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UP News : अलीगढ़ से लेकर देवबंद तक संदिग्ध आतंकियों की तलाश, एटीएस ने तेज की आइएस के नेटवर्क की छानबीन

अलीगढ़ से गिरफ्तार किए गए आतंकी अब्दुल्ला अर्सलान व माज बिन तारिक के बाद अब एटीएस अलीगढ़ से लेकर देवबंद (सहारनपुर) तक कई स्थानों पर आतंकियों की छानबीन कर रही है। एटीएस की विशेष कोर्ट ने अब्दुल्ला व तारिक की आठ से 13 नवंबर तक की पुलिस रिमांड स्वीकृत की है। एटीएस बुधवार को दोनों को पुलिस रिमांड पर लेकर उनसे नए सिरे से पूछताछ आरंभ करेगी।

By Alok MishraEdited By: Jeet KumarUpdated: Wed, 08 Nov 2023 05:15 AM (IST)
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अलीगढ़ से लेकर देवबंद तक संदिग्ध आतंकियों की तलाश
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ता) ने अलीगढ़ से इस्लामिक स्टेट आफ इराक एंड सीरिया (आइएसआइएस) के आतंकी अब्दुल्ला अर्सलान और माज बिन तारिक को गिरफ्तार करने के बाद उनके अन्य साथियों की तलाश तेज की है। अलीगढ़ से लेकर देवबंद (सहारनपुर) तक कई स्थानों पर छानबीन की जा रही है।

सूत्रों का कहना है कि आतंकियों के इस नेटवर्क से जुड़े संदिग्धों की पड़ताल की महाराष्ट्र, झारखंड व अन्य राज्यों में भी टीमें रवाना की गई हैं। एटीएस की विशेष कोर्ट ने अब्दुल्ला व तारिक की आठ से 13 नवंबर तक की पुलिस रिमांड स्वीकृत की है। एटीएस बुधवार को दोनों को पुलिस रिमांड पर लेकर उनसे नए सिरे से पूछताछ आरंभ करेगी।

एटीएस ने इनके खिलाफ दर्ज किया मुकदमा

एटीएस ने अपने मुकदमे में अब्दुल्ला व तारिक के अलावा दिल्ली निवासी शहनवाज, रिजवान अली व अरशद वारसी, अलीगढ़ निवासी वजीहुद्दीन, अब्दुल समद मलिक, फैजान बख्तियार, संभल निवासी मोहम्मद नावेद सिद्दीकी, प्रयागराज निवासी रिजवान अशरफ समेत अन्य को आरोपित बनाया गया है।

रिजवान अशरफ ने इस्लामिक शिक्षा ग्रहण की थी

एटीएस की जांच में सामने आया है कि आरोपित वजीहुद्दीन मूलरूप से झारखंड का निवासी है। प्रयागराज निवासी रिजवान अशरफ ने इस्लामिक शिक्षा ग्रहण की थी पर वह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) नहीं था। वह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के छात्र संगठन से जुड़े अन्य आरोपितों के सीधे संपर्क में था और आइएसआइएस की विचाराधारा का प्रचार-प्रसार कर रहा था।

अलीगढ़ में किराये का मकान लेकर कई माह ठहरा था शहनवाज

दिल्ली पुलिस ने एक माह पूर्व आइएस के आतंकी शहनवाज के साथ रिजवान अशरफ व अरशद वारसी को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद उनसे जुड़े एएमयू के अन्य छात्रों की जानकारी सामने आई थी। शहनवाज अपने इन साथियों की मदद से अलीगढ़ में किराये का मकान लेकर कई माह ठहरा था। शहनवाज ने मतांतरण करने वाली एक युवती से शादी भी की थी। युवती का बदला हुआ नाम खदीजा है।

रिजवान ने ही वजीहुद्दीन, माज बिन तारिक, अब्दुल्ला अर्सलान, अब्दुल समद, फैजान बख्तियार, नावेद सिद्दीकी व अरशद वारसी को आइएसआइएस की शपथ दिलाई थी और जिहाद के लिए तैयार किया था। जिसके बाद सभी आइएसआइएस के अपने नेटवर्क में अन्य युवकों को जोड़ने के साथ ही जिहाद से जुड़ी सामग्री उपलब्ध करा रहे थे। इनके देवबंद (सहारनपुर) के कुछ कनेक्शन भी सामने आए हैं, जिन्हें लेकर पड़ताल तेज की गई है।

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कई शहरों में फैला लिया था नेटवर्क

जांच में सामने आया है कि आरोपितों ने अपना नेटवर्क अलीगढ़ के अलावा संभल, प्रयागराज, लखनऊ, रामपुर, कौशाम्बी, सहारनपुर व अन्य जिलों में फैला लिया था। एटीएस ने आइएसआएस के पुणे माड्यूल से जुड़े संदिग्धों की जानकारी सामने आने के बाद तीन नवंबर को लखनऊ स्थित अपने थाने में विधि विरुद्ध क्रियाकलाप अधिनियम समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की थी।

एटीएस ने रविवार को अब्दुल्ला अर्सलान व माज बिन तारिक को अलीगढ़ से अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया था। जबकि उनके अन्य साथियों की तलाश की जा रही है। आरोपित देश विरोधी व आतंकी गतिविधियों वाले कई ग्रुपों से जुड़े रहे हैं। इनके द्वारा प्रदेश व अन्य राज्यों में आतंकी हमले का षड्यंत्र रख जा रहा था।

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