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UP News: ई-नीलामी से होगा औद्योगिक व व्यावसायिक भूखंडों का आवंटन, नजदीक ही है आवेदन की अंतिम तारीख

उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने 43 औद्योगिक और व्यावसायिक भूखंडों की मेगा ई-नीलामी शुरू की है। बरेली जालौन बाराबंकी प्रयागराज मुरादाबाद और ट्रांस गंगा सिटी उन्नाव में व्यावसायिक प्लॉट नीलाम किए जाएंगे। अमेठी अमरोहा बांदा और हमीरपुर में औद्योगिक भूखंडों के आवंटन के लिए ई-नीलामी होगी। आवेदन प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हुई और 25 अक्टूबर को नीलामी होगी।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Sat, 12 Oct 2024 12:29 AM (IST)
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43 औद्योगिक व व्यावसायिक भूखंडों की मेगा ई-नीलामी प्रक्रिया शुरू की गई है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने 43 औद्योगिक व व्यावसायिक भूखंडों की मेगा ई-नीलामी प्रक्रिया शुरू की है। इसके तहत बरेली, जालौन, बाराबंकी, प्रयागराज, मुरादाबाद व ट्रांस गंगा सिटी उन्नाव के व्यावसायिक प्लॉट की नीलामी की जाएगी। 

इन व्यावसायिक भूखंडों का इस्तेमाल वेयर हाउस, होटल, ग्रुप हाउसिंग, मल्टीप्लेक्स, पेट्रोल पंप, अस्पताल समेत अन्य व्यावसायिक गतिविधियों के लिए हो सकेगा। वहीं, यूपीसीडा द्वारा अमेठी, अमरोहा, बांदा व हमीरपुर में ई-नीलामी के जरिए औद्योगिक भूखंडों के आवंटन का भी मार्ग प्रशस्त किया जाएगा।

नीलामी में शामिल सभी प्लॉट्स का रिजर्व प्राइस तय

ई-नीलामी में भाग लेने के लिए आवेदन प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो गई है। नीलामी में शामिल होने वाले सभी प्लॉट्स का रिजर्व प्राइस तय कर दिया गया है और इसी आधार पर आवेदनकर्ता बोली लगा सकेंगे। 

प्रक्रिया के तहत प्रोसेसिंग फीस व ईएमडी भुगतान (बयाना राशि) जमा करने की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर निर्धारित की गई है, जबकि आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 18 अक्टूबर तय की गई है। 

25 अक्टूबर को मेगा ई-नीलामी प्रस्तावित है, जिसके जरिए भूखंड आवंटन प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। इसकी विस्तृत जानकारी यूपीसीडा की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

राजकीय निर्माण निगम के पूर्व अभियंता पर भ्रष्टाचार का मुकदमा

  • विजिलेंस की जांच में आय से अधिक संपत्ति जुटाने के पाए गए दोषी

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) की जांच में उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लखनऊ में तैनात रहे पूर्व स्थानिक अभियंता सैयद शमीम अहमद आय से अधिक संपत्ति जुटाने के दोषी पाए गए हैं। शासन के आदेश पर विजिलेंस ने आरोपित अभियंता के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

यह है पूरा मामला

लखनऊ के मुफ्तीगंज निवासी सेवानिवृत्त स्थानिक अभियंता शमीम अहमद के विरुद्ध भ्रष्टाचार की शिकायत पर वर्ष 2019 में विजिलेंस की खुली जांच का निर्देश दिया था। विजिलेंस कानपुर सेक्टर की टीम ने जांच के लिए निर्धारित अवधि के दौरान शमीम अहमद की आय व व्यय की जांच की। 

खर्च को लेकर नहीं दे पाए थे जवाब

पाया गया कि इस अवधि में पूर्व अभियंता की आय 18.87 लाख रुपये थी और उन्हाेंने भरण-पोषण व संपत्तियां जुटाने में 25.43 लाख रुपये खर्च किए। अपनी आय से साढ़े छह लाख रुपये खर्च को लेकर वह कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके थे। विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की है, जिससे पूर्व अभियंता की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

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