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UP News: यूपी के 25 हजार मदरसों पर एटीएस की टेढ़ी नजर, देश विराेधी गतिविधियों को बढ़ावा देने का संदेह; होगी कार्रवाई!

प्रदेश में संचालित मदरसों में शैक्षिक कार्यों को बढ़ावा देने के लिए हो रही विदेशी फंडिंग के दुरुपयोग की गहनता से जांच होगी। विदेशों से आ रही रकम से देश विरोधी व अवैध मतांतरण जैसी गतिविधियों को बढ़ावा दिए जाने का संदेह है। नेपाल सीमा से सटे जिलों में बीते कुछ वर्षों में मदरसों की तेजी से बढ़ी है जो आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरे की आशंका को बढ़ाती है।

By Alok MishraEdited By: Shivam YadavUpdated: Sat, 21 Oct 2023 05:48 PM (IST)
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मदरसों के खातों की होगी जांच। सांकेतिक तस्वीर

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में संचालित मदरसों में शैक्षिक कार्यों को बढ़ावा देने के लिए हो रही विदेशी फंडिंग के दुरुपयोग की गहनता से जांच होगी। विदेशों से आ रही रकम से देश विरोधी व अवैध मतांतरण जैसी गतिविधियों को बढ़ावा दिए जाने का संदेह है। 

नेपाल सीमा से सटे जिलों में बीते कुछ वर्षों में मदरसों की तेजी से बढ़ी है, जो आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरे की आशंका को बढ़ाती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मदरसों को हो रही विदेशी फंडिंग के दुरुपयोग की जांच के लिए एडीजी एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ता) मोहित अग्रवाल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन किया गया है। 

एसआईटी में एसपी साइबर क्राइम प्रो. त्रिवेणी सिंह व अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की निदेशक जे. रीभा बतौर सदस्य शामिल होंगी। चार हजार से अधिक गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को विदेशी फंडिंग की जानकारी सामने आई है, जिसके दृष्टिगत जांच का आदेश दिया गया है।

मांगी जाएगी लेनदेन की जानकारी

प्रदेश में 16,513 मान्यता प्राप्त व 8,500 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे संचालित हैं। सूत्रों का कहना है कि एसआईटी सभी 25 हजार मदरसों में हो रही फंडिंग की सिलसिलेवार जांच करेगी। सभी मदरसों को नोटिस देकर फारेन करेंसी अकाउंट (ईईएफसी) के माध्यम से हो रहे लेनदेन की जानकारी मांगी जाएगी। 

इसके बाद उन मदरसों को सूचीबद्ध किया जाएगा, जिन्हें विदेशों से रकम भेजी जा रही है। फिर इस बात की जांच होगी कि किन-किन देश से रकम भेजी गई है और इसका प्रयोग किन-किन गतिविधियों में किया गया है। 

नेपाल सीमा में बढ़ी अवैध मदरसों की संख्या

एक अधिकारी के अनुसार, नेपाल सीमा से सटे बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत के अलावा आसपास के कुछ अन्य जिलों में पांच सौ से एक हजार तक मदरसे संचालित हो रहे हैं। नेपाल सीमा से सटे जिलों में बीते कुछ वर्षों में इनकी संख्या तेजी से बढ़ी है।

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बीते दिनों अल्पसंख्यक विभाग ने कई जिलों में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच भी की थी, जिसमें कई मदरसों के आय के स्रोत को लेकर स्पष्ट जानकारियां सामने नहीं आ पाई थीं। अब मदरसों को हो रही विदेशी फंडिंग की गहनता से जांच होगी।

एटीएस ने पकड़ा है विदेशी फंडिंग के दुरुपयोग का मामला

एटीएस ने बीते दिनाें बांग्लादेशी नागरिकों व रोहिंग्या की घुसपैठ कराने वाले गिरोह के तीन सक्रिय सदस्यों को पकड़ा है। जांच में सामने आया कि दिल्ली से संचालित एनजीओ के माध्यम से तीन वर्षों में 20 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग हुई, जिसका उपयोग घुसपैठियों की मदद के लिए किया जा रहा था।

गलत कामों में खर्च हो रही विदेशी रकम 

अलग-अलग एनजीओ को यह रकम शैक्षिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भेजी जा रही थी, जबकि सिंडीकेट घुसपैठियों को फर्जी दस्तावेजों की मदद से पहचान बदलकर अलग-अलग जिलों में शरण दिलाने के लिए विदेश से आ रही रकम का उपयोग कर रहा था। ऐसे में मदरसों को हो रही विदेशी फंडिंग की जांच में कई बड़े तथ्य सामने आ सकते हैं।

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