे। यही नहीं, स्थानान्तरित कार्मिकों के द्वारा नवीन तैनाती के स्थान पर नियत समय पर कार्यभार ग्रहण न करने पर उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही भी की जाएगी।

आकांक्षी जिलों और विकासखंडों को विशेष छूट

नई स्थानांतरण नीति में आकांक्षी जिलों एवं विकासखंडों के साथ ही बुंदेलखंड के जिलों को खास तवज्जो दी गई है। इसके अनुसार, भारत सरकार द्वारा घोषित प्रदेश की आकांक्षी जिला योजना से संबंधित 08 जनपदों एवं बुंदेलखंड के समस्त जनपदों में तैनात कार्मिकों को उनके नियंत्रक प्राधिकारियों द्वारा तब तक अवमुक्त नहीं किया जाएगा, जब तक कि उनके प्रतिस्थानी द्वारा कार्यभार ग्रहण न कर लिया जाय। यह प्रतिबंध आईएएस/आईपीएस/आईएफएस/पीसीएस एवं पीपीएस अधिकारियों पर लागू नहीं होगा।

एक्सप्रेस-वे की तरह चौड़े होंगे UP के हाईवे, काम ने पकड़ी रफ्तार; प्रयागराज मंडल की 35 सड़कों के लिए मिला फंड

इसी तरह, भारत सरकार द्वारा घोषित प्रदेश के 34 जनपदों के 100 आकांक्षी विकास खंडों में तैनात कार्मिकों को उनके नियंत्रक प्राधिकारियों द्वारा तब तक अवमुक्त नहीं किया जाएगा जब तक कि उनके प्रतिस्थानी द्वारा कार्यभार ग्रहण न कर लिया जाए। आकांक्षी जनपद तथा आकांक्षी विकास खंडों में समस्त रिक्त पद प्राथमिकता से भरे जाएंगे।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।